योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए संविदा कर्मी नहीं बन सकते अभिकर्ता
बिहार सरकार ने पंचायती राज विभाग के सचिव दिवेश सेहरा के माध्यम से आदेश जारी किया है कि सरकारी सेवक एक बार में तीन से अधिक योजनाओं के अभिकर्ता नहीं बन सकते। योजनाओं का क्रियान्वयन निविदा के माध्यम से...

सरकारी सेवकों को एक बार में तीन से अधिक योजनाओं का नहीं बनाया जा सकता अभिकर्ता पंचायती राज संस्थाओं में निविदा के माध्यम से योजनाओं का होगा क्रियान्वयन छपरा, एक संवाददाता । सरकारी सेवकों को एक बार में तीन से अधिक योजनाओं का अभिकर्ता नहीं बनाया जा सकता। बिहार सरकार पंचायती राज विभाग के सचिव दिवेश सेहरा ने इस आशय का पत्र सारण के डीडीसी सह जिप के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी समेत अन्य जिलों के लिए जारी किया है। पत्र में स्पष्ट उल्लेख किया है कि पंचायती राज विभाग की किसी भी योजना के क्रियान्वयन के लिए संविदा कर्मी को अभिकर्ता नहीं बनाया जा सकता। उक्त आदेश में यह प्रावधान किया है कि पन्द्रह लाख रुपये से कम लागत की योजनाओं के कार्यान्वयन के बारे में त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के द्वारा स्वयं निर्णय लिया जायेगा कि वे निविदा से कार्य करायेंगे या विभागीय रूप से। विभागीय रूप से कार्य कराने में यह शर्त निहित है कि संविदा कर्मी अभिकर्ता नहीं बन सकते। पत्र में पिछले 12 मार्च को आहूत विभागीय समीक्षात्मक बैठक का जिक्र किया है। इसमें यह बताया है कि पंचायती राज संस्थाओं में विशेष रूप से जिला परिषदों में विभागीय स्तर पर करायी जा रही योजनाओं के कार्यान्वयन की गति अत्यंत धीमी है। फलत: आवंटित राशि के विरूद्ध व्यय की स्थिति भी अत्यंत चिंताजनक है। केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा राज्य के समग्र विकास के लिए बड़ी मात्रा में राशि उपलब्ध करायी जा रही है। योजनाओं का आम जनसाधारण तक शीघ्रता शीघ्र पहुंच सके। इस उद्देश्य से योजनाओं का त्वरित व गुणवत्तापूर्ण क्रियान्वयन कराया जाना आवश्यक है। इस परिप्रेक्ष्य में अधिकांश पंचायती राज संस्थाओं में विभागीय कर्मियों की अनुपलब्धता के दृष्टिगत भौतिक व वित्तीय लक्ष्य की अधिकतम उपलब्धि प्राप्त करने के लिए योजनाओं का क्रियान्वयन निविदा के माध्यम से कराया जाना श्रेयस्कर होगा। पत्र में निर्देशित किया है व जिला परिषद को अवगत कराते हुए योजनाओं का क्रियान्वयन, पारदर्शिता, कार्यक्षमता एवं संसाधनों के इष्टतम उपयोग के लिए निविदा के माध्यम से कराया जाना सुनिश्चित करने को कहा है।
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