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हड़प्पा मोहनजोदडों जैसा है चिरांद: अश्विनी चौबे

बक्सर। हिन्दुस्तान संवाददाता राज्यमंत्री चौबे ज्येष्ठ पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित होने वाले चिरांद उत्सव के पूर्व संध्या पर चिरांद: मानव सभ्यता की अनवरत विकास यात्रा का साक्षी विषय पर आयोजित वेबिनार...

 हड़प्पा मोहनजोदडों जैसा है चिरांद: अश्विनी चौबे
हिन्दुस्तान टीम,बक्सरThu, 24 Jun 2021 11:00 AM
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बक्सर। हिन्दुस्तान संवाददाता

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि गंगा, सरयू और सोन नदी के संगम पर अवस्थित यह विश्व का अद्वितीय पुरातात्विक स्थल रामायण परिपथ को पुरातात्विक आधार देता है। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री चौबे ज्येष्ठ पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित होने वाले चिरांद उत्सव के पूर्व संध्या पर चिरांद: मानव सभ्यता की अनवरत विकास यात्रा का साक्षी विषय पर आयोजित वेबिनार को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आदि कवि वाल्मीकि की रामायण, गोस्वामी तुलसीदास कृत राम चरित मानस में इस पवित्र स्थल का अत्यंत ओजपूर्ण वर्णन मिलता है।

इस स्थान के महत्व से लोगों को अवगत कराने के लिए वर्ष 2008 में पहली बार वहां समारोह का आोजन किया गया था। जिसके उद्घाटन का सौभाग्य मुझे प्राप्त हुआ था। तब से यह कार्यक्रम अनवरत जारी है। उन्होंने कहा कि इस स्थल की खुदाई करने का प्रथम प्रयास प्रख्यात पुरातत्वविद एस अल्टेकर ने किया था। लेकिन, महाराष्ट्र को होने के कारण आरएसएस का व्यक्ति बताकर उस समय के प्रभावशाली राजनीतिक दल के लोगों ने उनका विरोध किया था। जिसके कारण व उस स्थल की खुदाई नहीं करा सके। वर्ष 2005 में बिहार में जब भाजपा व एनडीए की सरकार बनी तब उसका रिपोर्ट प्रकाशित हो सका। चिरांद की प्रामाणिकता व महत्व अब सरकारी दस्तावेज बन चुका है। इसे रामायण सर्किट से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा। अपने गुरु विश्वामित्र जी के साथ अयोध्या से चलकर भगवान श्रीराम यहां पहुंचे थे। रामायण के अनुसार तीन नदियों के इस पवित्र संगम पर रात्रि विश्राम के बाद विश्वामित्र ने श्रीराम व लक्ष्मण को बलाअतिबला विद्या प्रादन किया था। इसके बाद उन्हें लेकर सिद्धाश्रम यानी बक्सर आए थे। सिद्धाश्रम से चिरांद होते हुए महर्षि विश्वामित्र के साथ प्रभु श्रीराम जनकपुर गए थे। इस प्रकार रामायण परिपथ इस तीर्थ के बिना पूर्ण हो ही नहीं सकता।

बिहार सरकार के कला, संस्कृति व खेल मंत्री आलोक रंजन झा ने कहा कि बिहार सरकार उस स्थल को विश्व मानक के अनुरूप विकसित करने के लिए प्रयासरत है। पुरातात्विक स्थल पर आडिटोरियम व प्रदर्शनी गैलरी से युक्त थिमेटिक पार्क का निर्माण कराया गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्वयं उस स्थल का निरीक्षण करने गए थे।

विधान पार्षद सच्चिादनंद राय ने कहा कि रामायण परिपथ में शामिल होने के सारी शर्तों को पूरा करने के बावजूद यह स्थल अभी तक रामायण परिपथ में शामिल नहीं हो सका है। वेबिनार में लक्ष्मण किलाधीश व रसिक शिरोमणि आचार्य पीठ के महंत श्री मैथिली रमण शरणजी महाराज, रामकृष्ण आश्रम के स्वामी दिव्यात्मानंदजी महाराज, चिरांद विकास परिषद के संरक्षक महंत श्रीकृणगिरी उपाख्या नागा बाबा, विभाग संघचालक श्रीविजय सिंह, डा. किरण सिंह, चिरांद विकास परिषद के रासेश्वर सिंह आदि ने अपने विचार रखे। चिरांद विकास परिषद के सचिव श्रीराम तिवारी ने चिरांद के महत्व व उसके विकास के प्रयासों पर जानकारी दी। वहीं सामाजिक कार्यकर्ता देवेश नाथ दीक्षित ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

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