अंतिम समय में नहरों में पानी छोड़े जाने से गेहूं बुआई में विलंब
धान की कटनी और गेहूं की बुआई में आधा दर्जन पंचायतों में विलंब हुआ है। नहरों में समय पर पानी नहीं छोड़े जाने से धान की उपज में कमी आई और बुआई में देरी हुई। किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान पर गेहूं के तीन...

पेज पांच के लिए ---------- परेशानी खेतों में पानी लगने से आधा दर्जन पंचायतों में बुआई में विलंब 50 प्रतिशत अनुदानित दर पर तीन किस्म गेहूं बीज का वितरण डुमरांव, निज संवाददाता। पंद्रह दिसंबर तक धान की कटनी पूरी हो जानी चाहिए थी। इसके बाद गेहूं की बुआई शुरू होनी थी। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ। जिससे गेहूं के उत्पादन में अंतर आ सकता है। प्रखंड के लगभग आधा दर्जन पंचायतों में धान की कटनी और गेहूं की बुआई में विलंब हुआ है। बीएओ गोपाल प्रसाद व किसान सलाहकार राजीव कुमार ने बताया कि नहरों में पानी जरूरत के समय नहीं छोड़ कटनी के समय छोड़े जाने से किसानों को दो तरह से नुकसान पहुंचा है। पहला नुकसान समय से पानी नहीं छोड़े जाने से धान की उपज में कमी आई। वहीं, कटनी के समय पानी छोड़े जाने से खेतों में पानी जमा होने के चलते गेहूं की बुआई में विलंब हो रहा है। इनका कहना है कि सरकारी समयानुसार 15 दिसंबर तक कटनी पूरा कर बुआई हो जानी चाहिए थी। धान की उपज प्रति हेक्टेयर 50 से 68 क्विंटल तक हुआ है। जबकि, इससे अधिक उपज होनी चाहिए थी। गेहूं बीज के संबंध में बताया गया कि पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर वितरण हुआ है। तीन किस्मों के गेहूं बीज का वितरण किया गया। जिसका रेट 24, 28 और 29 रुपया प्रतिकिलो है। प्रखंड के किसानों में 17 सौ क्विंटल गेहूं बीज का वितरण 50 प्रतिशत अनुदान पर किया गया है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।