
डीएसपी की गोली से मौत की अब CBI करेगी जांच, पटना HC ने कहा - पुलिस सच्चाई का पता लगाने..
संक्षेप: रात में लगभग 10 बजे शिवम और तुषार कुछ खाने की चीजें खरीदने गए और जब वे लौटे तो डीएसपी (ट्रैफिक) और उनके अंगरक्षक बिना किसी अधिकार के सिविल ड्रेस में आए और उन्हें डांटना, धमकाना एंव गाली देना शुरू कर दिया।
पटना हाईकोर्ट ने सासाराम में डीएसपी (ट्रैफिक) की गोली से हुई मौत की जांच सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि अबतक जांच से ऐसा प्रतीत होता है कि पुलिस सच्चाई का पता लगाने और पुलिस अधिकारियों के खिलाफ आरोपों की जांच करने के बजाय मृतक और उसके परिवार के सदस्यों के खिलाफ सामग्री एकत्र करने में लगी है।

कोर्ट ने सीबीआई के पुलिस अधीक्षक को आरसी केस दर्ज करने और सासाराम नगर थाना कांड संख्या संख्या 1040/2025 और अन्य दो प्राथमिकी सासाराम टाउन थाना कांड केस संख्या 1038/2024 और 1039/2024 निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने बिहार पुलिस को दर्ज प्राथमिकी और उनके कब्जे में मौजूद सभी संबंधित सामग्री व साक्ष्यों को सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया है।
न्यायमूर्ति संदीप कुमार की एकलपीठ ने राणा राहुल रंजन की ओर से दायर अर्जी पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया। आवेदक की ओर से अधिवक्ता संजय कुमार सिंह ने कोर्ट को बताया कि गत वर्ष 27 दिसम्बर को सुधीर, अतुल, विकास, अनिकेत, बिनोद और राणा ओम प्रकाश सहित कुछ अन्य अपने दोस्त का जन्मदिन मनाने के लिए सासाराम स्थित कालिका सिंह के आवास के आंगन में एकत्र हुए थे।
रात में लगभग 10 बजे शिवम और तुषार कुछ खाने की चीजें खरीदने गए और जब वे लौटे तो डीएसपी (ट्रैफिक) और उनके अंगरक्षक बिना किसी अधिकार के सिविल ड्रेस में आए और उन्हें डांटना, धमकाना एंव गाली देना शुरू कर दिया। पुलिस ने आरोप लगाया कि वहां मौजूद लोग शराब का सेवन कर रहे थे। उस स्थान पर शराब नहीं मिली।
बर्थ डे पार्टी में फायरिंग में एक की हुई थी मौत
आरोप है कि घटना के बाद पुलिस ने पैसे की मांग शुरू कर दी और उन्हें फर्जी और आपराधिक मामलों में फंसाने की धमकी दी। इसका विरोध किया गया तो पुलिस अधिकारी हिंसक हो गए और अपनी सर्विस रिवॉल्वर से गोली चलानी शुरू कर दी। इसमें ओम प्रकाश उर्फ बादल, अतुल कश्यप और बिनोद पाल नामक तीन व्यक्ति घायल हो गए। अस्पताल में ओम प्रकाश को मृत घोषित कर दिया गया। वहीं डीएसपी (ट्रैफिक) आदिल बिलाल और उनके अंगरक्षक ने अपने बचाव में एक प्राथमिकी दर्ज कराई।





