बिहार के पांच पुलिसकर्मियों को वीरता पदक, दियारा में 18 किलोमीटर पैदल चलकर किया था एनकाउंटर
साल 2018 में खगड़िया जिले के दियारा इलाके में कुख्यात दिनेश मुनी के गैंग से मुठभेड़ करने वाले पांच पुलिसकर्मियों को वीरता पदक से सम्मानित किया गया है। इस एनकाउंटर में एक पुलिसकर्मी की जान चली गई थी, उन्हें मरणोपरांत यह सम्मान दिया गया है।
बिहार के पांच पुलिसकर्मियों को वीरता पदक से सम्मानित किया जाएगा। बिहार पुलिस को पांच वीरता पदक सहित 23 मेडल मिले हैं। अपराधियों के साथ मुठभेड़ में वीरगति को प्राप्त हुए खगड़िया के पसराहा थानाध्यक्ष आशीष कुमार सिंह को मरणोपरांत वीरता पदक से विभूषित किया गया है। 6 साल पहले 2018 में अपराधियों से मुठभेड़ के दौरान उनके साथ रहे चार सिपाहियों को भी वीरता पदक दिया गया है। इन सिपाहियों में दुर्गेश कुमार यादव, रोहित कुमार रंजन, अक्षय कुमार व विजेंद्र कुमार शामिल हैं। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को वीरता पदकों की घोषणा की।
वहीं, एडीजी, विधि-व्यवस्था संजय कुमार सिंह और बी-सैप-5 में तैनात वरीय पुलिस उपाधीक्षक राजेश कुमार शर्मा को विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया है। एडीजी संजय सिंह 1997 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी है। वरीय पुलिस उपाधीक्षक राजेश कुमार शर्मा जनवरी, 2017 में भी सराहनीय सेवा पदक से सम्मानित हो चुके हैं। वे 1994 बैच के पुलिस अवर निरीक्षक के पद पर नियुक्त हुए थे।
इसके अलावा दो पुलिस अधीक्षक स्तर के पदाधिकारियों सहित 16 पुलिसकर्मियों को सराहनीय सेवा पदक प्रदान किया गया है। इनमें पुलिस महानिरीक्षक के सहायक (निरीक्षण) पुलिस उपाधीक्षक नीरज कुमार सिंह, लखीसराय के पुलिस अधीक्षक पंकज कुमार, डीएसपी अरविंद कुमार सिन्हा, डीएसपी आशीष कुमार सिंह, डीएसपी कुमारी किरण पासवान, पुलिस निरीक्षक विजय कुमार, सहायक अवर निरीक्षक विनायक राम, सहायक अवर निरीक्षक विजय कुमार यादव, पुलिस अवर निरीक्षक कृष्ण मोहन गुप्ता, हवलदार प्रकाश कुमार शर्मा, हवलदार संजय कुमार सिंह, हवलदार गणेश बहादुर थापा, हवलदार राजेश कुमार सिंह, सिपाही मोरा मुंडा, सिपाही अंजनी कुमार, सिपाही सविता देवी शामिल हैं।
18 किलोमीटर दियारा में चलकर किया था एनकाउंटर
वीरता पदक से सम्मानित होने वाले पांच पुलिसकर्मियों ने दियारा में 18 किलोमीटर पैदल चलकर अपराधियों से लोहा लिया था। वे खगड़िया के दुधौला दियारा में छिपे दिनेश मुनी गिरोह के अपराधियों को पकड़ने पहुंचे। मुठभेड़ में पसराहा थानाध्यक्ष आशीष कुमार सिंह शहीद हो गए। उससे पहले अपने चार साथियों के साथ एक अपराधी को मार गिराने में वे कामयाब रहे।
12 अक्टूबर, 2018 को पसराहा के तत्कालीन थानाध्यक्ष आशीष कुमार सिंह को गुप्त सूचना मिली थी कि खगड़िया का कुख्यात अपराधी दिनेश मुनी अपने गिरोह के साथ ग्राम दुधैला दियारा में छिपा हुआ है। आशीष ने पुलिसकर्मियों की टीम बनाई। इसके बाद खगड़िया एवं नवगछिया के बार्डर पर स्थित दुधैला दियारा में अपराधी को पकड़ने के लिए चल पड़े। सभी कठिन भौगोलिक स्थिति में 18 किमी पैदल चलकर अपराधियों के नजदीक तक जा पहुंचे। तभी अपराधियों ने पुलिस टीम पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी।
थानाध्यक्ष ने उन्हें आत्मसमर्पण करने के लिए कहा, लेकिन अपराधियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग जारी रखी। तब पुलिसकर्मी भी फायरिंग करते हुए बढ़ने लगे। इसके बाद अपराधी उग्र होकर फायरिंग करने लगे। इस बीच सिपाही दुर्गेश कुमार यादव को पैर में गोली लगी और वे घायल हो गए। बावजूद थानाध्यक्ष आशीष कुमार सिंह अदम्य साहस और वीरता का परिचय देते हुए जवाबी कार्रवाई करते रहे। इसी क्रम में अपराधियों की गोली से वे गंभीर रूप से जख्मी हो गए। इलाज के लिए ले जाने के दौरान ही वे वीरगति को प्राप्त हो गए। इस घटनाक्रम के दौरान आशीष कुमार सिंह और उनकी पुलिस टीम ने एक अपराधी को मार गिराया। उसके कब्जे से कई हथियार और गोलियां बरामद की गईं।
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