नगर भ्रमण के दौरान श्रद्धालुओं का लगा जमघट
प्रतिष्ठा की जाएगी। यज्ञशाला की परिक्रमा, प्रवचन, कथा और रासलीला देखने के लिए श्रद्धालुओं की काफी भीड़ जुट रही है। प्रवचन करते हुए यज्ञाधीश संत श्रीधर दास जी महाराज ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की लीलाएं...
शिवगंगा रोड पहाड़पुर रसीदपुर-मुरलीधर चौक पर नवनिर्मित राधे कृष्ण मंदिर में भगवान राधेकृष्ण की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम जोरों पर है। प्रतिमा को नगर भ्रमण कराया गया। यज्ञ कमेटी के सदस्यों ने बताया सोमवार को मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। यज्ञशाला की परिक्रमा, प्रवचन, कथा और रासलीला देखने के लिए श्रद्धालुओं की काफी भीड़ जुट रही है। प्रवचन करते हुए यज्ञाधीश संत श्रीधर दास जी महाराज ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की लीलाएं अलौकिक और रहस्यमय है। इसे सभी समझने में असमर्थ हैं। एक बार ब्रह्मा जी भी भगवान श्री कृष्ण के बाल लीला को देख कर भ्रमित हो गए। उन्होंने सोचा कि जो त्रिभुवन के स्वामी हैं, जिसे सारी दुनिया पूजती है, वो ग्वाल-बालों का जूठन खाता है। गायों के साथ गांव चराता है। यह भगवान नहीं हो सकता। उन्होंने गोपालकों सहित गायों की चोरी कर ली जिसके बाद भगवान श्री कृष्ण ने अपने शरीर से पुन: वैसे ही गांव में और ग्वाल बालों की रचना कर दी। काफी समय बीतने के बाद प्राजापति ब्रह्मा को अपनी भूल का अहसास हुआ और उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण से माफी मांगी। श्रीधर बाबा ने कहा कि गोविन्द की बाल लीलाएँ बहुत ही लुभावनी हैं जो सभी मन को मोह लेती हैं।