प्रान के चक्कर में विशिष्ट शिक्षकों को नहीं मिल रहा वेतन
बक्सर में करीब 37 सौ विशिष्ट शिक्षक दो माह से बिना वेतन काम कर रहे हैं। शिक्षकों का परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर (प्रान) बनाने की प्रक्रिया धीमी है, जिससे उनका वेतन अटका हुआ है। जिला शिक्षा...

उदासीनता दो माह से बिना वेतन काम कर रहे शिक्षकों को डर सताने लगा है 1 जनवरी को जिले के करीब 37 सौ विशिष्ट शिक्षक हुए थे बहाल बक्सर, हमारे संवाददाता। जिले में विशिष्ट शिक्षकों का परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर (प्रान) काफी धीमी गति से बन रहा है। इस कारण जिले के करीब 37 सौ विशिष्ट शिक्षक वेतन से वंचित हैं। करीब दो माह से बिना वेतन काम कर रहे शिक्षकों को इस बात का डर सता रहा है कि कहीं होली न फीकी पड़ जाए। राज्य सरकार के नये नियम के तहत नियोजित शिक्षक परीक्षा पास कर विशिष्ट शिक्षक बने। विशिष्ट शिक्षक के पद पर योगदान देने वाले शिक्षकों की नई नौकरी एक जनवरी से मानी जा रही है। विभाग के नियमानुसार नई नौकरी में आने के बाद परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर (प्रान) की जरूरत होती है। इसके लिए शिक्षकों को ही ऑनलाइन आवेदन करना है। भरे हुए आवेदन की जांच की जाएगी। इसके बाद वह जिला शिक्षा पदाधिकारी के लॉगिंग पोर्टल पर जाएगा। वहीं से स्वीकृति मिलने के बाद प्रान बनेगा। इसके बाद शिक्षकों का वेतन तैयार करते हुए कोषगार में भेजा जाएगा। तब जाकर वेतन भुगतान होगा। विशिष्ट शिक्षकों की शिकायत है कि प्रान बनाने की रफ्तार काफी धीमी है। इस कारण आगे की प्रक्रिया लटकी हुई है। प्रान के चक्कर में दो माह से उनलोगों को वेतन नहीं मिल पा रहा है। यदि यही स्थिति रही तो वेतन मिलने में छह माह से अधिक समय लग जाएगा। इस संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारी अमरेंद्र पांडेय ने बताया कि सभी आवेदनों की विधिवत जांच की जा रही है। इस बात को देखा जा रहा है कि कोई त्रुटि नहीं हो जाए, जिससे भविष्य में किसी शिक्षक को कोई परेशानी हो। साथ ही जो भी प्रान से संबंधित आवेदन प्राप्त हो रहा है, उसका तत्काल निष्पादन किया जा रहा है। किसी भी स्तर पर विलंब नहीं किया जा रहा है। यह कोशिश की जा रही है कि विशिष्ट शिक्षकों का वेतन भुगतान यथाशीघ्र करा दिया जाए।
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