Traffic Chaos in Bihar Sharif Encroachments and Poor Management Lead to Jam शहर की सभी सड़कों पर अतिक्रमण, यातायात व्यवस्था भी तोड़ रही दम, Biharsharif Hindi News - Hindustan
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शहर की सभी सड़कों पर अतिक्रमण, यातायात व्यवस्था भी तोड़ रही दम

शहर की सभी सड़कों पर अतिक्रमण, यातायात व्यवस्था भी तोड़ रही दमशहर की सभी सड़कों पर अतिक्रमण, यातायात व्यवस्था भी तोड़ रही दमशहर की सभी सड़कों पर अतिक्रमण, यातायात व्यवस्था भी तोड़ रही दम

Newswrap हिन्दुस्तान, बिहारशरीफMon, 6 Oct 2025 10:55 PM
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शहर की सभी सड़कों पर अतिक्रमण, यातायात व्यवस्था भी तोड़ रही दम

सत्ता संग्राम : चाय चौपाल : शहर की सभी सड़कों पर अतिक्रमण, यातायात व्यवस्था भी तोड़ रही दम तीन चौराहों पर लगे हैं ट्रैफिक सिग्नल, बावजूद जाम से नहीं मिल रही निजात रांची रोड पर बनायी जाती हैं बाइक, तो भरावपर में सड़क पर ही लगे रहते हैं ठेले अस्पताल चौक की बायें लेन वाली सड़क बनी हुई है चांदनी चौक, कैसे सुगम होगा यातायात सड़कों व गलियों को अतिक्रमणमुक्त कर ही जाम से मिल सकती है मुक्ति भरावपर फ्लाईओवर की धीमी निर्माण गति भी बढ़ा रही शहरवासियों की परेशानी फोटो : चाय चौपाल : बिहारशरीफ प्रखंड मुख्यालय के पास चाय दुकान पर एक मिनट संवाद कार्यक्रम के तहत जाम को लेकर चर्चा करते युवा।

बिहारशरीफ, निज संवाददाता। शहर की सभी सड़कों पर अतिक्रमण है। इस कारण यहां की यातायात व्यवस्था भी दम तोड़ रही है। अस्पताल चौक, सोहसराय मोड़ व एतवारी बाजार समेत तीन चौक-चौराहों पर यातायात नियंत्रण के लिए ट्रैफिक सिग्नल लगाए गए। बावजूद, जाम से निजात नहीं मिल रही है। हद तो यह शहरी की सबसे व्यस्तर रहने वाले रांची रोड पर ही बाइक बनायी जाती हैं। फुटपाथ पर उनकी दुकान तो सड़क पर गैराज बना रहता है। जबकि, भरावपर से रामचंद्रपुर, आलमगंज व अन्य सड़कों पर दिनभर ठेला लगा रहता है। इन जगहों पर यातायात को लेकर कोई नियम नहीं है। अस्पताल चौक की बायें लेन वाली सड़क तो दिनभर चांदनी चौक बनी रहती है। ऐसे में कैसे सुगम होगी यातायात व्यवस्था। बिहारशरीफ प्रखंड मुख्यालय के पास चाय दुकान पर सोमवार को एक मिनट संवाद कार्यक्रम के तहत युवाओं व शहरवासियों के साथ जाम को लेकर चर्चा की गयी। इसमें लोगों ने अपनी बातें बेबाक होकर कहीं। कहा कि सड़कों व गलियों को अतिक्रमणमुक्त कर ही जाम से मुक्ति मिल सकती है। भरावपर फ्लाई ओवर की धीमी निर्माण गति भी शहरवासियों की परेशानी बढ़ा रही है। जामपुर बना रहता है भरावपर चौक : भरावपर चौक से ही बिहारशरीफ के विभिन्न बाजारों में आया जाया जा सकता है। वहां दो साल से बहुत ही धीमी गति से फ्लाईओवर का निर्माण चल रहा है। इसपर वहां अतिक्रमण और कछुआ चाल ई-रिक्शों ने मुसीबत बढ़ाई हुई है। ट्रैफिक पुलिस की अनदेखी से यहां की स्थिति हरदम बेकाबू रहती है। बेकाबू ट्रैफिक व्यवस्था ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। वहीं आसपास के कारोबार को भी बुरी तरह से प्रभावित कर रहा है। कभी कभार तो पांच मिनट की दूरी तय करने में 30 से 50 मिनट तक का समय लग जाता है। अतिक्रमण और ई-रिक्शों को लेकर कोई स्पष्टता नहीं : फ्लाईओवर निर्माण के कारण सड़क पहले ही संकरी हो चुकी है। ऊपर से मछली मंडी जाने वाले रास्ते पर ठेले वालों के अतिक्रमण ने स्थिति को और भी बदतर कर दिया है। इस पर सवारियों के इंतजार में कछुए की चाल से चलने वाले ई-रिक्शे जाम को और नासूर बना रहे हैं। पोस्ट ऑफिस मोड़ से भरावपर और रामचंद्रपुर की ओर जाने वाले मार्ग पर वाहनों की लंबी कतारें रोज की परेशानी का सबब बन चुका है। एक मिनट संवाद में शहरवासियों ने खुलकर अपने विचार व्यक्त किए। साथ ही कुछ सुझाव भी दिए। शहरवासियों को कहना था कि सिर्फ आदेश या अभियान से कुछ नहीं होने वाला है। इसे लेकर सख्ती होनी चाहिए। इसके पहले सड़कों को पूरी तरह से अतिक्रमणमुक्त करवाना चाहिए। इसके लिए कुछ लिंक पथों को चिह्नित कर वहां बाजार की व्यवस्था करनी चाहिए। आइए जानते हैं उनकी राय उनके ही शब्दों में ... बिहारशरीफ शहर में ट्रैफिक जाम आम समस्या बन गई है। मुख्य सड़कों पर अतिक्रमण और पार्किंग की कमी के कारण हालात बिगड़ते जा रहे हैं। अगर प्रशासन सख्ती से नियम लागू करे और वैकल्पिक मार्ग विकसित किए जाएं तो राहत मिल सकती है। सैयद दानिश अर्श सुबह और शाम के समय जाम सबसे ज्यादा परेशान करता है। लोग घंटों तक फंसे रहते हैं। फुटपाथ पर अतिक्रमण हटाना, ट्रैफिक पुलिस की संख्या बढ़ाना और चौक-चौराहों पर सिग्नल की व्यवस्था करना जरूरी है। तभी सुधार होगा। सिंटु कुमार रांची रोड और अस्पताल चौक पर ट्रैफिक जाम से लोग सबसे ज्यादा परेशान हैं। यदि शहर में फ्लाईओवर और बाईपास की सुविधा विकसित हो तो दबाव कम होगा। प्रशासन को दीर्घकालिक समाधान पर ध्यान देना चाहिए। आदर्श नारायण ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है। छोटे-छोटे वाहन भीड़ का कारण बनते हैं। प्रशासन को ऑटो और ई-रिक्शा के लिए अलग लेन बनानी चाहिए। इससे जाम में काफी हद तक राहत मिल सकती है। सोनू कुमार पांडेय जाम के कारण मरीजों और स्कूली बच्चों को समय पर गंतव्य तक पहुंचना मुश्किल होता है। एंबुलेंस भी फंस जाती हैं। अगर प्रशासन सख्ती से वाहनों का नियमन करे और ट्रैफिक पुलिस सक्रिय रहे तो हालात सुधर सकते हैं। गोरे जाम की समस्या बढ़ती आबादी और अव्यवस्थित यातायात प्रबंधन का नतीजा है। अगर पार्किंग स्थलों का निर्माण हो और अतिक्रमण पर नियंत्रण हो तो स्थिति काफी हद तक बेहतर होगी। इसके लिए जनभागीदारी भी जरूरी है। सागर कुमार ट्रैफिक जाम से सबसे ज्यादा प्रभावित कारोबारी वर्ग है। ग्राहक जाम के डर से बाजार नहीं पहुंचते। प्रशासन अगर स्मार्ट ट्रैफिक सिस्टम लागू करे और सड़क चौड़ीकरण पर काम करे तो व्यापारी वर्ग को भी राहत मिलेगी। शिवशंकर कुमार बिहारशरीफ में चौक-चौराहों पर ट्रैफिक का दबाव लगातार बढ़ रहा है। यदि रिंग रोड जैसी व्यवस्था विकसित हो जाए तो भारी वाहनों को शहर से बाहर डायवर्ट किया जा सकता है। इससे जाम की स्थिति में काफी सुधार होगा। सन्नी सागर सड़क पर खड़े ठेले और अवैध वाहन स्टैंड ट्रैफिक जाम की जड़ हैं। जब तक इन पर कार्रवाई नहीं होगी, समस्या बनी रहेगी। नगर निगम और ट्रैफिक पुलिस का संयुक्त अभियान ही स्थायी समाधान ला सकता है। पवन प्रकाश हर दिन जाम में फंसकर लोगों का समय और ईंधन दोनों बर्बाद हो रहा है। प्रदूषण भी बढ़ रहा है। प्रशासन को ट्रैफिक सिग्नल को दुरुस्त करना, पैदल यात्रियों के लिए फुटपाथ बनाना और सड़क अनुशासन लागू करना होगा। रंजीत कुमार

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