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ड्यूटी से नादारद थे डॉक्टर, डीएस ने संभाली कमान

अनुमंडलीय अस्पताल में डॉक्टर समय से ड्यूटी नहीं आते। आठ बजे ओपीडी चलता है तो आते हैं 11 बजे। इधर मरीज डॉक्टरों के इंतजार में बैठे रहते हैं। वही जो समर्थवान होते हैं, निजी क्लिनीक का सहारा ले लेते...

ड्यूटी से नादारद थे डॉक्टर, डीएस ने संभाली कमान
डुमरांव। निज संवाददाताFri, 16 Nov 2018 11:31 PM
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अनुमंडलीय अस्पताल में डॉक्टर समय से ड्यूटी नहीं आते। आठ बजे ओपीडी चलता है तो आते हैं 11 बजे। इधर मरीज डॉक्टरों के इंतजार में बैठे रहते हैं। वही जो समर्थवान होते हैं, निजी क्लिनीक का सहारा ले लेते हैं। शुक्रवार को अस्पताल में कुछ ऐसा ही देखने को मिला। घायल महिला को इलाज के लिए उनके परिजन असपताल में ले आए। डॉक्टरों  की खोज करने लगे। कोई डॉक्टरों के नहीं रहने पर उनके होश उड़ गए। डाक्टर के इंतजार में बैठे अन्य मरीज भी परेशान थे। अस्पताल में अफरातफरी की स्थिति कायम हो गई। किसी ने डीएस डा. गिरीश कुमार को फोन किया। डीएस ने पता किया कि रोस्टर पर जिस डॉक्टर की ड्यूटी लगी है, अस्पताल में पहुंचे नहीं है। उन्होंने स्थिति को भांपते हुए अस्पताल पहुंच गए। उनके पहुंचते ही मरीजों के परिजनों ने  राहत की सांस ली और उनके रोगी का इलाज शुरू हुआ।

रोस्टर वाले डॉक्टर  पहुंचे सुबह 11 बजे के बाद: गौरतलब है कि शुक्रवार को रोस्टर के अनुसार सुबह 8 बजे से डा. अम्बिकानंद भारतवाषी की ड्यूटी आउटडोर में लगी हुई थी। मरीज आउटडोर में दिखाने के लिए समय से अस्पताल पहुंचने लगे थे, लेकिन ड्यूटी वाले डॉक्टर साहब नादारद थे। लगभग नौ साढ़े नौ बजे के आसपास मोटरसाइकिल से धक्का लगी घायल महिला को उसके परिजन अस्पताल में ले आए। डॉक्टर की खोजबिन शुरू हो गयी। तभी इंतजार में बैठे अन्य मरीज के परिजन भी पहुंच गए। अस्पताल में अफरातफरी की स्थिति कायम हो गई। तभी किसी स्टाफ ने बताया कि डॉक्टर पटना से आते हैं ट्रेन में हैं। डॉक्टरों के नहीं रहने से परिजन काफी आक्रोशित थे। अस्पताल में हंगामा खड़ा नहीं हो, तत्काल इसकी सूचना डीएस को दी गयी। डीएस ने जब ड्यूटी लगे डाकटर से बात किया तो पता चला कि डाक्टर साहब ट्रेन में हैं। डीएस स्थिति को भांपते हुए तुरंत अस्पताल पहुंच मरीजों की जांच शुरू की।

डीएम के आदेश का नहीं होता पालन
डीएम राघवेन्द्र सिंह ने अस्पताल के निरीक्षण के दौरान महिला डॉक्टरों को भी रात्रि में ड्यूटी लगाने एवं ओपीडी में कम से कम पांच डॉक्टर की सेवा देने के लिए डीएस को आदेशित किया था। बावजूद पांच डॉक्टर कभी भी आउटडोर में ड्यूटी नहीं बजाते। कई ऐसे डाक्टर हैं जो आरा, पटना से आकर ड्यूटी बाजाते हैं। ऐसे में सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि अस्पताल में ड्यूटी बजाने वाले डाक्टर अपने कार्य के प्रति कितना जवाबदेह हैं।

ड्यूटी में लापरवाही बरतने वाले डाक्टर का वेतन अवरूद्ध किया जाएगा। किसी भी डाक्टर का वेतन कार्य समीक्षा के अनुसार ही बनेगा।
डा. गिरीश कुमार, डीएस, अनुमंडलीय अस्पताल डुमरांव

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