सारण को कालाजार उन्मूलन में उत्कृष्ट कार्य के लिए राज्य स्तर पर अवार्ड
पेज चार की बॉटम जिला होगा घोषित फोटो 3 जिला मलेरिया पदाधिकारी को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित करते स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय छपरा, हमारे संवाददाता। सारण जिले को कालाज़ार उन्मूलन में उत्कृष्ट...

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने जिला मलेरिया पदाधिकारी को किया सम्मानित कालाज़ार उन्मूलन के लिए सारण में हुए कार्य, कालाज़ार मुक्त जिला होगा घोषित फोटो 3 जिला मलेरिया पदाधिकारी को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित करते स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय छपरा, हमारे संवाददाता। सारण जिले को कालाज़ार उन्मूलन में उत्कृष्ट योगदान के लिए राज्य स्तर पर सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार राज्य सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने पटना में आयोजित एक विशेष समारोह में जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दिलीप कुमार सिंह, वीडीसीओ अनुज कुमार व उनकी पूरी टीम को प्रदान किया। मंत्री ने सम्मान के प्रतीक चिन्ह और सर्टिफिकेट देकर उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण को सराहा। स्वास्थ्य मंत्री ने समारोह में कहा कि कालाज़ार जैसे खतरनाक रोग से निपटने के लिए राज्य में सारण जिले ने एक मिसाल पेश की है। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ दिलीप कुमार सिंह ने कहा कि यह पुरस्कार केवल उन्हें नहीं, बल्कि उनकी पूरी टीम को मिला है। उन्होंने बताया कि कालाज़ार उन्मूलन में पूरी टीम का योगदान है, और यह सफलता सामूहिक प्रयासों का नतीजा है। बताया कि कालाज़ार उन्मूलन के लिए टीम ने विभिन्न गांवों और क्षेत्रों में निरंतर जागरूकता अभियान चलाया, मरीजों की पहचान की और उनका उचित इलाज किया। सारण जिले में कालाज़ार उन्मूलन के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए। इस रोग को समाप्त करने के लिए जिले में व्यापक स्तर पर स्वास्थ्य अभियान चलाए गए, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर जाकर जागरूकता अभियान चलाया गया और कालाज़ार के मरीजों का समय पर इलाज किया गया। प्राप्त लक्ष्य को 3 साल तक रखा गया कायम वीडीसीओ अनुज कुमार ने बताया कि 2022 में जिले ने कालाज़ार उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त कर लिया। इसके तहत यह सुनिश्चित किया गया था कि जिले के किसी भी प्रखंड में 10,000 की आबादी पर एक से अधिक कालाज़ार के मरीज न हों। इस मानक को पूरा करने के बाद जिले को कालाज़ार उन्मूलन का प्रमाणपत्र मिला। इसके बाद, जिले में कालाज़ार को पूरी तरह से नियंत्रित रखने के लिए निरंतर निगरानी रखी गई। 2022 में प्राप्त लक्ष्य को तीन साल तक सस्टेन बनाए रखने का उद्देश्य रखा गया था, और सारण जिला ने इसे पूरी तरह से कायम रखा। साथ लगायें दिघवारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण छपरा, हमारे संवाददाता। दिघवारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का मूल्यांकन राज्य स्तरीय टीम द्वारा किया गया। टीम ने अस्पताल में मरीजों को दी जाने वाली सेवाओं के अलावा, अस्पताल के साफ-सफाई इंतजाम, दवाइयों की उपलब्धता, चिकित्सकीय उपकरणों के रख-रखाव, और चिकित्सा कर्मियों के व्यवहार का भी मूल्यांकन किया। साथ ही, अस्पताल में दिए जा रहे अन्य महत्वपूर्ण सेवाओं जैसे टीकाकरण, प्रसव कक्ष, एएनसी रूम, ओपीडी, और जांच घर की गहनता से जांच की गई।। इन मानकों के आधार पर अस्पतालों का मूल्यांकन किया जाता है और अच्छे प्रदर्शन पर उन्हें पुरस्कृत भी किया जाता है। इस मूल्यांकन टीम में राज्य स्वास्थ्य समिति के डॉ. अनुपम सिंह और पीरामल से डॉ. उत्तम कुमार शामिल थे। डॉ अनुपम ने बताया कि मूल्यांकन के आधार पर अस्पतालों की रैंकिंग की जाएगी । प्रथम स्थान पाने वाले अस्पताल को 15 लाख रुपये का पुरस्कार मिलेगा। द्वितीय स्थान के लिए 10 लाख रुपये और तृतीय स्थान के लिए 5 लाख रुपये का पुरस्कार निर्धारित किया गया है। इसके अलावा, 70 प्रतिशत अंक पाने वाले अस्पतालों को सांत्वना पुरस्कार भी दिया जाएगा।
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