ठंड के मौसम में चटखने लगी पटरियां, दुर्घटना की आशंका
का खतरा कम हो गया है। वैसे सुरक्षा के दृष्टिकोण से ट्रैक पर रात्रि गश्ती बढ़ा दी गई है। दानापुर मंडल में लागातार होती थी घटना दानापुर मंडल के पटना-बक्सर रेल खंड पर पिछले वर्ष भी डुमरांव सहित अन्य...

डुमरांव। निज प्रतिनिधि
ठंड बढने के साथ ही रेल की पटरियों के चटखने का सिलसिला शुरु हो गया है। पिछले 23 दिसंबर को बक्सर स्टेशन के समीप डाउन लाइन की पटरी चटख गयी थी।जिसके कारण डाउन लाइन में एक घंटे तक परिचालन वाधित रहा था। ठंड के मौसम में लोहे में सिकुडन होने से यह खतरा बढ जाता है। रेलवे ने दावा किया है कि नयी पटरियों के बिछाये जाने से चटखने का खतरा कम हो गया है। वैसे सुरक्षा के दृष्टिकोण से ट्रैक पर रात्रि गश्ती बढ़ा दी गई है।
दानापुर मंडल में लागातार होती थी घटना
दानापुर मंडल के पटना-बक्सर रेल खंड पर पिछले वर्ष भी डुमरांव सहित अन्य स्टेशनों पर पटरी चटखने की घटना हुई थी।लेकिन रेलवे के पीडब्ल्यूआई विभाग की सक्रियता से कोई हादसा नहीं हुआ। इस वर्ष 23 दिसंबर को बक्सर स्टेशन के समीप डाउन लाइन में पटरी चटखने से एक खड़े तक आवागमन ठप रहा। हालांकि, विभाग ने पटरी की तुरंत मरम्मत कर परिचालन शुरु कर दिया।
ठंड के मौसम में लोहे में होता है सिकुड़न
ठंड के मौसम में वैज्ञानिक कारणों से लोहे में सिकुडन होने से पटरी चटखने की घटनाएं सामने आती है।पीडब्ल्यूआई विभाग का कहना है कि हाल के महीनों में अधिक लंबाई व वजन वाली पटरियों के बिछाये जाने से यह खतरा कम हुआ है। पहले कम लंबाई वाली पटरियों में अधिक जोड के कारण चटखने की अधिक घटनाएं सामने आती थी। पीडब्ल्यूआई विभाग का कहना है कि सुरक्षा के दृष्टिकोण से पटरियों पर रात्रि समय पेट्रोलिंग तेज कर दी गई है। रेलवे का दावां है कि इसबार पटरी चटखने की घटनाएं कम होंगी।
