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जिले में दस से 16 साल के किशोरों को दी जाएगी जायेगी टीडी की वैक्सीन

टेटनस व डिप्थेरिया से सुरक्षा के लिये टीडी वैक्सीन लगाना जरूरी कार्यक्रम के तहत अब दस से 16 साल के किशोर-किशोरियों को टीडी वैक्सीन लगायी जायेगी। टेटनस व डिप्थेरिया जैसे रोग से बचाव के लिये टीडी की...

जिले में दस  से 16 साल के किशोरों को दी जाएगी जायेगी टीडी की वैक्सीन
हिन्दुस्तान टीम,छपराSun, 08 May 2022 09:10 PM
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टेटनस व डिप्थेरिया से सुरक्षा के लिये टीडी वैक्सीन लगाना जरूरी

आरबीएसके की टीम करेगी टीकाकरण में सहयोग

छपरा, हमारे संवाददाता। जिले में नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के तहत अब दस से 16 साल के किशोर-किशोरियों को टीडी वैक्सीन लगायी जायेगी। टेटनस व डिप्थेरिया जैसे रोग से बचाव के लिये टीडी की वैक्सीन महत्वपूर्ण है। कम उम्र के किशोरों को दोनों ही रोग का खतरा अधिक होता है। लिहाजा इसे बचाव के लिये जिले के शतप्रतिशत किशोरों को टीकाकृत किया जाना है। इसे राजस्व समिति के अधिकारी ने सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा व जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी चंदेश्वर सिंह को दिशा निर्देश दिये हैं। कार्यपालक निदेशक के मुताबिक आरबीएसके की टीम के माध्यम से किशोरों का टीकाकरण सुनिश्चित कराया जाना है। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत नियमित अंतराल पर स्कूली बच्चों की स्वास्थ्य जांच की जाती है। स्वास्थ्य जांच के क्रम में ही बच्चों को टीडी की वैक्सीन लगायी जानी है। इसमें आरबीएसके टीम की भूमिका को महत्वपूर्ण माना गया है। पीएचसी स्तर से टीम को इसे लेकर हर जरूरी मदद उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। विद्यालयों में टीकाकरण के बाद इसका दैनिक प्रतिवेदन संबंधित पीएचसी को उपलब्ध कराया जाना है। संबंधित कर्मियों को जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी के माध्यम से इसे लेकर जरूरी प्रशिक्षण दिया जायेगा। टेटनस व डिप्थेरिया दोनों ही संक्रामक रोग है। कम उम्र के किशोरों को इसका ज्यादा खतरा होता है। उच्च रक्तचाप, तंत्रिका तंत्र का प्रभावित होना, मांसपेशियों में ऐंठन, गर्दन व जबड़े में अकड़न व पीठ का आकार धनुषाकार होना इसके कुछ प्रमुख लक्षण हैं। वहीं डिप्थेरिया की रोगियों को सांस लेने में तकलीफ, गर्दन में सूजन, बुखार व खांसी इसके शुरुआती लक्षण हैं। रोगी के छींकने व खांसने की वजह से दूसरे लोगों के भी इससे संक्रमित होने का खतरा होता है। गर्भवस्था के आरंभ में महिलाओं को टीका का पहला व इसके बाद दूसरा टीका पहले टीका के एक माह बाद दिया जाता है। वहीं कम उम्र के किशोरों को टीडी बूस्टर डोज दिये जाने से रोग संबंधी मामलों पर प्रभावी नियंत्रण संभव है। इसी उद्देश्य से इसे नियमित टीकाकरण में शामिल किया गया है। आरबीएसके की टीम किशोरों के टीडी टीकाकरण में जरूरी सहयोग प्रदान करेगी।

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