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पटना जू से आई रेस्क्यू टीम ने खूंखार लंगूर को दबोचा

अरक गांव में पिछले एक माह से लंगूर ने मचाया था आतंक अरक गांव में पिछले एक माह से आतंक का पर्याय बन चुका...

पटना जू से आई रेस्क्यू टीम ने खूंखार लंगूर को दबोचा
हिन्दुस्तान टीम,बक्सरThu, 11 Apr 2019 06:53 PM
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अरक गांव में पिछले एक माह से आतंक का पर्याय बन चुका खूंखार लंगूर गुरूवार को पटना चिड़ियाघर से आई टीम के बुने जाल में कैद हो ही गया। पागल लंगूर के गिरफ्त में आने के बाद जहां, रेस्क्यू टीम के सदस्यों ने राहत का सांस लिया। वहीं लंगूर के खौफ से सहमें आम लोगों के चेहरे से शिकन गायब थे। चूंकि, लंगूर के आतंक से स्थानीय ग्रामीण पिछले एक माह से भय एवं दहशत के बीच अपना जीवन गुजार रहे थे। लेकिन, गुरूवार को लंगूर के पकड़ में आने के बाद ग्रामवासी काफी राहत व सुकून महसूस कर रहे थे। करीब तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद पकड़ में आए पागल लंगूर को देखने के लिए पूरब टोला स्थित गोरैया बाबा स्थान के पास काफी तादात में ग्रामीणों को हुजूम उमड़ा था। काफी मशक्कत के बाद पकड़ में आया : पागल लंगूर के आतंक से सहमें ग्रामीणों ने मामले की जानकारी जिले के वन विभाग के पदाधिकारियों को दी थी। ग्रामीणों की सूचना पर तीन दिन पहले अरक पहुंची वन विभाग की टीम ने लंगूर को पकड़ने के लिए कई तरह के हथकंडे अपनाए। लेकिन, शातिर लंगूर उनकी रणनीति पर भारी पड़ा। पुन: वन विभाग की सूचना पर गुरूवार को पटना चिड़ियाघर से आठ सदस्यी टीम अरक पहुंच गोरैया बाबा स्थान के पास पेड़ पर चढ़े लंगूर को पकड़ने के लिए जाल बिछाया। लेकिन, चौकन्ने लंगूर के आगे उनकी एक न चली। अंत में रेस्क्यू टीम के सदस्यों ने एयरगन से लंगूर को बेहोशी का इंजेक्शन दिया। जिसके बाद सुस्त होकर वह पेड़ से नीचे आया और पहले से बुने गए जाल में कैद हो गया। बाद में रेस्क्यू टीम में शामिल डा. अमित कुमार, चुन्नू प्रसाद, मानता यादव, राजबली गुंडा, कमरेश रजक सहित अन्य सदस्यों ने लंगूर को विभागीय वाहन पर लादकर पटना के रवाना हो गए। इनसेट-दर्जनों लोगों को कर चुका थ जख्मी : अरक गांव में पागल लंगूर का आतंक इस कदर बढ़ गया था कि ग्रामीण उसके हमले से दहशत में थे। अब तक दर्जनों लोग उसके हमले के शिकार हो चुके थे। ग्रामीण हिरालाल निषाद, संतोष सिंह, देवकुमार यादव आदि ने बताया कि एक साल पहले लगभग सौ से डेढ़ सौ की संख्या में लंगूरों का एक झूंड गांव में प्रवेश कर गया था। तब से वे गांव को ही अपना ठिकाना बना लिए थे। गांव में इनकी मौजूदगी ग्रामीणों के लिए परेशानी का सबब बन चुकी थी। उनके भय से लोगों को बाहर निकलना मुश्किल हो गया था। ग्रामीणों ने बताया कि पिछले एक माह में लंगूरों ने गांव के दर्जनों लोगों को काटकर जख्मी कर दिया था। विशेषकर, खूंखार लंगूर सबसे अधिक महिलाओं, छोटे-छोटे बच्चों व निहत्थे लोगों को निशाना बनाता था।

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