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Hindi Newsबिहार न्यूज़बिहारशरीफThe fluctuation in water level has increased the worries of the farmers

पानी के उतार-चढ़ाव से बढ़ी किसानों की धुकधुकी

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Newswrap हिन्दुस्तान, बिहारशरीफSun, 4 Aug 2024 04:30 PM
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पानी के उतार-चढ़ाव से बढ़ी किसानों की धुकधुकी
लोकाइन का जलस्तर पहुंचा डेंजर लेवल के करीब

पूरबी भाग से गुजरने वाली जिराइन और सकरी में भी पानी

बिहारशरीफ, कार्यालय प्रतिनिधि।

लोकाइन नदी के जलस्तर में उतार-चढ़ाव से बाढ़ से प्रभावित किसानों की धुकधुकी बढ़ी हुई है। इस बीच जिला मु्ख्यालय के पूरबी भाग से होकर गुजरने वाली जिराइन में छह तो सकरी में भी करीब चार फीट पानी आ गया है। हालांकि, अभी दोनों नदियों के तटबंधों में कहीं पर भी कटाव की संभावना नहीं है।

बाढ़ नियंत्रण विभाग के अनुसार लोकाइन नदी का डेंजर लेवल 57.80 मीटर है। शनिवार की सुबह में 60.25 मीटर जलस्तर था। थोड़ी राहत यह कि तटबंधों के टूटने और खेतों में पानी का फैलाव होने से नदी के जलस्तर में गिरावट दर्ज की गयी है। जबकि, सकरी नदी का डेंजर लेवल 81.70 मीटर है। वर्तमान में 80.65 मीटर पानी है। इसी प्रकार, जिराइन नदी अपने डेंजर लेवल 60.50 मीटर के करीब बह रही है। 59.72 मीटर अभी पानी है। चिंता की बात यह कि इन दोनों नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी जारी है। इससे नदियों के आसपास रहने वाले किसानों की चिंता बढ़ गयी है। अस्थावां के विनोद कुमार, संतोष कुमार, कतरीसराय के रमेश कुमार और जयप्रकाश कुमार कहते हैं कि अगर एक-दो दिन बारिश और हुई तो उनके इलाके में भी बाढ़ की विभीषिका आ सकती है। फसलों को नुकसान हो सकता है।

बाढ़ से बेहाल बेलदारी बिगहा के ग्रामीण

एकंगरसराय। प्रखंड के बेलदारी बिगहा के लोग बाढ़ से बेहाल हैं। तटबंध टूटने के कारण गांव के 70 से 80 घरों में पानी घुस गया है। खेतों में लगी फसल डूब गयी हैं। भविष्य की चिंता लोगों को सता रही है। नौबत ऐसी कि खुद के साथ मवेशियों की देखभाल करना उनके लिए चुनौती है। किसानों का कहना है कि जल्द खेतों से पानी नहीं निकला तो पूंजी और मेहनत कर लगायी गयीं फसलें बर्बाद हो जाएंगी। राहत यह कि जिला प्रशासन द्वारा गांव में राहत शिविर लगाया गया है। प्रभावित लोगों के इलाज के साथ भोजन का इंतजाम किया गया है।

चापाकलों को किया जा रहा दुरुस्त :

बाढ़ से प्रभावित गांवों के चापाकलों को दुरुस्त किया जा रहा है। ताकि, पीने के पानी की कोई समस्या न आये। इतना ही नहीं शुद्ध जल के लिए चापाकलों में जिला प्रशासन के आदेश पर पीएचईडी द्वारा केमिकल भी डाला जा रहा है। स्वास्थ्य शिविर लगाकर बीमार लोगों का इलाज किया जा रहा है।

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