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शैक्षिक संस्थान बन्द , प्राइवेट कोचिंग - ट्यूशन गुलजार

Educational Institution Bandh, Private Coaching - Tuition Gulzar

शैक्षिक संस्थान बन्द , प्राइवेट कोचिंग - ट्यूशन गुलजार
हिन्दुस्तान टीम,छपराThu, 02 Jul 2020 08:45 PM
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शैक्षिक संस्थान बन्द , प्राइवेट कोचिंग - ट्यूशन गुलजार

छपरा/ मशरक । हिप्र/एसं

कोरोना जंग से लड़ाई में निजी एवं सरकारी स्कूल व कॉलेज पूर्णतया बन्द करने का फरमान है। केंद्र व राज्य सरकार के आदेश के बाद किसी स्तर के शैक्षिक संस्थान खोलने की अनुमति नहीं है । बावजूद इसके निजी कोचिंग एवं ट्यूशन प्रशासनिक अधिकारियों के नाक के नीचे खुलेआम चल रहे हैं जहां बगैर मास्क एवं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किए हुए ग्रामीण इलाके के अधिकतर छात्र - छात्रा सुबह से शाम तक कई बैच में एक ही जगह पर बैठ कर पढ़ते है । संस्थान एवं ऐसे शिक्षकों द्वारा कोरोना संक्रमण से ना तो अपनी सुरक्षा का ख्याल रखा जा रहा है और ना ही राष्ट्र के भविष्य इन नौनिहालों का । इन जगहों पर एक अदद सेनेटाइजर और साबुन की व्यवस्था भी नहीं है। बच्चों के अविभावक भी इनके स्वास्थ्य से अधिक बच्चो के कैरियर को लेकर फिक्रमंद बने हैं। हालांकि दिनेश कुमार,रवीश प्रसाद,मुन्ना सिंह व अन्य अविभावक कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों के बीच शैक्षिक संस्थान , कोचिंग , ट्यूशन खोलना संक्रमण को लेकर बेहद खतरनाक बताते हुए बन्दी को लेकर सख्ती करने की बात कहते है।

शिक्षा विभाग के नित नए फरमान से गुरुजी भी सकते में

शिक्षा विभाग के नित्य नए फरमान से शिक्षक एव अविभावक हलकान है । एक जुलाई से अनलॉक दो शुरू हुआ जबकि इसी तिथि को निदेशक माध्यमिक शिक्षा बिहार का एक पत्र जारी हुआ जिसमें वैसे विद्यालयों में कक्षा 9 में नामांकन एवं पठन पाठन के लिए प्रचारित कराने का निदेश दिया गया कि उच्च माध्यमिक विहीन पंचायत के चिन्हित मध्य विद्यालयों में इस वर्ष से 9 वी की पढ़ाई होनी है । हालांकि पूर्व में 1 से 15 जुलाई तक नामांकन पखवारा चलाने का निर्देश भी है जिससे शिक्षक, अविभावक व छात्र असमंजस में हैं। आखिर बगैर सुरक्षा किट के शिक्षक गांव मे कैसे भ्रमण करेंगे। वहीं नामांकन के लिए छात्रों को बाजार होकर एक स्कूल से दूसरे स्कूल तक भीड़ में जाना कितना सुरक्षित होगा। इसे लेकर सभी असमंजस में हैं। छात्र-छात्राओं को जितना भय कोरोना संक्रमण का नहीं, उतना भय स्कूलों में दाखिले को लेकर पिछड़ने का है। वैसे हजारो छात्र छात्राओं को 8 , 9 एवं 11 वी कक्षा का परीक्षा नही देने एवं अभी तक विद्यालयों द्वारा कक्षा प्रमोशन नहीं दिए जाने से हताशा है। कक्षा प्रमोशन नहीं होने से ये बच्चे अगली कक्षा की पुस्तके भी नहीं खरीद सके हैं।

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