कॉलेजों में वीर बाल दिवस पर साहस, बलिदान व निष्ठा का स्मरण
पेज छह विभिन्न महाविद्यालयों में संगोष्ठी, निबंध प्रतियोगिता, और परिचर्चाओं का आयोजन किया गया। यह दिवस गुरु गोबिंद सिंह जी के दो छोटे साहिबजादों, बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह के साहस और बलिदान...

छपरा, एक संवाददाता। वीर बाल दिवस के अवसर पर छपरा के विभिन्न महाविद्यालयों में संगोष्ठी, निबंध प्रतियोगिता, और परिचर्चाओं का आयोजन किया गया। यह दिवस गुरु गोबिंद सिंह जी के दो छोटे साहिबजादों, बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह के साहस और बलिदान की स्मृति में मनाया जाता है। राजेंद्र कॉलेज में आयोजित संगोष्ठी की अध्यक्षता प्राचार्य प्रो. सुशील कुमार श्रीवास्तव ने की। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि साहिबजादों का बलिदान धर्म और सत्य की रक्षा के लिए प्रेरणा देता है। डॉ. अनुपम कुमार सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2022 में 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी। जेपीएम कॉलेज में प्राचार्य प्रो. मंजू सिन्हा की अध्यक्षता में निबंध प्रतियोगिता और व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. नमिता किशोर और सुबोध कुमार श्रीवास्तव ने साहिबजादों के साहस और बलिदान को नई पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत बताया। जगलाल चौधरी महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. रवींद्र कुमार वर्मा ने कहा कि 1705 में मुगल अत्याचारों के विरुद्ध संघर्ष करते हुए साहिबजादों ने धर्म परिवर्तन से इनकार कर अपनी शहादत दी। गंगा सिंह महाविद्यालय में एनएसएस कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. कमाल अहमद ने खालसा पंथ के संस्थापक गुरु गोबिंद सिंह और उनके चारों पुत्रों के बलिदान को श्रद्धांजलि दी। डॉ. धर्मेंद्र कुमार सिंह और डॉ. संतोष कुमार सिंह ने इसे राष्ट्रीय एकता और भाईचारे का प्रतीक बताया। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य नई पीढ़ी को इतिहास और संस्कृति से जोड़ना तथा साहिबजादों के बलिदान की गाथा से प्रेरणा लेना था। विभिन्न महाविद्यालयों के छात्र-छात्राओं की सक्रिय भागीदारी ने इसे और अधिक प्रभावशाली बनाया।
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