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नासूर बनी हुई है जलजमाव की समस्या

जाले। महर्षि गौतम की कर्मक्षेत्र एवं तपस्थली के लिए ब्रह्मपुर विश्व विख्यात भूखंड क्षेत्र...

नासूर बनी हुई है जलजमाव की समस्या
हिन्दुस्तान टीम,दरभंगाFri, 18 Jun 2021 09:20 PM
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जाले। महर्षि गौतम की कर्मक्षेत्र एवं तपस्थली के लिए ब्रह्मपुर विश्व विख्यात भूखंड क्षेत्र है। वर्तमान में प्रशासनिक व्यवस्था के लिए इसका नाम ब्रह्मपुर पश्चिमी पंचायत है। ब्रह्मपुर गांव की दो प्रमुख सड़क बजरंग चौक से ब्रह्मपुर हाट और कदमचौक से ईटोखर पोखर सड़क इस गांव की आबादी को इलाके की दो प्रमुख सड़क जाले-अतरबेल और कमतौल-भरवाड़ा सड़क से जोड़ती है। वहीं गांव से गुजरने वाली दो सड़कों को स्वतंत्रता सेनानी रहे स्व. भाग्य नारायण ठाकुर संतजी के घर से लेकर स्व. नागेश्वर ठाकुर के घर तक वाली सड़क जोड़ती है। इस सड़क को ब्रह्मपुर की लाइफ लाइन सड़क कहा जाता है। इस सड़क में डा. बिभीषन ठाकुर के घर से शिक्षक हरिशचंद्र मंडल के घर तक जलजमाव की भीषण समस्या है। यह समस्या कोई आज की नहीं है, बल्कि वहां पर चौदह-पंद्रह वर्षों से भी अधिक समय से बरकरार है। पिछले पांच-छह वर्षों से यह समस्या बिकराल हो गई है। खासकर वर्षात के समय में यह समस्या गांव के लोगों को काफी कष्ट पहुंचाती है, बावजूद इसके इस समस्या का निदान नहीं हो पा रहा है। इस समस्या से कोई एक सौ परिवार प्रभावित है। दो दर्जन से अधिक परिवार की स्थिति नारकीय बनी हुई है। उन्हें घर से बाहर निकलने में जहां कठिनाई हो रही है, वहीं जलजमाव की वजह से उन लोगों के स्वास्थ्य पर भी दुष्प्रभाव पड़ रहा है। इस मामले की तह में जाने पर यह पता चला कि पंद्रह वर्ष पूर्व मुखिया राजेश यादव के कार्यकाल में फूड फॉर वर्क योजना के तहत नागेश्वर ठाकुर के घर से भाग्य नारायण ठाकुर के घर तक कच्ची सड़क का मिट्टी सह खरंजाकरण हुआ था। मिट्टी कार्य के समय कुछ लोगों ने, जहां पर आज जलजमाव है अपना घर सड़क से नीचे न हो जाए इस सोच के साथ फूड फॉर वर्क कार्यक्रम में वहां सड़क पर मिट्टी नहीं डालने दिया। सड़क को उंचा किए वहां सड़क भाग का खरंजाकरण हो गया। इस वजह से यह सड़क लगभग चार सौ फीट में उंची नहीं हो पाई। दूसरी ओर इस सड़क में जहां जलजमाव की समस्या है, वहां पर कुछ लोगों ने सड़क का अतिक्रमण भी कर रखा है। कोई भी अतिक्रमणकारी अपने कब्जे को हटाना नहीं चाहते, बल्कि अतिक्रमण का ठीकरा एक-दूसरे पर फोड़ते रहते हैं। ग्राम पंचायत की ओर से पिछले दस वर्षों से इस समस्या के समाधान को लेकर कोशिशें की जा रही है। सड़क-अतिक्रमण की समस्या ने सामाजिक-कैंसर का रूप ले लिया है, जिसकी वजह से फिलहाल इस समस्या का ग्राम पंचायत और सामाजिक स्तर पर हल होता हुआ नहीं दिखाई दे रहा है। पिछले कई वर्षों की पहल की बातें छोड़ दें तो इस वर्ष भी मई और जून महीने में इस समस्या के समाधान के लिए ग्राम पंचायत की ओर से जगह जगह चार-पांच बैठकें की गई। इस समस्या के समाधान के लिए ग्राम पंचायत की ओर से नौ जून को आम सभा का भी आयोजन किया गया, लेकिन आश्चर्य की बात है इस आमसभा में वही लोग नहीं भाग लिए, जो लोग जल जमाव की दुष्वारियों से जूझ रहे हैं।इधर, दो दिनों से जलजमाव क्षेत्र के लोगों ने सड़क पर बैरियर लगा दिया है। इससे सड़क हेलकर आने जाने वाले लोगों के लिए भी यह रास्ता बंद-सा हो गया है। मुखिया, पल्लवी रानी ने बताया इस समस्या के समाधान के लिए उन्होंने पूरी तरह से तत्परता दिखाई । कुछ लोगों की ढ़ुलमुल नीति से समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। इस समस्या के निदान के लिए सात निश्चय योजना से ग्राम पंचायत की ओर से रामदयाल बाबा के घर से ब्रह्मस्थान होते हुए लखानी चौड़ी कर नाला निर्माण की कार्रवाई शुरू करवाई गई थी। कुछ लोगों ने इस पर विरोध कर दिया। इस वजह से खुदबाए गए नाला को भरवा देना पड़ा। यह क्षण मेरे लिए अपार कष्ट से भरा था।

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