Spiritual Awakening at Shri Lakshmi Narayan Mahayagna in Geruabandh रामकथा: ईश्वर की भक्ति ही जीव का परम लक्ष्य, Buxar Hindi News - Hindustan
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रामकथा: ईश्वर की भक्ति ही जीव का परम लक्ष्य

गेरुआ बांध गांव में श्रीलक्ष्मी नारायण महायज्ञ के अवसर पर गुप्तेश्वर जी महाराज की राम कथा शुरू हुई। कथा के दौरान राम कथा की महिमा और भगवान राम की लीला का वर्णन किया गया। शिवजी ने सती का त्याग किया और...

Newswrap हिन्दुस्तान, बक्सरThu, 26 Dec 2024 08:29 PM
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रामकथा: ईश्वर की भक्ति ही जीव का परम लक्ष्य

प्रवचन भारद्वाज मुनि द्वारा यज्ञवल्क्यजी से राम तत्व की जिज्ञासा की गई सीता का वेश धारण करने के कारण सती का त्याग कर दिया था फोटो संख्या- 18, कैप्सन- गुरूवार को गेरुआबांध गांव में कथा से पूर्व गुप्तेश्वर जी महाराज की आरती करते लोग। इटाढ़ी, एक संवाददाता। प्रखंड क्षेत्र के गेरुआ बांध गांव में गुरुवार से श्रीलक्ष्मीनारायण महायज्ञ के अवसर पर गुप्तेश्वर जी महाराज की राम कथा शुरु हुई। पहले दिन राम कथा की महिमा गाते हुए सुनाया कि राम कथा के श्रवण से तमो, रजो गुण कम होता है। वहीं, श्रोताओं के चित्त में सत्व का उत्कर्ष होता है। जिससे विवेक जागृत होता है। जिसकी परिणीति वैराग्य में होती है। इसी वैराग्य रूपी वृक्ष में भक्ति का पुष्प खिलता है। भगवान की भक्ति ही जीव का परम लक्ष्य है। राम कथा के दौरान गुप्तेश्वरजी महाराज ने कहा कि प्रयाग में त्रिवेणी संगम पर भारद्वाज मुनि द्वारा यज्ञवल्क्यजी से राम तत्व की जिज्ञासा की गई। जिस पर यज्ञवल्क्यजी ने पहले भारद्वाजजी को शिवचरित सुनाया। जिसे सुनकर भारद्वाजजी गदगद हो गठे। कथा में बताया कि त्रेता युग में अगस्त मुनि के आश्रम से कथा श्रवण कर सती के साथ शिवजी वापस लौट रहे थे। तब राम अवतार हो चुका था। भगवान राम की सीता हरण के बाद लीला चल रही थी। जिसे देखकर शिवजी को परमानंद हुआ और सती को भ्रम हो गया कि नर वेष में भगवान कैसे हो सकते हैं। इसके लिए वे परीक्षा लेने गई और भगवान का ऐश्वर्य देखा तो तब विश्वास हुआ। लेकिन, शिवजी ने सीता का वेश धारण करने के कारण सती का त्याग कर दिया। बाद में अपने पिता दक्ष के यज्ञ में शिव का अपमान देख सती ने योग अग्नि में अपने शरीर को भस्म कर पार्वती के रूप में हिमाचल के घर जन्म लेकर नारद के कहने पर शिव को पुनः प्राप्त करने के लिए तपस्या शुरू की। आज यानी शुक्रवार को शिव विवाह कथा होगी। महायज्ञ को जलभरी यात्रा आज इटाढ़ी। हरपुर-जयपुर पंचायत के गेरुआबांध गांव में श्रीजीयर स्वामीजी महाराज के सानिध्य में होने वाले श्रीलक्ष्मी नारायण महायज्ञ केा लेकर आज यानी शुक्रवार को गाजे-बाजे के साथ जलभरी यात्रा होगी। महायज्ञ श्रीभाष्यकार रामानुजाचार्य सहस्त्राब्दी जयंती महामहोत्सव के तहत किया जा रहा है। जिसमें देश-विदेश से साधु-संतों सहित वेदाचार्य पहुंच रहे हैं। यज्ञ की पूर्णाहुति आगामी 1 जनवरी को होगी।

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