चार हजार लोगों की हुई स्क्रीनिंग, 11 मिले संदिग्ध
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चार हजार लोगों की हुई स्क्रीनिंग, 11 मिले संदिग्ध
कैंसर की पुष्टि पर किया जाएगा मुफ्त इलाज
महिलाएं ब्रेस्ट व सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए कराएं जांच
तंबाकू सेवन से बढ़ रहे मुंह के कैंसर के रोगी
सदर अस्पताल में चलेगी नियमित जांच
फोटो:
कैंसर टेस्ट: सदर अस्पताल में कैंसर को लेकर स्क्रीनिंग करती डॉ. सूर्या एस भारती।
बिहारशरीफ। निज संवाददाता
कैंसर रोगियों की पहचान के लिए पंचायत स्तर पर लोगों की स्क्रीनिंग की जा रही है। अब तक चार हजार लोगों की स्क्रीनिंग हो चुकी है। इनमें 11 संदिग्ध मामले मिले हैं। अब आगे जांच की प्रक्रिया की जाएगी। कैंसर की पुष्टि होने पर उनके इलाज व ऑपरेशन की मुफ्त व्यवस्था की जाएगी। खासकर महिलाएं ब्रेस्ट व सर्वाइकल कैंसर की चपेट में अधिक आती हैं। जबकि, पुरुष तंबाकू सेवन के कारण मुंह के कैंसर से पीड़ित होते हैं। मौजूदा समय में नालंदा में भी एक हजार में एक व्यक्ति मुंह के कैंसर से पीड़ित है। तंबाकू सेवन के कारण ही मुंह के कैंसर के रोगी बढ़ रहे हैं। कैंसर रोगियों की पहचान के लिए सदर अस्पताल में भी नियमित स्क्रीनिंग चालू है।
स्क्रीनिंग टीम की डॉ. सूर्या एस भारती ने बताया कि समय पर जांच होने से लोगों से कैंसर से बचाया जा सकता है। क्योंकि, पेनलेस (दहिन) रहने से पहले व दूसरे स्टेज में इसका पता तक नहीं चलता है। इस स्क्रीनिंग का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में छुपे कैंसर रोगियों की तलाश करना है। लोगों को इसके प्रति जागरूक करना है। 18 साल से अधिक उम्र की महिलाओं में स्तन (ब्रेस्ट) कैंसर तो 30 से 60 साल की महिलाओं में बच्चेदानी के मुख का (सर्वाइकल) कैंसर बहुत ही सामान्य है। इससे बचने के लिए इस उम्र की महिलाओं को नियमित जांच करानी चाहिए। इसमें टीम के कंप्यूटर ऑपरेटर राकेश कुमार, असिस्टेंट रौशन आरा व अन्य ने सहयोग किया। मुजफ्फरपुर स्थित होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र, टाटा स्मारक केन्द्र की एक इकाई (डिपार्टमेंट ऑफ एटॉमिक एनर्जी, भारत सरकार) व बिहार सरकार के संयुक्त प्रयास में आरईसी फाउंडेशन द्वारा मुख, स्तन एवं बच्चेदानी के मुख के कैंसर रोगियों की स्क्रीनिंग की जा रही है। यह अभियान नालंदा समेत राज्य के 14 जिलों में चल रहा है।