बेहतर ट्रेनिंग से नवजात मृत्यु दर में होगी कमी : प्राचार्य
डीएमसीएच के शिशु रोग विभाग में 14 अक्टूबर से चल रही एफबीएनसी की ट्रेनिंग गुरुवार को वेलेडिक्ट्री सेशन के साथ समाप्त हुई। इस मौके पर दरभंगा मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एचएन झा व अस्पताल अधीक्षक डॉ....
डीएमसीएच के शिशु रोग विभाग में 14 अक्टूबर से चल रही एफबीएनसी की ट्रेनिंग गुरुवार को वेलेडिक्ट्री सेशन के साथ समाप्त हुई। इस मौके पर दरभंगा मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एचएन झा व अस्पताल अधीक्षक डॉ. राज रंजन प्रसाद ने ट्रेनिंग में शामिल हुए 24 डॉक्टरों व नर्सों को प्रशस्ति पत्र दिया। ट्रेनिंग में नालंदा, बेतिया, अररिया, सुपौल, खगड़िया, किशनगंज, भागलपुर एवं डीएमसीएच के डॉक्टर और नर्सों ने भाग लिया। समापन समारोह में चिकित्सकों व नर्सों को संबोधित करते हुए प्राचार्य डॉ. एचएन झा ने कहा कि पांच साल की उम्र से नीचे के बच्चों की मृत्यु दर में कमी लाने में नवजात शिशुओं की मृत्यु दर में आशा के अनुरूप कमी नहीं आना बाधक बन रहा है। केन्द्र व राज्य सरकार ने 2020 तक इसमें कमी लाने का प्रण लिया है। उन्होंने कहा कि नवजात शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए सभी जिलों में एसएनसीयू की स्थापना की गयी है। इस एसएनसीयू में जो भी नवजात शिशु बीमार होते हैं उनके इलाज की समुचित व्यवस्था की गई है। उम्मीद है कि ट्रेनिंग के उपरांत डॉक्टर व नर्स अपने-अपने जिलों के एसएनसीयू जाकर उच्च कोटि की सेवा देंगे। अस्पताल अधीक्षक डॉ. राज रंजन प्रसाद ने कहा कि नवजात शिशुओं में मृत्यु के मुख्य कारण जन्म के समय सांस नहीं ले पाना, संक्रमण, कम वजन और कुछ जन्मजात बीमारियां मुख्य कारण हैं। बेहतर ट्रेनिंग पाकर चिकित्सक अधिकतर बच्चों की जान बचा सकेंगे। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य केन्द्रों में भी नवाजात शिशुओं के उपचार के लिए सरकार की ओर से पूरी व्यवस्था की जा रही है। इस मौके पर शिशु रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. केएन मिश्रा के अलावा प्रशिक्षक डॉ. ओमप्रकाश, डॉ. अशोक कुमार एवं डॉ. रिजवान हैदर ने भी नवजात शिशु मृत्यु दर में कमी लाने को लेकर कई बातें रखी।