छपरा जंक्शन पर यात्री सुविधाएं जीएम व डीआरएम विजिट तक
यात्री सुविधाओं के लाख दावे करे, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। वाराणसी मंडल के क्लास वन स्टेशन की श्रेणी में अपना नाम दर्ज कराने वाले छपरा जंक्शन पर कहने मात्र के लिए यात्री सुविधाएं हैं। रेलवे...
छपरा। हमारे संवाददाता
रेल प्रशासन यात्री सुविधाओं के लाख दावे करे, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। वाराणसी मंडल के क्लास वन स्टेशन की श्रेणी में अपना नाम दर्ज कराने वाले छपरा जंक्शन पर कहने मात्र के लिए यात्री सुविधाएं हैं। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन या पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक व वाराणसी मंडल के डीआरएम आदि अधिकारियों का दौरा तक ही छपरा जंक्शन पर यात्री सुविधाएं दिखती हैं। अफसरों के आने के एक घंटे पहले यहां सब कुछ अपडेट हो जाता है। चाहे स्वचालित सीढ़ी हो या लिफ्ट हो या फिर कोच इंडिकेशन बोर्ड और जंक्शन की लाइटिंग की व्यवस्था। अफसर जब तक यहां रहते हैं, सब कुछ दुरुस्त रहता है। निरीक्षण समाप्त कर अधिकारी अपने सैलून में बैठ महज गौतम स्थान या टेकनिवास स्टेशन पहंुचते हैं कि सब कुछ बंद हो जाता है। फिर संबंधित विभागों के सुपरवाजर अपने मिजाज के मुताबिक कार्य करते हंै। इस तरह यहां यात्री सुविधाएं महज जीएम व अन्य आला अधिकारियों को दिखाने मात्र की रहती हैं। शहर के काशी बाजार मोहल्ले के प्रोफेसर पीएन सहाय का कहना था कि रेलवे की ओर से भले लिफ्ट व स्वचालित सीढ़ी, कोच इंडिकेशन हो या रिजर्वेशन डिस्प्ले बोर्ड स्टेशन पर नियमित बहाल रहना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं होता। करिंगा गांव के अनिल कुमार सिंह ने बताया कि छपरा जंक्शन पर अफसरों के विजिट के दौरान ही यात्री सुविधाएं मुहैया करायी जाती हैं। नियमित यह सुविधा बहाल रहती तो परेशानी नहीं होती। बड़ा तेलपा के समाजसेवी जितेन्द्र कुमार का कहना था कि वाराणसी मंडल का सबसे अधिक राजस्व देने वाले छपरा जंक्शन पर यात्री सुविधा कुछ देर लिए ही मिलती है, यहां की सुविधाएं अक्सर बंद रहती हैं।