ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News बिहार बक्सरजिले में डेंगू ने दी दस्तक पर जांच को किट ही उपलब्ध नहीं

जिले में डेंगू ने दी दस्तक पर जांच को किट ही उपलब्ध नहीं

गू के बारे में अंदाजा लगाकर अंतिम रिपोर्ट के लिए पटना के तीन सेंटरों पर भेजा जा रहा है, जहां से यह पुष्टि होती है कि किसको डेंगू है या नहीं या किसी दूसरे कारण से प्लेटलेट्स कम हो रहा है। सदर अस्पताल...

जिले में डेंगू ने दी दस्तक पर जांच को किट ही उपलब्ध नहीं
हिन्दुस्तान टीम,बक्सरSat, 23 Oct 2021 11:50 AM
ऐप पर पढ़ें

बक्सर। कार्यालय संवाददाता

जिले के चौगाईं प्रखंड के अंबेदकर पट्टी गांव में डेंगू ने दस्तक दे दी है, लेकिन इसकी जांच के लिए जिले में किट की सुविधा भी उपलब्ध नहीं है। इसकारण, जांच करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। फिलहाल, प्लेटलेट्स की जांच के आधार पर डेंगू के बारे में अंदाजा लगाकर अंतिम रिपोर्ट के लिए पटना के तीन सेंटरों पर भेजा जा रहा है, जहां से यह पुष्टि होती है कि किसको डेंगू है या नहीं या किसी दूसरे कारण से प्लेटलेट्स कम हो रहा है। सदर अस्पताल में केवल 10 किट होने की बात बताई जा रही है लेकिन अन्य पीएचसी पर कहीं भी किट उपलब्ध नहीं है।

डेंगू जांच किट पीएचसी में नहीं

इस तरह के सर्द- गर्म वाले मौसम में डेंगू रोग का प्रकोप बढ़ने की आशंका अधिक रहती है। इसकारण, बुखार होने पर अगर कोई डेंगू की जांच करवाना सरकारी अस्पतालों में चाह रहा है तो उसकी जांच नहीं हो पा रही है और जांच प्राइवेट जांच घरों से करवाकर पता लगाना पड़ रहा है। ऐसे में, स्वास्थ्य विभाग के पास डेंगू से पीड़ित मरीजों की संख्या भी असानी से उपलब्ध नहीं हो पा रही है। क्योंकि , इसकी जांच तो निजी जांच घरों में हो रही है।

निजी अस्पतालों में मरीजों का हो रहा शोषण

डेंगू जांच किट पीएचसी या फिर सदर अस्पताल में आसानी से नहीं उपलब्ध होने के कारण इसकी जांच कराने के लिए मरीजों को निजी जांच घरों में आर्थिक शोषण का शिकार होना पड़ रहा है। सरकारी अस्पतालों में यह जांच जहां नि:शुल्क उपलब्ध हो जाती वहीं, निजी में 8 सौ से लेकर एक हजार तक रूपए तक की वसूली मरीजों से निजी जांच घरों द्वारा की जा रही है। इसी अधार पर निजी प्रैक्टिस करनेवाले चिकित्सक भी इलाज कर रहे हैं।

सीबीसी मशीन से प्लेटलेट्स जांच लगा रहे अनुमान

सरकार की ओर से जिले के सदर अस्पताल समेत सभी पीएचसी में सीबीसी मशीन जांच के लिए उपलब्घ कराई गई है। डेंगू का किट अभी जैसे कि उपलब्घ नहीं है तो खून का सैंपल लेकर प्लेटलेट्स काउंट कर ही अनुमान लगाकर इलाज तत्काल शुरू कर दिया जा रहा है कि डेंगू में प्लेटलेट्स डाउन हो जाते हैं, ऐसे में मरीज को डेंगू हो सकता है। इसके बाद खून का सैंपल लेकर पटना के तीन केंद्रों पर डेंगू की आधिकारिक पुष्टि के लिए भेजा जा रहा है। वहां से डेंगू की पुष्टि हो जाने पर ही उस गांव या मुहल्ले में जहां मरीज पाया जाता है, वहां पर छिड़काव या अन्य उपचार या उपाया शुरू किए जाते हैं। लेकिन, कई चिकित्सकों का कहना है कि डेंगू के अलावा अन्य रोगों में भी प्लेटलेट्स डाउन हो जा रहे हैं। इसलिए, डेंगू किट से जांच कराना आवश्यक है।

सदर अस्पताल में 10 किट हैं उपलब्ध

डेंगू के किट अभी सदर अस्पताल में 10 उपलब्ध होने की बात स्वास्थ्य प्रबंधक की ओर से बताई गई है। लेकिन , अभीतक अन्य पीएचसी में कहीं भी डेंगू की जांच के लिए कोई किट नहीं उपलब्ध है। बीबीडीओ डॉ. शैलेन्द्र कुमार का कहना है कि अभी सीबीसी मशीन से जांच कर इलाज हो रहा है। किट की खरीदारी रोगी कल्याण समिति को करना है, जो नहीं खरीद सकी है इसकारण प्रखंड में किट उपलब्ध नहीं है। रोगी कल्याण समिति के सदस्य व रेडक्रॉस क सचिव डॉ. श्रवण तिवारी का कहना है कि किट की खरीदारी को लेकर कभी रोगी कल्याण समिति के सामने बात उठाई ही नहीं गई है। अगर इस समिति में शामिल चिकित्सक या अधिकारी ही खरीदारी करते हैं। जन समस्याओं की अनदेखी की जा रही है, जो ठीक नहीं है।

कोट

रोगी कल्याण समिति की ओर से ही हर सदर अस्पताल या पीएचसी में किट की खरीदारी करनी है लेकिन इनदिनों समिति की ओर से खरीदारी नहीं हो पाने के चलते किट नहीं हैं। फिलहाल, सीबीसी मशीन के माध्यम ब्लड सैंपल लेकर प्लेट्लेटस कम होने की स्थिति में पटना से पुष्टि कराकर इलाज कराया जा रहा है।

- डॉ. शैलेन्द्र कुमार , वेक्टर जनित रोग निवारण पदाधिकारी।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें