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सदर अस्प्ताल की दो एएनम सस्पेंड, डॉक्टर से शोकॉज

बक्सर। हिन्दुस्तान टीम प्रकाशित होने के बाद डीएम अमन समीर ने मामले का संज्ञान लेते हुए सिविल सर्जन डॉ. जीतेन्द्र कुमार व डीडीसी अरविंद कुमार से पूरे मामले पर बिदुवार जांच रिपोर्ट मांगी थी। इनदोनों...

सदर अस्प्ताल की दो एएनम सस्पेंड, डॉक्टर से शोकॉज
हिन्दुस्तान टीम,बक्सरSat, 01 Aug 2020 11:21 AM
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बक्सर। हिन्दुस्तान टीम

आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान में गत 24 जुलाई को सदर अस्पताल में सिर पर एक पुरुष ऑक्सीजन सिलेंडर व उसके साथ एक महिला हाथ में ट्रे में नवजात को इलाज के लिए लेकर इधर- उधर घूमते हुए कि तस्वीर प्रमुखता से छपी थी। इस खबर के प्रकाशित होने के बाद डीएम अमन समीर ने मामले का संज्ञान लेते हुए सिविल सर्जन डॉ. जीतेन्द्र कुमार व डीडीसी अरविंद कुमार से पूरे मामले पर बिदुवार जांच रिपोर्ट मांगी थी। इनदोनों की रिपोर्ट आने के बाद से डीएम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए दो अन्य मामलों में स्वास्थ्य कर्मियों की कोताही के मामले की जांच का आदेश निर्गत कर दिया है।

इन लोगों पर की गई कार्रवाई

डीएम अमन समीर ने बताया कि यह बात जांच में सही साबित हुई है कि राजपुर के सखुआना गांव के सुमन कुमार की पत्नी को प्रसव कराने के लिए उसके परिजन 22 जुलाई की आधी रात में सदर अस्पताल में ही लाए थे। लेकिन, वहां पर उचित चिकित्सा देने में कोताही किए जाने पर वे लोग पुन: प्रसव पीड़िता को लेकर चौसा के एक निजी अस्पताल मे चले गए। वहां से ही 23 जुलाई की सुबह में ऑक्सीजन सिलेंडर देकर नवजात को इलाज के लिए पुन: सदर अस्पताल भेजा गया। इस मामले में जांच कर यह पाया गया है कि 22 की रात में डियूटी पर तैनात चिकित्सक, एएनएम ने कोताही की है। इसी के चलते दोनों एएनएम को सस्पेंड करते हुए शोकॉज करने का आदेश सीएस को दिया गया है। वहीं, चिकित्सक से भी शोकॉज किया गया है। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर सेवामुक्त करने की भी कार्रवाई की जा सकती है। वहीं, अस्पताल प्रबंधक से भी व्यवस्था में गड़बड़ी को लेकर शोकॉज किया गया है।

चौसा के निजी अस्पताल पर हो सकती है कार्रवाई

इस मामले में प्रशासनिक जांच पूरी होने के बाद निजी अस्पताल की भी कोताही उजागर हुई है। डीएम ने बताया कि जांच के लिए जब चौसा के निजी अस्पताल पर अधिकारी गए तो वहां से सभी कर्मी फरार मिले। उस मरीज की चिकित्सा या प्रसव वहां कराया गया है, इससे संबंधित कोई कागजात नहीं मिल सका। अस्पताल के निबंधन से संबंधित भी कोई कागजात अभी नहीं उपलब्ध कराया गया है। ऐसे में, सीएस को आदेश दिया गया है कि निजी अस्पताल से सभी जानकारी लेकर जल्द से जल्द रिपोर्ट करें। उस अस्पताल में महिला का प्रसव किसने कराया था। कोई एमबीबीएस चिकित्सक संचालित करता है या कोई और, वहां प्रसव कराने के लिए क्या- क्या सुविधा है, उसदिन महिला का प्रसव किसने कराया था। प्रसव कराने के लिए अस्पताल में कोई दक्ष नर्स या डॉक्टर की नियुक्ति है कि नहीं। इन तमाम बातों के साथ- साथ सीएस से यह भी जांच कराने को कहा गया है कि निजी अस्पताल का निबंधन है कि नहीं। उसके कर्मियों ने कैसे ऑक्सीजन सिलेंडर देकर अस्पताल में भेज दिया गया। इन सभी बातों की जांच कर रिपोर्ट सिविल सर्जन को देनी है।

अन्य मामलों की भी चल रही जांच

सदर अस्पताल में कोताही को लेकर एक अन्य मामले में भी जांच चल रही है। डीएम ने बताया कि सदर अस्पताल की एक दूसरी प्रसव पीड़िता को भी रेफर कर दिया गया था। जबकि , सीढ़ी से नीचे आती है तो उसको सामान्य डिलेवरी हो गई। इस मामले में भी जांच चल रही है, जो भी दोषी होंगे , उन पर कार्रवाई की जाएगी।

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