असम राइफल में चयन पर किशोर हुआ दोषमुक्त
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असम राइफल में चयन पर किशोर हुआ दोषमुक्त
जेजे बोर्ड ने सुनाया फैसला, मारपीट के मामले में आरोपी था किशोर
बिहारशरीफ। विधि संवाददाता
किशोर न्याय परिषद के प्रधान दंडाधिकारी मानवेंद्र मिश्र किशोर के हित में अनोखे फैसले अक्सर सुनाते रहे हैं। गुरुवार को ऐसे ही एक मामले में आरोपी किशोर का चयन केंद्रीय सशस्त्र बल असम राइफल में सिपाही के पद पर होने के बाद उसे दोषमुक्त किया। ताकि कोर्ट में चल रही कार्यवाही को ले परेशानी न हो।
हालांकि कोर्ट में यह मुकदमा 12 वर्षों तक चला। लेकिन, यह मामला 29 जनवरी 2021 को जेजे बोर्ड में विचारण के लिए आया। वहां त्वरित कार्रवाई करते हुए कोर्ट ने किशोर के सर्वोत्तम हित को देखते हुए यह अनोखा फैसला सुनाया। उन्होंने एसपी को नाबालिग के दौरान किए गए किसी अपराध का जिक्र उसके चरित्र प्रमाण पत्र में नहीं करने आदेश दिया है। आरोपित किशोर आपसी परिवारिक विवाद में हुए मारपीट में अन्य परिजनों के साथ आरोपित था।
श्री मिश्रा ने अपने फैसले में कहा कि किशोर का स्वभाव होता है कि वह जहां कहीं भी परिजन के साथ कोई लड़ाई झगड़ा होता है। तो, वह परिजनों के बचाव में शामिल हो जाता है। इसका उद्देश्य अपराध में शामिल नहीं होना होता है। बल्कि, अपने परिजनों को हर स्तर पर बचाव करने की होती है। किशोर के अधिवक्ता ने बताया कि 11 जुलाई 2009 को आरोपी के परिजन राज किशोर प्रसाद के साथ किशोर एवं उसके परिजनों को सरकारी चापाकल पर पानी भरने एवं पानी के निकास को लेकर मारपीट हुई थी। घटना के समय आरोपी किशोर की उम्र 14 वर्ष से कम था। हालांकि, आज आरोपी किशोर 26 वर्ष का युवक है। यह मामला अस्थावां थाना क्षेत्र के एक गांव से जुड़ा है। इसके पूर्व भी जज श्री मिश्रा ने एक किशोर के दरोगा में लिखित परीक्षा पास किए जाने के बाद दोषमुक्त कर दिया था।