गोनू झा के समय से ही भरवाड़ा में हो रही भगवती की उपासना
कहा जाता है कि वाकपटुता के धनी गोनू झा के समय से ही उनके गांव भरवाड़ा में मां भगवती की उपासना चल रही है। गोनू झा एवं उनके समकालीन माने जाने वाले गुणी गरबी दयाल के समय से ही दुर्गा पूजा के मौके पर मां...
कहा जाता है कि वाकपटुता के धनी गोनू झा के समय से ही उनके गांव भरवाड़ा में मां भगवती की उपासना चल रही है। गोनू झा एवं उनके समकालीन माने जाने वाले गुणी गरबी दयाल के समय से ही दुर्गा पूजा के मौके पर मां भगवती के सातो बहिनिया की आराधना होती है। आसपास के जिले ही नहीं पड़ोसी देश नेपाल से भी भक्तों की टोली मां का अलख जगाने मांदर, झाल, करताल बजाते हुए गरबी दयाल के गहवर तक पहुंचते रहे हैं। वर्ष 1971 से यहां अलग मंदिर बना कर दुर्गापूजा का विधिवत आयोजन शुरू किया गया। मेले के समय यहां चप्पे-चप्पे पर लगी सीसीटीवी की नजर से सिंहवाड़ा पुलिस एवं शांति समिति के लोग व्यवस्था पर नजर रखते हैं। पूजा के दौरान प्रतिदिन संध्या दीप लेकर समूह में मंगल गीत गाते हुए माता के दरबार में बड़ी संख्या में महिलाएं पहुंचती है।