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दोनों विश्वविद्यालयों को देख मुग्ध हुईं चुनाव पर्यवेक्षक नेहा ठाकुर

दरभंगा। महाराष्ट्र कैडर की 2008 बैच की आईएएस नेहा ठाकुर गुरुवार को अपनी छोटी...

दोनों विश्वविद्यालयों को देख मुग्ध हुईं चुनाव पर्यवेक्षक नेहा ठाकुर
हिन्दुस्तान टीम,दरभंगाFri, 22 Oct 2021 03:40 PM
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दरभंगा। महाराष्ट्र कैडर की 2008 बैच की आईएएस नेहा ठाकुर गुरुवार को अपनी छोटी सी बच्ची के साथ ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय पहुंचीं।  ज्ञात हो कि वे विधानसभा चुनाव के क्रम में पर्यवेक्षक के रूप में पहली बार मिथिला आईं हुई हैं। मूल रूप से राजस्थान की रहने वाली नेहा ठाकुर मिथिला की धरोहर, सभ्यता एवं संस्कृति को जानने को उत्सुक हुईं। इसी क्रम में उन्होंने दोनों विश्वविद्यालयों का भ्रमण किया। उन्होंने मुख्य रूप से विश्वविद्यालय मुख्यालय, महाराजाधिराज कामेश्वर सिंह एवं सामाजिक शोध पुस्तकालय, केन्द्रीय पुस्तकालय, नरगौना पैलेस, संस्कृत विश्वविद्यालय एवं दरबार हॉल का मुआयना किया।  आरम्भ में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय की प्रतिकुलपति प्रो. डॉली सिन्हा एवं कुलसचिव प्रो. मुश्ताक अहमद ने आईएएस नेहा ठाकुर का स्वागत किया। उसके बाद उन्होंने पुस्तकालय प्रभारी एवं निदेशक प्रो. दमन कुमार झा, लॉ ऑफिसर डॉ. सोनी सिंह एवं उप कुलसचिव वन डॉ. कामेश्वर पासवान के साथ विभिन्न जगहों पर भ्रमण किया। सबसे पहले उन्होंने राज पुस्तकालय का भ्रमण किया। उन्होंने वहां की पुस्तकों के रखरखब पर संतोष व्यक्त किया और कहा कि प्राचीन पुस्तकों से समृद्ध यह पुस्तकालय मिथिला विश्वविद्यालय के लिए एक धरोहर के रूप में सुरक्षित है। शोध करने वालों के लिए यह पुस्तकालय अति उपादेय साबित होगा। इसके बाद वे केंद्रीय पुस्तकालय गईं, जहां भव्य पुस्तकालय को देखकर संतोष व्यक्त किया। वहां उन्होंने विभिन्न खण्डों को देखा और छात्रों के लिए दी जा रही सुविधा पर प्रसन्नता व्यक्त की। वहां उन्होंने मैथिली के चर्चित हास्यरस के जादूगर प्रो. हरिमोहन झा की पुस्तकें देखी और पढ़ने की इच्छा जाहिर की। उनकी खट्टर काकाक तरंग पुस्तक उन्होंने पढ़ी थी उसकी भी जानकारी दी। उसके बाद वे नरगौना पैलेस गयी। वहां की भव्यता उन्हें मोहित कर गई। पैलेस की विशेषता जानकर और उत्साहित होकर उन्होंने पूरे महल को देखा और भ्रमण किया। उसी क्रम में वे मैथिली विभाग भी गयीं, जहां हरिमोहन झा की फोटो देखकर अभिभूत हो गईं। वहां कई अन्य मैथिली के साहित्यकारों के विषय में जानकारी प्राप्त की।  इस क्रम में विभाग के अध्यक्ष प्रो. रमेश झा एवं प्रो. नारायण झा भी उपस्थित थे। भ्रमण के क्रम में वे राजनीतिशास्त्र विभाग भी गईं, जहां प्रो. मुनेश्वर यादव ने उन्हें इस भवन के इतिहास से संबंधित जानकारी दी। अंत में वे कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय गयीं। दरबार हॉल भी गयीं। वहां की भव्यता, नक्काशी एवं मूर्तिकला को देखकर अभिभूत हो गईं। वे वहां के कई दृश्यों को अपने मोबाइल में सुरक्षित करने से अपने आप को नहीं रोक सकी।  अंत में कुलसचिव प्रो. मुश्ताक अहमद के ऑफिस में जाकर उन्होंने शुक्रिया अदा की और कहा कि इस भव्य महल को सुरक्षित एवं संरक्षित रखने के लिए विश्वविद्यालय ने जो काम किया है उसके लिए कुलपति सहित सभी पदाधिकारी धन्यवाद के पात्र हैं। 

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