ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News बिहार बक्सरसालभर में पूरी नहीं हुई सामान खरीद में घपले की जांच

सालभर में पूरी नहीं हुई सामान खरीद में घपले की जांच

नगर परिषद में 2015 से लेकर 2018 तक समान खरीद व कराए गए कार्यों में काफी अनियमितता बरती गई थी। उसी अनियमितता की जांच के लिए नप के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष नागेन्द्र नाथ तिवारी ने डीएम एवं विभाग के...

सालभर में पूरी नहीं हुई सामान खरीद में घपले की जांच
हिन्दुस्तान टीम,बक्सरTue, 04 Feb 2020 12:42 PM
ऐप पर पढ़ें

डुमरांव। निज संवाददाता

नगर परिषद में 2015 से लेकर 2018 तक समान खरीद व कराए गए कार्यों में काफी अनियमितता बरती गई थी। उसी अनियमितता की जांच के लिए नप के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष नागेन्द्र नाथ तिवारी ने डीएम एवं विभाग के प्रधान सचिव को जांच के लिए पत्र प्रेषित किया था। उनके पत्र के आलोक में डीडीसी ने तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी को जांच का आदेश दिया था। उस समय के कार्यपालक पदाधिकारी वीरेन्द्र कुमार प्रभाकर ने अपनी जांच में कई संगीन खुलासे करते हुए डीडीसी को उच्च स्तरीय जांच के लिए अनुशंसा की थी। उन्हीं की अनुशंसा पर डीएम ने तीन सदस्यीय टीम का गठन करते हुए जांच का आदेश दिया था। आदेश मिले एक साल से अधिक हो गया, लेकिन जांच नहीं हो पाई। इतना ही नहीं अबतक तीन पत्र जांच के लिए निर्गत भी हो चुके हैं।

आठ बिंदुओं पर जांच की हुई है अनुशंसा

गौरतलब है कि हरिजी हाता निवासी पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष नागेन्द्र नाथ तिवारी ने जिन आठ बिंदुओं को दर्शाते हुए जांच के लिए डीएम एवं नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिखा था, उसकी जांच तत्कालीन ईओ ने किया था। पहली जांच की बिंदु थी नगर परिषद बाजार समूह की दुकान 1, 28 और 29 का खुला डाक से आवंटन नहीं किया गया। इसके जांच के क्रम में पता चला की तत्तकालीन डीएम के आदेश पर उक्त तीनों दुकान की डाक नहीं बोली गई। दूसरा जांच की बिंदु है कम्पैक्टर मशीन। इसकी जांच में पाया गया कि 2013-14 के बीच तत्कालीन पदाधिकारी अरूण प्रकाश द्वारा की गई थी, जिसकी संचिका नहीं मिली है। तीसरी बिंदु सेंट्रल नाला निर्माण एवं सफाई पर अनियमितता बरते जाने की बात कही गई है। तत्कालीन ईओ ने इस पर उच्च स्तरीय जांच की अनुशंसा की है। चौथी बिंदु एलईडी लाइट की खरीद पर है। इसकी भी ईओ ने उच्च स्तरीय जांच की अनुशंसा की है। पांचवां मामला हरिजी हाता में नाली निर्माण में अनियमितता के संबंध में है, जिसमें मानक के रूप में नहीं काम कराए जाने का है। साथ ही नाली अनुपयोगी बना हुआ है। इसकी भी उच्चस्तरीय जांच कराने को लिखा गया है। सेंट्रल नाला के अतिक्रमण व उस पर दुकान बनाए जाने की शिकायत की गई थी। ईओ ने इसे सही पाते हुए सीओ से जांच कराते हुए अतिक्रमण हटाने का अनुशंसा की है। इसी तरह से डुमरांव के वार्ड नंबर 13 के तकिया मुहल्ले में अतिक्रमण हटाने के लिए बार-बार लिखित आवेदन दिया गया। सीओ ने समय देकर भी अतिक्रमण नहीं हटाया। इसकी जांच करते हुए सीओ को अपने स्तर से आदेश देने की अनुशंसा की गई है। नाली, गली, चापाकल, सड़क की गुणवत्ता व विकास में हुए खर्च की जांच उच्च स्तरीय कराने की बात कही गई है।तीन सदस्यीय टीम गठित

ईओ की अनुशंसा पर अनियमितता की जांच के लिए डीएम ने तीन सदस्यीय टीम का गठन किया था। गठित टीम में वरीय पदाधिकारी बक्सर, एसडीओ डुमरांव एवं कार्यपालक अभियंता ग्रामीण कार्य विभाग डुमरांव को शामिल किया गया है। डीएम ने एक सप्ताह के भीतर जांच रिपोर्ट देने के लिए आदेशित किया था। जांच जब जांच रिपोर्ट नहीं मिला तब नागेन्द्र नाथ तिवारी ने एक बार फिर डीएम का दरवाजा खटखटाया। प्रभारी पदाधिकारी जिला विकास शाखा ने गठित टीम के सदस्यों को पत्र प्रेषित करते हुए लिखा है कि जांच रिपोर्ट अभी तक अप्राप्त है। उन्होंने जांच रिपोर्ट अतिशीघ्र उलब्ध कराने की अनुशंसा किया है ताकि अग्रेत्तर कार्रवाई किया जा सके। अब सवाल उठता है कि जांच में क्यों विलंब किया जा रहा है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें