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जेपी विवि : पीजी थर्ड सेमेस्टर की परीक्षा स्थगित करने को उठी आवाज

ली पीजी थर्ड सेमेस्टर की परीक्षा को स्थगित करने की आवाज उठने लगी है। पीजी शिक्षक संघ के सचिव प्रो. रणजीत कुमार , शोध विद्यार्थी संगठन के प्रवक्ता सौरभ कुमार गोलू समेत अन्य संगठन के नेताओं ने कुलसचिव...

जेपी विवि : पीजी थर्ड सेमेस्टर की परीक्षा स्थगित करने को उठी आवाज
हिन्दुस्तान टीम,छपराTue, 13 Apr 2021 07:50 PM
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छात्र व शिक्षक संगठन ने अन्य विश्वविद्यालयों के आदेश को बनाया आधार

कार्यालय आने वाले शिक्षक व कर्मचारी दहशत के माहौल में कर रहे काम

छपरा। हिंदुस्तान प्रतिनिधि

जयप्रकाश विश्वविद्यालय में 17 अप्रैल से शुरू होने वाली पीजी थर्ड सेमेस्टर की परीक्षा को स्थगित करने की आवाज उठने लगी है। पीजी शिक्षक संघ के सचिव प्रो. रणजीत कुमार , शोध विद्यार्थी संगठन के प्रवक्ता सौरभ कुमार गोलू समेत अन्य संगठन के नेताओं ने कुलसचिव को पत्र देकर परीक्षा स्थगित करने और कोविड प्रोटोकॉल के अंतर्गत 33 प्रतिशत शिक्षक व कर्मियों की उपस्थिति की मांग की है। शिक्षक संघ ने शिक्षकों की भौतिक उपस्थिति को तत्काल प्रभाव से बंद करते हुए ऑनलाइन पढ़ाई वर्क फ्रॉम होम के माध्यम से जारी रखने की मांग दुहराई है। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में परीक्षा स्थगित और शिक्षकों की भौतिक उपस्थिति बंद करने के आदेश को आधार बनाते हुए जयप्रकाश विश्वविद्यालय में भी आदेश लागू करने को कहा है। मंगलवार को त्राहिमाम करते हुए कर्मचारी कुलपति से मिले। वे संक्रमण को लेकर अपने अंदर दहशत के माहौल से वीसी को अवगत कराया लेकिन उसका सकारात्मक प्रभाव सामने नहीं आया। कर्मचारियों ने बताया कि कुलपति ने स्पष्ट कहा कि विश्वविद्यालय पूर्व की तरह संचालित होते रहेगा जिसको जाना होगा, अवकाश लेकर जाएगा। मालूम हो कि जयप्रकाश विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति, पीजी के एक विभागाध्यक्ष, राजेंद्र कॉलेज के 10 शिक्षक समेत एक दर्जन से अधिक लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। बावजूद अब तक जिला प्रशासन के द्वारा भी माइक्रो कंटेंटमेंट जोन घोषित नहीं किया जा सका है। इसको लेकर भय और दहशत के माहौल में शिक्षक कर्मचारी व पदाधिकारी काम करने पर मजबूर है। उधर,विवि से सटे स्थित इंजीनियरिंग कॉलेज में भी दो प्राध्यापक की रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है।

स्नातकोत्तर तृतीय सेमेस्टर समेत एमबीए व इंजीनियरिंग का एग्जाम कैंसिल करें विवि:आरएसए

आरएसए के प्रवक्ता सौरभ कुमार गोलू ने कहा कि विश्वविद्यालय कैंपस सहित महाविद्यालय में करोना संक्रमण तेज़ी से फैल रहा है । कई शिक्षक सहित कर्मचारी इसकी जद में हैं । उसके बाद भी विश्विद्यालय प्रसासन सजग नहीं है। विश्वविद्यालय प्रशासन को स्नातकोत्तर तृतीय सेमेस्टर, एमबीएम, इंजीनियरिंग की परीक्षा तत्काल प्रभाव से रोक देनी चाहिए। राज्य के कई विश्वविद्यालय ने अपना परीक्षा स्थगित कर दिया है। जयप्रकाश विश्वविद्यालय प्रशासन ऐसा कुछ नहीं कर रहा है। कुलपति छात्र-छात्राओं के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन की इतनी लापरवाही है कि एक कोरोना पॉजिटिव छात्र का इतिहास विभाग में पीएचडी का ओपन वायवा लिया गया। वही एक विभाग के विभागाध्यक्ष खुद कोरोना पॉजिटिव होते हुए विश्वविद्यालय के दबाव के कारण ओपन वायवा लिए जिसमें विश्वविद्यालय के कर्मचारी भी शामिल थे। संक्त्रमित शिक्षक एग्जाम आयोजित करंगे तो छात्र -छात्रा उसकी जद में आयंगे।

पीजी विभागों में पर्याप्त जगह नहीं,कोविड प्रोटोकॉल का पालन असम्भव: प्रो. रणजीत

जयप्रकाश विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर शिक्षक संघ के सचिव प्रोफेसर रणजीत कुमार ने कुलसचिव को पत्र देते हुए शिक्षा शिक्षकों को भौतिक उपस्थिति से मुक्त करने की मांग की है । उन्होंने पत्र में कहा है कि कोरोना संक्रमण में बेतहाशा वृद्धि हो रही है। स्नातकोत्तर विभागों और महाविद्यालयों में कोरोना के तहत उचित दूरी का अनुपालन संभव नहीं है क्योंकि शिक्षकों के बैठने के लिए अलग-अलग कक्ष उपलब्ध नहीं है। यही वजह है कि स्नातकोत्तर विभागों व विभिन्न महाविद्यालयों में कार्यरत दर्जनों शिक्षक कोरोनावायरस से संक्रमित हो गए हैं । संक्रमित शिक्षकों के संपर्क में रह चुके अन्य शिक्षकों को भी संक्रमित होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। मालूम हो कि बिहार सरकार के पत्र के आलोक में छात्रों का विभाग और महाविद्यालयों में आना वर्जित है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रशासनिक भवन में छात्रों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया है। कोरोनावायरस की स्थिति बेकाबू होती प्रतीत हो रही है । कोरोनावायरस की भयावहता के बावजूद विश्वविद्यालय प्रशासन ने 17 अप्रैल से पीजी तृतीय सेमेस्टर की परीक्षा आयोजित करने का निर्णय लिया है जो बहुत ही जोखिम भरा कदम है। बिहार के अन्य विश्वविद्यालयों में परीक्षा को टाल दिया गया है। और शिक्षकों की भौतिक उपस्थिति की बाध्यता को भी समाप्त कर दिया गया है । परिस्थिति को देखते हुए शिक्षकों को अपने आवास से ही ऑनलाइन वर्ग संचालन की अनुमति की मांग की गई है । विशेष परिस्थिति में है भले ही शिक्षकों को विश्वविद्यालय या महाविद्यालयों में भुलाने को बाध्य किया जाए। शिक्षक कर्मचारियों के जान को जोखिम में डालकर परीक्षा कराने का कोई औचित्य नहीं है । इसलिए परीक्षा को अविलंब स्थगित किया जाए। स्नातकोत्तर विभागों एवं महाविद्यालयों को समय-समय पर सैनिटाइज कराना सुनिश्चित किया जाए। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय फिलहाल सभी परीक्षाओं को स्थगित करते हुए शिक्षकों की भौतिक उपस्थिति को रोक लगा दी गई है।

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