विशेष नामांकन अभियान को मिला विस्तार, अब 22 अप्रैल तक प्रवेशोत्सव
डुमरांव में नए अकादमिक सत्र 2025-26 के लिए छह साल के बच्चों का नामांकन अभियान 22 अप्रैल तक बढ़ाया गया है। प्रधानाध्यापकों को निर्देश दिया गया है कि वे सभी बच्चों का नामांकन सुनिश्चित करें और शिक्षा के...

पेज पांच की लीड ----------- एचएम को दायित्व अभियान के दौरान विद्यालय में कक्षा एक मे जो नए छात्र-छात्रा प्रवेश करेंगे, इसके लिए आवश्यक हैं कि विद्यालय के कक्षा का कार्य रुचि पूर्ण रखें प्रधानाध्यापकों को दिया गया टास्क एक भी बच्चा छूटे नहीं अभिभावकों का स्वागत करते हुए उनके बच्चों का नामांकन 01 से 15 अप्रैल के बीच नामांकन पखवाड़ा चलाया गया फोटो संख्या-14, कैप्सन- बुधवार को डुमरांव प्रखंड सभागार में नामांकन अभियान की बैठक में शामिल प्रधानाध्यापक। डुमरांव, संवाद सूत्र। नए अकादमिक सत्र 2025-26 में सभी छह वर्ष के बच्चों का निकट के प्राथमिक अथवा प्रारंभिक विद्यालयों में नामांकन कराने के लिए अभियान प्रवेशोत्सव की तिथि को विस्तारित किया गया है। शिक्षा विभाग के अनुसार एक से 15 अप्रैल के बीच नामांकन पखवाड़ा चलाया गया। बावजूद अभी भी छह वर्ष तक के सभी बच्चों का नामांकन नहीं हो पाया है। इस उम्र के बच्चों का शत प्रतिशत नामांकन कराने के लिए नामांकन अभियान-प्रवेशोत्सव की तिथि 22 अप्रैल तक विस्तारित किया गया है। बुधवार को प्रखंड के सभागार में प्रधानाध्यापकों और टोला सेवकों की बैठक को संबोधित करते हुए जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (एमडीएम) सह प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी रजनीश कुमार उपाध्याय ने कहा कि एक भी बच्चों छूटे नहीं इसके लिए एचएम के कंधे पर दायित्व दिया गया है। प्रवेशोत्सव अभियान में अभिभावकों का स्वागत करते हुए उनके बच्चों का नामांकन किया जाएगा। कहा कि अभियान के दौरान विद्यालय में कक्षा एक मे जो नए छात्र-छात्रा प्रवेश करेंगे, इसके लिए आवश्यक हैं कि विद्यालय के कक्षा का कार्य रुचि पूर्ण रखें। ताकि बच्चे विद्यालय के कार्यकलाप से अति उत्साहित होकर अपना शैक्षणिक जीवन प्रारंभ करें। नामांकन प्रक्रिया पूरा होने के बाद सरकार की ओर से सभी बच्चों को किताबें, कॉपी, पेंसिल व पोशाक की राशि दी जाएगी। भाषा का ज्ञान आवश्यक जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने शिक्षकों से कहा कि कक्षा एक से पांच तक के बच्चों पर भाषा का ज्ञान देने के लिए फोकस करें। इन बच्चों को हिंदी, गणित और अंग्रेजी विषयों की प्रारंभिक ज्ञान आवश्यक है। साथ ही इन्हें बोलचाल में भाषा का ज्ञान अर्जित करने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने विद्यालय के प्रधानाध्यापकों से बच्चों के बीच हिंदी लेखन को सुदृढ़ करने की बात कहीं। उन्होंने विशेषकर गणित, विज्ञान व रीडिंग पर विशेष जोर दिया। टोला सेवक की भूमिका अहम विद्यालय के प्रधानाध्यापक टोला सेवकों की मदद से पोषण क्षेत्र के सभी बच्चों का नामांकन करें। ऐसा कोई भी बच्चा क्षेत्र में नहीं छूटे जिसका नामांकन विद्यालय में नहीं हो। इसके साथ ही मुखिया और वार्ड सदस्य के स्तर पर भी नामांकन ली जा सकती है। अभियान में ऐसे बच्चों को भी चिन्हित किया जाएगा जो छह साल के हो चुके है, पर उनका नामांकन नहीं है। अभियान के बाद सभी प्रधानाध्यापक बीईओ को यह प्रमाण पत्र देंगे कि उनके पोषक क्षेत्र में कोई भी छह वर्ष का बच्चा अनामांकित नहीं है।
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