ट्रक में फंसकर घिसटती रही बाइक, 2 युवकों की मौत; सुपौल में 4 घंटे NH-57 रहा जाम
सुपौल के एनएच 57 पर ट्रक की चपेट में आने से दो बाइक सवारों की मौत हो गई। जिसके बाद गुस्साई भीड़ ने हाइवे पर 4 घंटे तक जाम लगा रहा। पुलिस के काफी मनाने के बाद जाम खुला। इस बीच लोगों को काफी दिक्कतों का सामना पड़ा।
सुपौल जिल के प्रतापगंज थाना क्षेत्र के एनएच-27 बेलही पुल के पास ट्रक की चपेट में आने से दो बाइक सवार युवकों की घटनास्थल पर मौत हो गई। घटना के बाद ट्रक चालक और खलासी फरार हो गए। आक्रोषित ग्रामीणों ने NH-57 को चार घंटे जाम कर दिया। मृतक की पहचान अमित कुमार और उसी के मौसेरे भाई राहुल कुमार यादव के रूप में की गई। अमित अपने भाई राहुल के साथ अपने घर बेलही से लक्ष्मीनिया गांव जाने के लिए बाइक लेकर निकला था। बाइक से एनएच सड़क पर चढ़ने से पहले दोनों ने एक दुकान पर गर्मी को देखते हुए कोल्ड ड्रिंक पी। उसके बाद दोनों बाइक पर सवार होकर प्रतापगंज की ओर जाने के लिए एनएच पर चढ़ रहा था।
इसी दौरान सिमराही की ओर से तेज गति से रहे ट्रक अगले भाग की चपेट में बाइक आ गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार जब तक स्थानीय लोग ट्रक वाले को हल्ला कर रोकने के लिए कहते तब तक ट्रक में फंसे दोनों युवकों को बाइक सहित 20-25 मीटर घसीटते हुए ले गया। जिससे अमित का शरीर क्षतविक्षत हो गया। उसकी मौत घटनास्थल पर ही हो गई। उसके साथ बाइक पर सवार राहुल कुमार को भी घसीटे जाने से गंभीर रूप से जख्मी हो गया। इसी दौरान थाने की 112 की गाड़ी भी घटनास्थल पर पहुंची। लेकिन उसने युवकों की स्थिति को देख उसे उठाने की बजाय भागने में ही अपना हित समझा।
लोगों का आक्रोश इस बात से भी था कि 112 के पदाधिकारी अगर राहुल को उठाकर नजदीक के प्रतापगंज या सिमराही अस्पताल पहुंचाया होता तो राहुल की जान बच सकती थी। मृतक अमित पूर्व प्रमुख भूपनारायण यादव का चचेरा भाई था। घटना की जानकारी होते ही वे भी घटनास्थल पर भाई की क्षतविक्षत लाश देख अवाक हो गये। उन्होंने ही पुलिस सहित प्रखंड के सभी पदाधिकारियों को सूचना दी। घटना के बाद आक्रोषित ग्रामीणों ने एनएच जाम कर विरोध जताने लगे। जिसकी सूचना थाना को दी गई।
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थानाध्यक्ष समेत पुलिस बल घटनास्थल पर पहुंचकर शव को अपने कब्जे में लेकर आवश्यक कारवाई में जुट गई। लेकिन आक्रोशित लोग 112 की लापरवाही और संवेदनहीन कार्रवाई को लेक जाम तोड़ने को तैयार नहीं हो रहे थे। आवश्यक कार्रवाई का भरोसा देने के चार घंटे बाद बीडीओ अमरेश कुमार मिश्रा, सीओ आशु रंजन, थानाध्यक्ष तथा जनप्रतिनिधियों के अथक प्रयास के बाद परिजन लाश को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजने को तैयार हुए। लाश पोस्टमार्टम के लिए जाने के बाद चार घंटे का जाम खुलवाया गया। तब जाकर जाम में फंसे वाहनों और यात्रियों को जान में जान आई।
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