सकारात्मक सोच : सोनवर्षा के अमर सिंह ने की ड्रैगन फ्रूट की खेती
नावानगर प्रखंड के सोनवर्षा अमरपुरी के किसान अमर सिंह ने तीन एकड़ खेत में ड्रैगन फ्रूट की खेती की है। उन्होंने इसकी खेती के लिए गुजरात से पौधे मंगाए। प्रारंभिक लागत 5 से 6 लाख रुपये है, लेकिन एक बार...

पेज चार पर बॉटम -------- इनसे सीखें ---- कामयाबी इसकी खेती थोड़ी महंगी है, लेकिन काफी फायदेमंद है, एक एकड़ की खेती में पांच से छह लाख रुपये की लागत आती है एक बार पौधे लग गए तो करीब पंद्रह सालों तक इनसे फल सभी लोग जान जाएंगे व तब इस इलाके में खेती होने लगेगी फोटो संख्या- 25, कैप्सन- सोनबर्षा के अमरपुर के खेत में लगे ड्रैगन के पौधे। मनोज सिंह बक्सर। सकारात्मक सोच और कड़ी मेहनत की बदौलत ही किसी को भी कामयाबी मिलती है। ऐसे ही लोगों में शुमार हैं नावानगर प्रखंड के सोनवर्षा अमरपुरी निवासी किसान अमर सिंह, जिन्होंने अपने खेतों में ड्रैगन फ्रूट के पौधे लगाए हैं।
अमर सिंह ने फिलहाल तीन एकड़ खेत में ड्रैगन फ्रूट की खेती की है। खेती से पहले उन्होंने बड़ोदरा, सूरत और कच्छ के इलाके का दौरा किया। वहां ड्रैगन फ्रूट की खेती के बारे में जानकारी हासिल की। उन्होंने बताया कि गुजरात के सूरत से ही छह हजार पौधा मंगाया। एक पौधे की कीमत करीब साठ रुपये। श्री सिंह के मुताबिक इसकी खेती थोड़ी महंगी है, लेकिन काफी फायदेमंद है। एक एकड़ की खेती में पांच से छह लाख रुपये की लागत आती है। देखभाल की ज्यादा जरूरत होती है। वैसे एक बार पौधे लग गए तो करीब पंद्रह सालों तक इनसे फल लिया जा सकता है। लगाने के तीसरे साल से प्रति एकड़ तीन से चार टन फलों का उत्पादन होता है। श्री सिंह के खेतों में लगे पौधे भी फल दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि अभी तक ढाई-तीन क्विंटल फल बेच चुके हैं। दो से ढाई सौ रुपये प्रति किलो के दर से ड्रैगन फ्रूट आसानी से बिक जाता है। चूंकि इसके बारे में अभी बहुत कम लोग जान रहे हैं, इसलिए इसकी खेती और मांग का दायरा थोड़ा सिमटा हुआ है। लेकिन, धीरे-धीरे लोग जान जाएंगे और तब इस इलाके में भी इसकी खेती होने लगेगी। श्री सिंह ने बताया कि उनके इलाके की मिट्टी बलुआ है। ऐसी मिट्टी में ड्रैगन फ्रूट की खेती आसानी से हो सकती है।
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