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राफेल सौदे पर कांग्रेस ने किया गुमराह

राफेल सौदेबाजी के नाम पर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष एवं लोकसभा सदस्य राहुल गांधी की ओर से देश के सामने तथ्यहीन, बेबुनियाद, निराधार एवं तार्किक प्रश्न खड़ा करके उसे दुष्प्रचारित किया गया तथा देश की...

राफेल सौदे पर कांग्रेस ने किया गुमराह
हिन्दुस्तान टीम,दरभंगाWed, 19 Dec 2018 04:54 PM
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राफेल सौदेबाजी के नाम पर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष एवं लोकसभा सदस्य राहुल गांधी की ओर से देश के सामने तथ्यहीन, बेबुनियाद, निराधार एवं तार्किक प्रश्न खड़ा करके उसे दुष्प्रचारित किया गया तथा देश की जनता को गुमराह करने का कार्य किया गया। ये बातें प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता सह जाले के विधायक जीवेश मिश्र ने मंगलवार को सर्किट हाउस में प्रेस वार्ता में कही।

प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि इस मामले पर सर्वोच्च न्यायालय में चार याचिकाएं दाखिल की गई। इन याचिकाओं में निर्णय प्रक्रिया, कीमत तथा ऑफसेट पार्टनर को लेकर तीन विषय प्रमुखता से उठाए गए थे। विगत 14 दिसंबर को सर्वोच्च न्यायालय ने सभी याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान इस पूरी प्रक्रिया को पारर्दिशता एवं नियमों के अनुरूप पाया। इस निर्णय ने यह संदेश भी दिया है कि राष्ट्र एवं सुरक्षा से जुड़े विषयों को सिर्फ संदेह और भ्रामक समाचारों के आधार पर न्यायालय के मंच का उपयोग नहीं किया जा सकता है। श्री मिश्रा ने संबोधन में आगे बताया कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनने के उपरांत सुरक्षा की दिशा में सकारात्मक पहल हुई तथा पारदर्शी तरीके से इस प्रक्रिया को पूरा किया गया।

लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सेना की महत्वपूर्ण जरूरत को हीला हवाला में लटकाने वाले कांग्रेस और इसके अध्यक्ष बेबुनियाद दुष्प्रचार कर रहे हैं। प्रेस सम्मेलन में जिला अध्यक्ष हरि सहनी, प्रदेश किसान मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. मुरारी मोहन झा, भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष गोपाल जी ठाकुर, जिला प्रभारी राम कुमार झा, जिला उपाध्यक्ष विजय चौधरी, महामंत्री संगीता साह, मीडिया प्रभारी अमलेश झा, मुकुंद चौधरी, संतोष पासवान, सहकारिता मंच के अध्यक्ष ज्योति कृष्ण झा लवली आदि मौजूद रहे।

समझौते पर संदेह करने का कोई ठोस आधार नजर : जीवेश

प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि न्यायालय ने सभी याचिकाओं को खारिज करते हुए यह स्पष्ट किया है कि इस समझौते पर किसी भी प्रकार का कोई संदेह करने का कोई ठोस आधार नजर नहीं आता है। न्यायालय ने साक्ष्यों के आधार पर यह भी पाया कि वायुसेना में ऐसे विमानों की जरूरत है और इस जरूरत की पूर्ति के लिए हुई इस खरीद प्रक्रिया में तय मानकों का पालन किया गया है। न्यायालय ने स्पष्ट कर दिया कि समझौते पर लोगों की निजी राय क्या है यह मायने नहीं रखता है।

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