ध्वस्त जलमीनार के निर्माण का काम शुरू हुआ नहीं और भेज दी रिपोर्ट
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ध्वस्त जलमीनार के निर्माण का काम शुरू हुआ नहीं और भेज दी रिपोर्ट
सालभर पहले डीएम ने ध्वस्त जलमीनार बनाने का दिया था आदेश
कथराही पंचायत के जक्की गांव में पानी भरते ही ध्वस्त हुई थी जलमीनार
6 लाख 40 हजार से बनी पानी टंकी से अब तक जलापूर्ति नहीं हुई बहाल, ग्रामीणों में आक्रोश
डीएम के आदोश पर भारी पड़ रहा संवेदक
फोटो :
जक्की पानी टंकी : बिन्द प्रखंड की कथराही पंचायत के जक्की गांव में ध्वस्त जलमीनार।
बिन्द, निज संवाददाता।
प्रखंड की कथराही पंचायत के जक्की गांव में नवनिर्मित जलमीनार ध्वस्त होने के एक साल बाद भी निर्माण काम अबतक शुरू नहीं हो सका है। बावजूद, डीएम के आदेश को धत्ता बताते हुए निर्माण काम शुरू होने की रिपोर्ट जिला मुख्यालय को भेजी गयी है। सालभर पहले डीएम शशांक शुभंकर ने ध्वस्त जलमीनार को बनवाने का आदेश दिया था। लेकिन, डीएम के आदेश पर कार्य एजेंसी भारी पड़ रही है। जक्की गांव में बना जलमीनार सालभर पहले पानी भरते ही ध्वस्त हो गयी थी। उस पानी टंकी से आज तक एक दिन भी जलापूर्ति नहीं की गयी। हद तो यह कि आदेश मिलने के बाद भी इसकी पहल नहीं की गयी है। छह लाख 40 हजार 544 रुपए से बनी पानी टंकी से अब तक जलापूर्ति नहीं बहाल हुई है। इससे ग्रामीणों में काफी आक्रोश है।
ध्वस्त जलमीनार का निर्माण नहीं कराए जाने से लोगों में जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों के खिलाफ काफी नाराजगी है। नवनिर्मित जलमीनार निर्माण काम पूरा होते ही ध्वस्त हो जाने पर लोगों ने गुणवत्तापूर्ण निर्माण नहीं कराए जाने का आरोप लगाया था। उपेन्द्र प्रसाद, अनिल प्रसाद, प्रफुल्ल कुमार, भूषण महतो, रामजनम प्रसाद, सुनील कुमार व अन्य ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जलमीनार का निर्माण गुणवत्तापूर्ण नहीं कराए जाने के कारण ध्वस्त हो जाने की जांच करा कार्रवाई करने की गुहार लगायी थी।
पानी भरते ही ध्वस्त हुई थी जलमीनार :
डीएम शशांक शुभंकर ने जलमीनार ध्वस्त मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच करायी थी। जांच के बाद अधिकारियों ने संवेदक को क्षतिग्रस्त जलमीनार का निर्माण कराने का आदेश दिया था। लेकिन, एक साल बाद भी ध्वस्त जलमीनार का निर्माण काम शुरू नहीं किया गया। हद तो यह कि जिला को ध्वस्त जलमीनार का निर्माण काम शुरू होने की रिपोर्ट भेजी गयी है। अधिकारियों की शिथिलता के कारण जलमीनार का निर्माण शुरू नहीं हो रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि षष्ठम वित्त आयोग की राशि से जलमीनार बनवाया गया था। इसमें सालभर पहले पहली दफा पानी भरा जा रहा था। इसी दौरान जलमीनार पानी का भार सहन नहीं कर सका और ध्वस्त हो गया। विभागीय आदेश के बाद भी निर्माण काम शुरू नहीं किए जाने से ग्रामीणों में अधिकारियों के खिलाफ असंतोष है। लोगों ने अधिकारियों से जलमीनार का निर्माण जल्द शुरू कराने की गुहार लगायी है। ताकि, जल्द से जल्द लोगों के घरों तक पर्याप्त शुद्ध पानी पहुंच सके।
कहते हैं अधिकारी :
पंचायत सचिव व जेई से ध्वस्त जलमीनार का निर्माण काम अबतक क्यों शुरू नहीं किया गया है, शोकॉज किया गया है। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर जेई व पंचायत सचिव पर कार्रवाई के लिए वरीय अधिकारी को लिखा जाएगा।
रंजीत प्रियदर्शी, प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी, बिन्द
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