सदर अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट का ट्रायल सोमवार को
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सदर अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट का ट्रायल सोमवार को
डीएम ने बचे कामों को 3 दिन में पूरा करने का दिया आदेश
300 एमएम का केबल बिछाया जाना है बाकी
जिले के 5 अस्पतालों में लगाये जा रहे 6 ऑक्सीजन प्लांट, सभी जगह लग चुके हैं बिजली ट्रांसफॉर्मर
फोटो:
सदर डीएम: सदर अस्पताल में मंगलवार को ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट का मुआयना करते डीएम योगेंद्र सिंह व अन्य।
बिहारशरीफ। निज संवाददाता
सदर अस्पताल में ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट का ट्रायल सोमवार को होगा। इस दिन कई वार्डों में ऑक्सीजन की सीधी आपूर्ति इस प्लांट से की जाएगी। फिलहाल, 50 बेडों को इससे जोड़ा जाएगा। हालांकि, यहां के सभी बेडों तक ऑक्सीजन पाइपलाइन बिछायी जानी है। डीएम योगेंद्र सिंह ने मंगलवार को यहां चल रहे कामों का जायजा लिया। उन्होंने शेष कामों को तीन दिन में पूरा करने का आदेश दिया है। इसके लिए 300 एमएम का केबल बिछाया जाना बाकी है। साथ ही, प्लांट से पास वाले कमरे में मेनीफोल्ड भी बनाया जाना है। बिहार मेडिकल सर्विसेज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर कॉरपोरेशन लिमिटेड के (बीएमएसआईसीएल) अधिकारी संतोष कुमार ने बताया कि मेनीफोल्ड दो दिन में बनकर तैयार हो जाएगा। इसके बाद ऑक्सीजन की आपूर्ति शुरू हो जाएगी।
जिला के पांच अस्पतालों में एक हजार लीटर प्रति मिनट क्षमता वाली ऑक्सीजन प्लांट लगायी जा रही है। हिलसा, राजगीर व कल्याण बिगहा अस्पतालों में इसके लिए अलग से ट्रांसफॉर्मर लग चुके हैं। इन अस्पतालों में भी 22 अगस्त तक प्लांट को चालू करने का लक्ष्य है। डीएम ने बताया कि कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए इन अस्पतालों में ऑक्सीनजुक्त बेड की व्यवस्था की जा रही है। जल्द ही ये प्लांट चालू जो जाएंगे। सदर अस्पताल में भी अगले दो दिनों में बिजली विभाग के अधिकारियों को केबल बिछा देने के लिए कहा गया है। मौके पर प्रभारी सीएस डॉ. राजेंद्र चौधरी, डीएस डॉ. सुजीत कुमार अकेला, डीपीएम ज्ञानेंद्र शेखर, हेल्थ मैनेजर हेमंत कुमार, अकाउंटेंट सुरजीत कुमार, विद्युत कार्यपालक अभियंता तेज प्रताप सिंह, संतोष कुमार व अन्य मौजूद थे।
क्या है मेनीफोल्ड:
सामान्य तौर पर बेड तक 12 एमएम पाइप से ऑक्सीजन की आपूर्ति होती है। लेकिन, प्लांट से काफी प्रेशर (दबाव-4 से 5 किलोग्राम प्रति वर्ग सेंटीमीटर) के साथ ऑक्सीजन निकलती है। वहां से 28 एमएम पाइप से गैस निकलती है, जो सीधे मेनीफोल्ड में पहुंचती है। यहां से गैस के प्रेशर को नियंत्रित कर संबंधित वार्डों में भेजा जाता है। बेड तक पहुंचने में चार तरह का पाइप लगाया जाता है। गैस के प्रेशर को आवश्यकता के अनुसार नियंत्रित किया जाता है। ताकि, रोगी तक सही से ऑक्सीजन मिल सके। इसके लिए 28, 22, 15 व 12 एमएम की पाइप लगायी जाती है। मेनीफोल्ड एक तरह से कंट्रॉल रूम की तरह काम करता है।
छह ऑक्सीजन प्लांट तो एक क्रायोजेनिक टैंक का हो रहा निर्माण
सदर अस्पताल, हिलसा, राजगीर व कल्याण बिगहा के अलावा पावापुरी में भी दो ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट व 20 हजार लीटर क्षमता वाला एक क्रायोजेनिक टैंक लगाया जा रहा है। इसे भी जल्द चालू किया जाएगा।