11 साल से बैंक लोन का मामला महज 11 मिनट में ही निपटा
कर्ज का बोझ उतरते ही लोक अदालत में ही बुजुर्ग के चेहरे पर छायी मुस्कान ता राशि फोटो 26 - छपरा कोर्ट कैंपस स्थित न्याय सदन में राष्ट्रीय लोक अदालत का दीप जलाकर उद्घाटन करते जिला जज पुनीत कुमार गर्ग,...

छपरा, नगर प्रतिनिधि। करीब 11 साल से लंबित बैंक लोन का मामला शनिवार को महज 11 मिनट में ही निपट गया। 11 मिनट में बैंक लोन चुकता कर देने के बाद बुजुर्ग के चेहरे पर मुस्कान छा गई और उसने कहा कि अब बुढ़ौती में जेल या कोर्ट कचहरी का चक्कर लगाने से निजात मिल गयी है। बाकी की जिंदगी अब आराम से कटेगी। दरअसल, शहर के एक बुजुर्ग रामावतार को बैंक के 70 हजार रुपए कर्ज चुकाने थे, लेकिन आर्थिक तंगी के चलते वह कर्ज नहीं चुका पा रहा था। इस पर वह राष्ट्रीय लोक अदालत में शनिवार को पहुंचे और बैंक अफसरों से कहा कि उसके पास कर्ज चुकाने के लिए 70 हजार रुपये नहीं हैं।
बुजुर्ग की बात सुनते ही बैंक के अधिकारी से लेकर मैनेजर तक बुजुर्ग की बातों पर सकारात्मक पहल करते हुए सूद की राशि माफ कर लोन से मुक्ति के कागज पर दस्तखत कराया। कागज पर दस्तखत के बाद बुजुर्ग कोर्ट कैम्पस में ही फूट-फूटकर रोने लगा। इस पर बैंक अफसरों ने उसे चुप कराया। बैंक अफसरों ने तो इस संबंध में कुछ भी बोलने से मना कर दिया, लेकिन गरीब बुजुर्ग उनका धन्यवाद देते नहीं थक रहा था। वहीं एक बैंक से पांच साल पहले लोन लेने वाली गीता बैंक अफसरों से अपने पति के नाम पर लिये गए लोन को आज ही समाप्त करने के लिये गुहार लगा रही थी। इस पर बैंक अफसरों से कुछ जानकारी ली और समझौता राशि जमा करने के लिये गीता को बोले। उन्होंने बिना देर किए कुछ मिनटों में ही राशि जमा कर दी पर उनकी आंखों से खुशी के आंसू निकल रहे थे। विधवा ने बतायी कि पति ने लोन लिया था। आर्थिक स्थिति भी दिन-प्रतिदिन खराब होती गई। पति की मौत के बाद लोन को लेकर वह बराबर सोचती रहती थी, अब उन्हें काफी राहत महसूस हो रहा है। सालों से लोन का जो दंश झेल रही थी महज 15 मिनट में ही उस दंश से उसे छुटकारा मिल गया। इस तरह के कई मामले राष्ट्रीय लोक अदालत में देखने को मिले आपसी सुलह से मामले के निष्पादन पर जोर राष्ट्रीय लोक अदालत के शुभारंभ के अवसर पर जिला जज पुनीत कुमार गर्ग ने लोगों से आपसी सुलह समझौते के आधार पर मामलों के अधिक से अधिक निष्पादन पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सुलह ही राष्ट्रीय लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य है। लोक अदालत की विशेषताओं के बारे में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत के समय-समय पर आयोजन से मुकदमों की संख्या में कमी आएगी। लोगों में अब जागरूकता भी आई है। एडीएम ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से अधिक से अधिक मामलों के निपटारे के लिए लोगों को आगे आने की जरूरत है । ग्रामीण एसपी संजय कुमार ने कहा कि इस तरह के आयोजन से लोगों का न्याय व्यवस्था के प्रति विश्वास जागेगा। लोगों से राष्ट्रीय लोक अदालत में मामलों के निपटारा पर जोर दिया।जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव ब्रजेश कुमार ने कहा कि लोक अदालत में सुनवाई पूरी तरह से नि:शुल्क होती है।इससे पहले जिला जज , न्यायिक पदाधिकारी, जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव ब्रजेश कुमार व अन्य ने दीप जलाकर राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ किया। इस अवसर पर न्यायिक पदाधिकारी के अलावा छपरा विधि मंडल के अध्यक्ष गंगोत्री प्रसाद ,न्याय रक्षक पूर्णेन्दु रंजन समेत कई प्रशासनिक पदाधिकारी भी उपस्थित थे। सुलह के बाद दाह -संस्कार के लिये निकले दोनों पक्ष न्यायिक दंडाधिकारी पायल मिश्रा के बेंच में दोनों पक्ष उपस्थित हो कर मुकदमा को समाप्त कर लिए। मुदालह ग्राम शाहपुर जितिया सोनपुर के रहने वाले थे। मुदालह के घर में एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई थी । लोक अदालत में मामला सुलह करने के लिए दोनों पक्ष आए और मुकदमा सुलह हुआ। सुलह के बाद दोनों पक्षों के चेहरे पर मुस्कान आयी और उसके बाद दोनों पक्ष मृत आत्मा के दाह-संस्कार के लिए गए। मुदालह की तरफ से अधिवक्ता अंजन कुमार सिंह और मुदई की तरफ से अधिवक्ता अवधेश कुमार सिंह व शिव प्रकाश सुमन थे। एक करोड़ 49 लाख से अधिक की वसूली राष्ट्रीय लोक अदालत में एक करोड़ 49 लाख 66 हजार 441 रुपये की वसूली हुई।समझौता राशि तीन करोड़ 42 लाख 27 हजार 960 रुपया तय हुई।राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 1825 मामलों का निष्पादन हुआ। शहर सहित ग्रामीण क्षेत्र से काफी संख्या में फरियादी कोर्ट परिसर पहुंचे हुए थे। सभी के चेहरे पर एक ही भाव था कि किसी तरह मामले का निपटारा हो जाए। केस 1 14 साल बाद ऋण मुक्त हुई ममता शहर के गुदरी बाजार की ममता को 14 साल बाद राष्ट्रीय लोक अदालत से राहत मिली। उसने बैंक से लोन लिया था लेकिन पति की मौत के बाद रुपया जमा नहीं कर पा रही थी। ब्याज भी काफी बढ़ गया था लेकिन राष्ट्रीय लोक अदालत में उसने अपने लोन चुकता कर नोड्यूज का सर्टिफिकेट भी ले लिया। केस 2 सुमित को भी 12 साल बाद राहत शहर के गांधी चौक के रहने वाले सुमित कुमार 2013 में बैंक से व्यवसाय के लिये लोन लिया था। शुरू में व्यवसाय से ठीक-ठाक आमदनी हो रही थी लेकिन कोरोना काल के समय से व्यवसाय में घाटा होने लगा। लोन का ब्याज भी बढ़ रहा था। लोक अदालत में ब्याज माफ होने के बाद सुमित को लोन से मुक्ति मिल गई।
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