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चौसा रेलवे स्टेशन बना बकरियों का चारागाह

और सूनसान होकर रह गए हैं। ऐसे में इन सुनसान पड़े स्टेशन यात्रियों की अनुपस्थिति में मवेशियों के चारागाह के रूप में तब्दील होते नजर आ रहे हैं। ऐसा ही कुछ नजारा इन दोनों पटना-दीनदयाल उपाध्याय नगर...

चौसा रेलवे स्टेशन बना बकरियों का चारागाह
हिन्दुस्तान टीम,बक्सरMon, 21 Dec 2020 11:10 AM
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चौसा। संवाद सूत्र

कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से केन्द्र सरकार के द्वारा बंद किए गये पैसेंजर और कई एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन अभी तक शुरू नहीं किए जाने से ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित कई रेलवे स्टेशन यात्रियों की आवाजाही नहीं होने के कारण पूरी तरह से वीरान और सूनसान होकर रह गए हैं। ऐसे में इन सुनसान पड़े स्टेशन यात्रियों की अनुपस्थिति में मवेशियों के चारागाह के रूप में तब्दील होते नजर आ रहे हैं। ऐसा ही कुछ नजारा इन दोनों पटना-दीनदयाल उपाध्याय नगर रेलखंड पर स्थित चौसा रेलवे स्टेशन पर दिखाई दे रहा है।

चौसा रेलवे स्टेशन पर पसरा रहता है सन्नाटा:

कोराना वायरस के जानलेवा संक्रमण की वजह से इस साल मार्च के महीने में ही केन्द्र सरकार के द्वारा एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन रोक दिया गया था। बाद में स्थिति में कुछ सुधार होने पर सरकार के द्वारा लाॅक डाउन हटाए जाने के बाद कुछ पैसेंजर और एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन शुरू कर दिया गया। परन्तु कई माह गुजर जाने के बावजूद भी छोटे-छोटे स्टेशनों पर रुकने वाली कई ट्रेनों का परिचालन और ठहराव अभी भी नहीं किए जाने से एकतरफ जहां यात्रियों को कहीं आने-जाने में भारी फजीहत उठानी पड़ रही है, वहीं इस वजह से यात्रियों की अनुपस्थिति में रेलवे स्टेशनों पर सन्नाटा पसरा हुआ है। कुछ ऐसा ही हाल चौसा रेलवे पर भी देखने को मिल रहा है। इस स्टेशन पर भी रूकने वाली पैसेंजर और एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन और ठहराव शुरू नहीं किए जाने से बिहार-यूपी की सीमा पर स्थित इस ऐतिहासिक स्टेशन पर भी कई माह से विरानगी छाई हुई है। हालात ऐसे हैं कि कुछ चुनिंदा रेलकर्मियों को छोड़कर इस स्टेशन पर दिनभर कोई नहीं दिखाई देता है।

स्टेशन के प्लेटफार्म पर चरती है बकरियां:

चौसा रेलवे स्टेशन पर भी कई पैसेंजर और एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव पूर्ववत नहीं होने से यहां यात्रियों की अपेक्षा मवेशी ज्यादा दिखाई देते हैं। ट्रेनों का ठहराव नहीं होने की वजह से यात्रियों की आवाजाही कम होने से अब यह स्टेशन मवेशियों का चारागाह बनता नजर आ रहा है। स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या दो पर उग आई घास की वजह से बकरियां यहां आकर बड़े आराम से घास चरती हुई दिखाई देती है। सुनसान पड़े इस स्टेशन पर पशुपालक अपनी बकरियों को चराते हुए यहां भी उनको निवाला उपलब्ध करा देते हैं। ऐसे चौसा रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों का फायदा भले ही लोगों को नहीं मिल रहा है, लेकिन इन ट्रेनों का ठहराव बंद होने से चारागाह के रूप में नजर आ रहे चौसा स्टेशन का प्लेटफार्म बकरियों के लिए फायदेमंद जरुर साबित हो रहे हैं।

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