
मैथिली ठाकुर को अलीनगर से लड़ा सकती है बीजेपी, बेनीपट्टी से विनोद नारायण झा का हटना मुश्किल?
संक्षेप: अब भले ही मैथिली ठाकुर ने बेनीपट्टी से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है लेकिन यहां से मौजूदा विधायक विनोद नारायण झा का टिकट काटना बीजेपी के लिए आसान नहीं है। ऐसे में कयास लग रहे हैं कि बीजेपी मैथिली ठाकुर को अलीनगर विधानसभा सीट से टिकट थमा सकती है।
बिहार चुनाव को लेकर पूरे राज्य में राजनीतिक गतिविधियां तेज हैं। हाल ही में सुप्रसिद्ध गायिका मैथिली ठाकुर की भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के साथ हुई मुलाकात के बाद चर्चा तेज है कि बीजेपी मैथिली को मधुबनी या दरभंगा की किसी विधानसभा सीट से टिकट दे सकती है। बीजेपी नेताओं से मुलाकात के बाद लोकगायिका मैथिली ठाकुर ने मंगलवार को अपने गृह क्षेत्र बेनीपट्टी से बिहार विधानसभा का चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है।

मैथिली ने कहा कि उनका उनके गृह क्षेत्र से अलग ही जुड़ाव है और अगर वह अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत वहां से करेंगी तो वह बहुत कुछ सीख सकेंगी। मैथिली ने पिछले दिनों भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और बिहार के संगठन प्रभारी विनोद तावडे और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय से मुलाकात की थी। इसके बाद से उनके चुनाव लड़ने की अटकलें लगाई जा रही हैं।
बेनीपट्टी से विनोद नारायण झा का टिकट काटना आसान नहीं
अब भले ही मैथिली ठाकुर ने बेनीपट्टी (मधुबनी) से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है लेकिन यहां से मौजूदा विधायक विनोद नारायण झा का टिकट काटना बीजेपी के लिए आसान नहीं है। ऐसे में कयास लग रहे हैं कि बीजेपी मैथिली ठाकुर को दरभंगा जिले की अलीनगर विधानसभा सीट से टिकट थमा सकती है। विनोद नारायण झा जेपी आंदोलन के समय से बीजेपी से जुड़े हुए हैं। विनोद नारायण झा बीजेपी के दिग्गज दिवंगत नेता सुशील मोदी के करीबी भी रहे हैं।
इतना ही नहीं विनोद नारायण झा की गिनती यहां के दिग्गज नेताओं में होती है। वो बेनीपट्टी से दो बार विधायक और एक बार एमएलसी भी रहे हैं। उम्र के फैक्टर पर भी विनोद नारायण झा का पलड़ा ज्यादा कमजोर नजर नहीं आता है। विनोद नारायण झा अभी 68 साल के हैं और उनसे ज्यादा उम्र के नेता अभी बीजेपी में और सरकार में पद पर हैं।
जाति की बात करें तो बेनीपट्टी विधानसभा सीट पर ब्राह्मण वोटरों का दबदबा माना जाता है। इसके बाद यहां यादव वोटर अहम माने जाते हैं। पिछले चुनाव में विनोद नारायाण झा ने कांग्रेस की भावना झा को नजदीकी लडा़ई में पटखनी दी थी। हालांकि, 2015 में कांग्रेस की भावना झा ने विनोद नारायण झा को धूल चटा दी थी।
मैथिली ठाकुर को अलीनगर से मिल सकता है टिकट
जाहिर है बेनीपट्टी से विधायक विनोद नारायण झा का टिकट काट कर मैथिली ठाकुर को देना बीजेपी के लिए मुश्किलों भरा फैसला साबित हो सकता है। अलीनगर विधानसभा सीट की बात करें तो यहां भी अभी बीजेपी के मिश्रीलाल यादव मौजूदा विधायक हैं। मैथिली ठाकुर को टिकट देने के लिए बीजेपी को मिश्रीलाल का टिकट काटना होगा। हालाकि, यह भी सच है कि अलीनगर के मौजूदा विधायक मिश्रीलाल यादव पर बगावत के भी आरोप लग चुके हैं। दरअसल मिश्रीलाल यादव ने पिछला चुनाव मुकेश सहनी की पार्टी के टिकट पर लड़ा था। वो यहां से चुनाव जीत भी गए थे। जब मुकेश सहनी एनडीए से अलग हुए तब मिश्रालाल यादव बीजेपी में लौट गए।
मिश्रीलाल यादव को लेकर अटकलें लग रही हैं कि वो चुनाव से पहले पाला बदलकर भारतीय जनता पार्टी में भी शामिल हो सकते हैं। ऐसे में बीजेपी को यहां एक ऐसे चेहरे की दरकार होगी जो इस चुनाव में बिल्कुल फिट बैठे। मैथिली ठाकुर मिथिलांचल की प्रभावशाली चेहरे के तौर पर जानी जाती हैं। मैथिली और भोजपुरी जैसी स्थानीय भाषाओं में लोकगीत, पारंपरिक भजन और छठ गीत गाकर उन्होंने लोगों के दिलों में अपनी छाप छोड़ी है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी मैथिली ठाकुर के प्रशंसकों की संख्या काफी ज्यादा है। मैथिली ठाकुर युवाओं की पसंद भी हैं।
अलीनगर सीट पर भी ब्राह्मणों की आबादी अच्छी है। माना जा रहा है कि बीजेपी को इस सीट से एक साफ-सुथरी छवि के ब्राह्मण चेहरे की तलाश है और मैथिली ठाकुर इस पैमाने पर भी 100 फीसदी सटीक बैठती हैं। मैथिली ठाकुर चर्चित और अच्छी छवि की हैं ऐसे में वो यहां ओबीसी, दलित वोट या अन्य जाति के वोटों पर भी अच्छा-खासा प्रभाव डाल सकती हैं।





