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चौसा में मुखिया पद के लिए 81 उम्मीदवारों के बीच जोर आजमाईश

चौसा। संवाद सूत्र हुई है। पंचायत की सरकार में विकास कार्यों के कारण मुखिया का महत्व सबसे ज्यादा रहने के कारण इसबार के पंचायत चुनाव में भी अन्य पदों के साथ ही मुखिया पद की लड़ाई सबसे दिलचस्प बनी हुई...

चौसा में मुखिया पद के लिए 81 उम्मीदवारों के बीच जोर आजमाईश
हिन्दुस्तान टीम,बक्सरMon, 15 Nov 2021 06:00 AM
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चौसा। संवाद सूत्र

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के तहत आठवें चरण में इस माह की 24 तारीख़ को होने वाले मतदान के लिए विभिन्न पदों के उम्मीदवारों के बीच चुनावी संघर्ष और जोर आजमाइश लगातार तेज होता जा रहा है। सभी नौ पंचायतों में सबकी नजर मुखिया पद पर बनी हुई है। पंचायत की सरकार में विकास कार्यों के कारण मुखिया का महत्व सबसे ज्यादा रहने के कारण इसबार के पंचायत चुनाव में भी अन्य पदों के साथ ही मुखिया पद की लड़ाई सबसे दिलचस्प बनी हुई है। सभी नौ पंचायतों में मुखिया पद की कुर्सी हासिल करने के लिए सभी प्रत्याशियों के बीच जोर आजमाइश और संघर्ष लगातार तेज होता जा रहा है। मतदाताओं की खामोशी की वजह से विभिन्न पंचायतों में मुखिया पद की दावेदारी पेश करने वाले लगभग सभी पुरुष और महिला उम्मीदवारों को चुनाव जीतने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ रहा है।

नौ पंचायतों में है कुल 81 उम्मीदवार:

चौसा पंचायत को नगर पंचायत में शामिल किए जाने के बाद इस बार दस पंचायतों की अपेक्षा नौ पंचायतों में ही मुखिया पद सहित अन्य पदों के लिए मतदान हो रहा है। विगत 21 अक्टूबर से 27 अक्टूबर तक चले नामांकन का पर्चा दाखिल करने के दौरान प्रखण्ड के सभी नौ पंचायतों में कुल 92 पुरुष और महिला उम्मीदवारों के द्वारा नामांकन का पर्चा दाखिल किया गया था। एक नवम्बर को नाम वापसी के दौरान कुल 11 प्रत्याशियों के द्वारा नाम वापस लिए जाने के बाद सभी नौ पंचायतों में मुखिया पद के लिए अब कुल 81 उम्मीदवार चुनावी अखाड़े में ताल ठोक रहे हैं।

पंचायत वार उम्मीदवारों की संख्या:

नौ पंचायतों में नाम वापसी के बाद प्रखण्ड कार्यालय के निर्वाचन शाखा के द्वारा चुनाव चिह्न आबंटित किए जाने के बाद मुखिया पद के 81 उम्मीदवारों में से सबसे ज्यादा उम्मीदवार कैमूर जिले की सीमा से सटे प्रखण्ड के सुदूरवर्ती रामपुर पंचायत में 15 प्रत्याशियों के बीच सत्ता का संघर्ष देखने को मिल रहा है। इसके अलावा डिहरी पंचायत में 7, पलिया में 10, जलीलपुर में 7, सिकरौल में 8, सरेंजा में 6, बनारपुर में 11, चुन्नी में 9 और पवनी में 8 प्रत्याशियों के बीच मुकाबला है। पंचायतों से छनकर आ रही तस्वीरों में कुछ पंचायतों में मुखिया पद के लिए एक ओर जहां आमने-सामने का सीधा मुकाबला देखने को मिल रहा है, वहीं दूसरी और कुछ पंचायतों में विभिन्न प्रत्याशियों के बीच त्रिकोणीय और चतुष्कोणीय संघर्ष होता दिखाई दे रहा है। इसके लिए विभिन्न पंचायतों में मुखिया पद के लगभग सभी उम्मीदवार पंचायत की सरकार बनाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाते हुए चुनाव के मैदान में संघर्ष करते हुए अपना चुनाव - प्रचार और जनसंपर्क अभियान लगातार तेज करने में जुट गए हैं।

इन चार पंचायतों में है महिलाओं के लिए है मुखिया पद:

सभी नौ पंचायतों में से चार पंचायतों में मुखिया पद के लिए महिला उम्मीदवारों के लिए सीट आरक्षित हैं। महिला उम्मीदवारों के लिए आरक्षित सीटों में पवनी, पलिया, जलीलपुर और बनारपुर पंचायत शामिल हैं। जलीलपुर पंचायत में अति पिछड़ा वर्ग की महिला उम्मीदवार तथा बनारपुर पंचायत में अनुसूचित जाति की महिला उम्मीदवार मुखिया पद के लिए एक-दूसरे के सामने ताल ठोक रही है। ऐसे में, चुनावी नजारा अत्यंत दिलचस्प और रोचक बनता जा रहा है। सभी की नजर अन्य पदों के साथ ही मुखिया पद की लड़ाई पर विशेष रूप से टिकी हुई है। ‌कांटे के संघर्ष और आमने-सामने के सीधे मुकाबले में विभिन्न पंचायतों में कौन-कौन जीत कर सत्ता हासिल कर पाता है। यह 24 नवम्बर को होने वाले मतदान के बाद 26 नवम्बर को ही सभी के सामने नजर आएगा। फिलहाल, मतदान के साथ अभी सत्ता का संघर्ष भी बाकी है। बस, आनेवाला वक्त इंतजार है।

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