ब्रह्मपुर। निज संवाददाता
स्थानीय पंचायत के उप मुखिया मनोज मेहता को पुलिस द्वारा एक मामले में हिरासत में लेने को लेकर देर रात तक थाने पर हाई वोल्टेज ड्रामा चलता रहा। पुलिस कार्रवाई के विरोध में आक्रोशित सैकड़ों ग्रामीणों की भीड़ थाने के बाहर घंटों बैठी रही। बाद में एसपी के आदेश के बाद पूछताछ के बाद पुलिस ने उप मुखिया को रिहा कर दिया। इसके बाद थाने के बाहर जमीन ग्रामीणों की भीड़ भी वापस लौट गई।
हेरोइन के मामले में पुलिस ने लिया था हिरासत में :
घटना के संबंध में बताया जाता है कि स्थानीय गांव में इसी साल 19 जुलाई को पुलिस ने रीता देवी नामक एक महिला को 8 ग्राम हेरोइन तथा 3500 नगद के साथ गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार महिला ने पूछताछ में पुलिस के समक्ष स्वीकार किया था कि धंधे में उप मुखिया मनोज मेहता का भी उसे सहयोग मिलता रहा है। महिला की स्वीकारोक्ति बयान के आधार पर पुलिस ने उस मामले में उप मुखिया को भी आरोपी बनाते हुए उनकी गिरफ्तारी का आदेश जारी किया था। इसकी भनक लगते ही उप मुखिया ने एसपी को एक आवेदन देकर इस मामले में उन्हें जानबूझकर फंसाने का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की थी। उनका कहना था कि उक्त महिला से उनका पुराना विवाद चला आ रहा है। मुकदमा भी चल रहा है। इसी रंजिश में उन्हें फंसाने के लिए गलत बयान दिया गया है। आवेदन पर कई ग्रामीणों ने भी हस्ताक्षर किया था। एसपी ने आवेदन के आलोक में मामले की जांच का आदेश दिया था। लेकिन बिना जांच के ही बुधवार कि शाम पुलिस ने उप मुखिया मनोज मेहता को हिरासत में लेकर थाने पर लेकर आ गई ।
थाने पर पहुंचे ग्रामीण
स्थानीय पंचायत के उप मुखिया मनोज मेहता को पुलिस द्वारा हिरासत में लेने की सूचना के बाद काफी संख्या में आक्रोशित ग्रामीण थाने पर पहुंच गए। वह उप मुखिया को गलत तरीके से हटाने की बात करते हुए उन्हें रिहा करने की मांग करने लगे। उनका कहना था कि मादक द्रव्य के सही धंधेबाजों को नहीं पकड़ कर पुलिस निर्दोष लोगों को फंसाने का कार्य कर रही है।कड़ाके की ठंड के बाद भी ग्रामीणों की भीड़ देर रात तक थाने के बाहर गेट पर जमी रही। इससे वहां की स्थिति तनावपूर्ण बन गई थी। बाद में ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल थानाध्यक्ष से मिलकर उन्हें सारी बातों से अवगत कराते हुए उप मुखिया को हिरासत से छोड़ने की मांग की। इस दौरान हाई वोल्टेज ड्रामा चलता रहा तथा इसकी सूचना जिला मुख्यालय तक भी पहुंच गई थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी ने इस मामले में हस्तक्षेप किया। इसके बाद उप मुखिया को पुलिस ने पूछताछ करने के बाद हिरासत से रिहा कर दिया। थानाध्यक्ष निर्मल कुमार ने बताया कि पूरे मामले की जांच व पूछताछ चल रही है। उप मुखिया से भी इस बारे में पूछा कर उन्हें रिहा कर दिया गया।