अब तक नहीं सुलझा BPSC का विवाद, आज खत्म हो रही 48 घंटे की मियाद; क्या है छात्रों का प्लान
पटना में हुई बीपीएससी की परीक्षा रद्द कराने की मांग को लेकर धरना दे रहे छात्रों के मुद्दे पर सीएम नीतीश से लेकर राजभवन और मुख्य सचिव तक सक्रिय हैं। बिहार लोक सेवा आयोग और बिहार सरकार के कुछ मंत्रियों ने भी इस मुद्दे पर अब तक बयान दिया है।

बिहार की राजधानी पटना में BPSC अभ्यर्थियों का सत्याग्रह जारी है। कपकपा देने वाली ठंड के बीच बीपीएससी छात्र गर्दनीबाग में लगातार जमे हुए हैं। 15 दिन से छात्र लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। बीपीएससी के छात्रों ने अपनी आवाज बुलंद करते हुए आयोग और सरकार को 48 घंटे का वक्त दिया था। बीपीएससी की 70वीं पीटी परीक्षा रद्द करने को लेकर विवाद तो नहीं सुलझा लेकिन आज छात्रों की तरफ से दी गई 48 घंटे की मियाद जरूर खत्म हो रही है।
पटना में हुई बीपीएससी की परीक्षा रद्द कराने की मांग को लेकर धरना दे रहे छात्रों के मुद्दे पर सीएम नीतीश से लेकर राजभवन और मुख्य सचिव तक सक्रिय हैं। बिहार लोक सेवा आयोग और बिहार सरकार के कुछ मंत्रियों ने भी इस मुद्दे पर अब तक बयान दिया है। आय़ोग ने जहां एक तरफ साफ कर दिया है कि पीटी की परीक्षा रद्द नहीं होगी तो वहीं सरकार ने भी इस मुद्दे पर फैसला आयोग पर ही छोड़ा है।
आयोग और सरकार की तरफ से स्पष्ट कहा गया है कि बीपीएससी की परीक्षा में पेपर लीक होने से संबंधित कोई भी सबूत नहीं मिले हैं। हालांकि, छात्रों का दावा है कि उन्होंने कुछ सबूत दिए हैं। बहरहाल अब सवाल यह है कि 48 घंटे का अल्टीमेटम पूरा होने के बाद छात्रों का अगला प्लान क्या होगा?
छात्रों का क्या है प्लान…
गर्दनीबाग में धरना पर बैठे एक परीक्षार्थी ने मीडिया चैनल से बातचीत में कहा कि हमने सत्य के लिए आग्रह किया है। इसलिए हम धरना पर डटे रहेंगे। हमें उम्मीद है कि सरकार हमारी बातों को सुनेगी। एक अन्य छात्र ने कहा कि जिस तरह खेल के बीच में नियम नहीं बदले जा सकते हैं उसी तरह जो नोटिफिकेशन आयोग की तरफ से परीक्षा पूर्व जारी किया था उसे भी बदला नहीं जा सकता है।
एक अन्य छात्र ने कहा कि वो यह समझते हैं कि बच्चे हैं आज या कल चले जाएंगे। क्योंकि हम लोगों को अपनी पढ़ाई नुकसान होने का डर है। आप कह रहे हैं कि नॉर्मलाइजेशन लागू नहीं होगा। लेकिन सिर्फ एक परीक्षा केंद्र पर परीक्षा लेना नॉर्मलाइजेशन का ही एक रूप है। हम 48 घंट तक इंतजार करेंगे। अगर हमारी बात नहीं सुनी गई तो हम बिहार के सभी छात्रों से अपील करेंगे कि वो अपनी एक दिन की पढ़ाई छोड़कर हमारे साथ आएं और पटना के गांधी मैदान में जुटें। आगे के प्लान पर हम अभी चर्चा करेंगे।