नगर ओडीएफ घोषित लेकिन सार्वजनिक शौचालय अनुपयोगी
नगर को जिन संसाधनों के बल पर ओडीएफ घोषित किया गया था, उसकी स्थिति दयनीय बनी हुई है। डब्बल डेकर से लेकर मॉडल शौचालय तक बनाए गए, लेकिन आज भी लोग खुले में शौच करते हुए देखे जाते हैं। इसका मुख्य कारण है,...
नगर को जिन संसाधनों के बल पर ओडीएफ घोषित किया गया था, उसकी स्थिति दयनीय बनी हुई है। डब्बल डेकर से लेकर मॉडल शौचालय तक बनाए गए, लेकिन आज भी लोग खुले में शौच करते हुए देखे जाते हैं। इसका मुख्य कारण है, बने शौचालय का उपयोग और उसका रखरखाव सही नहीं होना।
बदहाल पड़ा है हदहदवा पुल का निर्माण
12 सीट वाला शौचालय हदहदवा पुल के पास लाखों रूपए खर्च कर तीन साल पहले बनाया गया था। कुछ ही दिन बाद आंधी-तूफान में उजड़ गया। फिर बारिश शुरू हुई तो जमीन धंस गया। आज की तारीख में शौचालय अनुपयोगी होकर खंडहर में तब्दिल हो गया है। आसपास के लोगों का कहना था कि सही से यह शौचालय बना होता तो बहुत से घर के लोगों को खुले में शौच करने के लिए नहीं जाना पड़ता।
बीस बना है डबल डेकर शौचालय
गौरतलब है कि नगर में जगह की कमी को देखते हुए 12 सीट वाला 29 डब्बल डेकर शौचालय का निर्माण कराना था। कुछ स्थानों पर स्थल विवाद को लेकर शौचालय का निर्माण नहीं हो पाया। नगर के विभिन्न वार्डों में लगभग बीस स्थानों पर शौचालय का निर्माण कराया गया। जो बीस शौचालय बने हुए हैं, कुछ को छोड़ दिया जाए तो सभी अनुपयोगी बने हुए हैं। इसका मुख्य कारण है, देखरेख का अभाव।
कोट
नया बोर्ड बना है। नगरवासियों की हर जरूरत को प्राथमिकता के तौर पर पूरा किया जा रहा है। शौचालयों से कुछ परिवारों को टैग करने की बात सामने आयी है।
भागमनी देवी,चेयरमैन, नप डुमरांव