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डीएमसीएच: सिस्टम पर गंभीर सवाल उठा रहा है कचरे का ढेर

कोरोना से बचने के लिए विशेषज्ञ लोगों को साफ-सफाई पर पूरा ध्यान देने की सलाह दे रहे हैं। हालांकि, जब लोगों की बीमारी का इलाज करने वाले उत्तर बिहार का सबसे बड़ा चिकित्सा संस्थान डीएमसीएच स्वयं बीमार...

डीएमसीएच: सिस्टम पर गंभीर सवाल उठा रहा है कचरे का ढेर
हिन्दुस्तान टीम,दरभंगाSat, 03 Oct 2020 04:52 PM
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कोरोना से बचने के लिए विशेषज्ञ लोगों को साफ-सफाई पर पूरा ध्यान देने की सलाह दे रहे हैं। हालांकि, जब लोगों की बीमारी का इलाज करने वाले उत्तर बिहार का सबसे बड़ा चिकित्सा संस्थान डीएमसीएच स्वयं बीमार रहेगा तो गंदगी से पैदा होने वाली बीमारियों से कैसे लोगों को दूर रखा जा सकेगा। डीएमसीएच परिसर में ओपीडी भवन के सामने से गुजरने वाली मुख्य सड़क किनारे जमा कूड़े के अम्बार पर नजर पड़ते अनायास लोगों के जुबान से ये शब्द निकल पड़ते हैं। बारिश होने पर वहां जमे ढेर में पड़ा कचरा सड़ने लगता है। दुर्गंध के कारण आम लोग परेशान रहते हैं। साफ-सफाई के तमान दावों के बावजूद नगर निगम प्रशासन के अलावा डीएमसीएच प्रशासन परिसर की बदहाली के प्रति उदासीन बना बैठा है। सड़क किनारे जमा कचरे के ढेर के बीच दिनभर आवारा पशु विचरण करते रहते हैं। इस्तेमाल किए गए पीपीई किट वहां खुलेआम फेंके जा रहे हैं। कचरे के ढेर में बड़ी मात्रा में मेडिकल बायोवेस्ट भी पड़ा है। बीच-बीच में कचरे को आग के हवाले कर दिया जाता है। उसमें से उठ रहे दूषित धुएं से पूरा वातावरण प्रदूषित हो जाता है। इसके खिलाफ आसपास के लोगों की उठने वाली आवाज भी मानो कचरे के ढेर में दफन हो जाती है। कई लोग अस्पताल प्रशासन को इससे वाकिफ भी करा चुके हैं। हर बार उनलोगों को आश्वासन तो दिया जाता है पर उनकी परेशानियों को दूर करने का कोई प्रयास नहीं किया जाता है। पड़ोस में रहने वाले मो़ नौशाद सवाल उठाते हुए कहते हैं कि उत्तर बिहार के सबसे बड़े चिकित्सा संस्थान में कचरे का ढेर लगा रहना कहां से वाजिब है। अस्पताल अधीक्षक डॉ़ मणि भूषण शर्मा ने बताया कि नगर निगम को स्थिति से अवगत करा दिया गया है।

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