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चन्द्रग्रहण दोष से मुक्ति को किए गंगा स्नान, पेज चार

मंगलवार की रात लगे चन्द्र ग्रहण के मोक्ष होने के साथ ही स्नान के लिए गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं का रेला लग गया। इस अवसर पर शहर समेत सुदूर क्षेत्रों से आए श्रद्धालुओं ने गंगा के विभिन्न घाटों पर जाकर...

मंगलवार की रात लगे चन्द्र ग्रहण के मोक्ष होने के साथ ही स्नान के लिए गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं का रेला लग गया। इस अवसर पर शहर समेत सुदूर क्षेत्रों से आए श्रद्धालुओं ने गंगा के विभिन्न घाटों पर जाकर...
1/ 2मंगलवार की रात लगे चन्द्र ग्रहण के मोक्ष होने के साथ ही स्नान के लिए गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं का रेला लग गया। इस अवसर पर शहर समेत सुदूर क्षेत्रों से आए श्रद्धालुओं ने गंगा के विभिन्न घाटों पर जाकर...
मंगलवार की रात लगे चन्द्र ग्रहण के मोक्ष होने के साथ ही स्नान के लिए गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं का रेला लग गया। इस अवसर पर शहर समेत सुदूर क्षेत्रों से आए श्रद्धालुओं ने गंगा के विभिन्न घाटों पर जाकर...
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हिन्दुस्तान टीम,बक्सरWed, 17 Jul 2019 09:14 PM
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मंगलवार की रात लगे चन्द्र ग्रहण के मोक्ष होने के साथ ही स्नान के लिए गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं का रेला लग गया। इस अवसर पर शहर समेत सुदूर क्षेत्रों से आए श्रद्धालुओं ने गंगा के विभिन्न घाटों पर जाकर स्नान किया तथा पूजा-अर्चना के साथ दान-दक्षिणा दिए। इसको लेकर रामरेखाघाट, नाथ बाबा घाट व सती घाट समेत शहर के अन्य घाटों पर स्नानार्थियों की भीड़ उमड़ गई थी।

आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा के अवसर पर मंगलवार की रात खंडग्रास चन्द्र ग्रहण लगा था। यह चन्द्रग्रहण आधी रात के बाद 1 बजकर 31 मिनट से शुरू हुआ तथा 3 बजकर 30 मिनट पर मोक्ष हुआ। मोक्ष होते ही स्नाना के लिए अपने-अपने निवास स्थान से श्रद्धालु गंगा घाटों के लिए रवाना हो गए। वे गंगा में डूबकी लगाए तथा अन्न, व द्रव्य आदि का दान देकर ग्रहण दोष से निवृत्त हुए। इस मौके का फायदा नाविकों व पंडे-पुजारियों ने जमकर उठाया। एक ओर नाविक जहां नियमों को ताक पर रखकर सवारी ढो रहे थे। वही दान-दक्षिणा मिलने से पंडे-पुजारियों की आमद बढ़ गई थी। आचार्यों के मुताबिक ग्रहण काल के दोष से निवृत्ति के लिए स्नान व दान का विधान है। जाहिर है कि ग्रहण का सूतक नौ घंटा पहले से ही लग जाता है। जिसके चलते नौ घंटा पूर्व ही मंदिरों के कपाट आदि बंद कर दिए गए थे। ग्रहण के समापन के उपरांत विधि-विधान के साथ मंदिरों के कपाट खोलकर देवी-देवताओं को त्रिमंजन स्नान कराए गए तथा विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की गई।

ओवर लोड नौका परिचालन से खतरा : गंगा के जलस्तर में वृद्धि होने के साथ ही खतरा बढ़ जाता है। सावन में गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। बावजूद नियमों को ताक पर रखकर नौका परिचालन से नाविक परहेज नहीं कर रहे हैं। बुधवार को यह नजारा शहर के रामरेखाघाट के पास देखने को मिला। जहां क्षमता से काफी अधिक सवारियों को बैठाकर नाविक गंगा पार करा रहे थे।

प्रशासन की लापरवाही : सावन महीना आने के साथ ही प्रशासनिक अलर्ट जारी कर दिया जाता है। परंतु प्रशासन की लापरवाही के कारण ओवरलोड नावों का परिचालन धड़ल्ले से जारी है। जिससे हादसे से इंकार नहीं किया जा सकता। जाहिर है कि परिवहन विभाग द्वारा नावों की क्षमता के अनुसार ही लाइसेंस निर्गत किया जाता है।

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