बढ़ रहा हस्ताक्षर अभियान का कारवां, जुड़ रहे हैं लोग
बढ़ रहा हस्ताक्षर अभियान का कारवां, जुड़ रहे हैं लोग बढ़ रहा हस्ताक्षर अभियान का कारवां, जुड़ रहे हैं लोग

बढ़ रहा हस्ताक्षर अभियान का कारवां, जुड़ रहे हैं लोग अबतक 11 हजार लोगों ने अपने हक के लिए बुलंद की आवाज घाटकुसुम्भा प्रखंड को बाढ़ग्रस्त क्षेत्र घोषित करने की उठायी मांग फोटो घाटकुसुम्भा02- पानापुर में हक के लिए हस्ताक्षर अभियान चलाते लोग। घाटकुसुंभा, निज संवाददाता। हक और अधिकार के लिए घाटकुसुम्भा के लोगों द्वारा शुरू किया गया हस्ताक्षर अभियान का कारवां लम्बा होता जा रहा है। नित्य दिन लोग जुड़ते जा रहे हैं। घाटकुसुंभा से शुरू हुआ अभियान सुजाबलपुर, बटोरा, अकरपुर के बाद कोयला, आलापुर, पानापुर सहित प्रखंड के अन्य गांवों तक पहुंच गया है। ग्रामीण गोलबंद होकर अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं।
अबतक 11 हजार लोगों ने अपना हस्ताक्षर किया है। सबों की मांग है कि घाटकुसुंभा को बाढ़ग्रस्त क्षेत्र घोषित किया जाए। बाढ़ पीड़ितों को सहायता उपलब्ध करायी जाए। अभियान का नेतृत्व कर रहे रघुनंदन महतो ने बताया कि लोग जलजमाव के खिलाफ गोलबंद होकर अभियान का हिस्सा बन रहे हैं और अपना हस्ताक्षर कर रहे हैं। ग्रामीणों ने कहा कि हर साल हरोहर नदी उफनाती है तो बाढ़ की मार पड़ती है। घरों में पानी घुस जाता है और फसलें तबाह हो जाती हैं। बावजूद, राहत के नाम पर कुछ नहीं मिलता है। वर्ष 2007 से पहले तक यह इलाका बाढ़ग्रस्त घोषित था, तब बाढ़ की विभीषिका के समय पर सहायता मिलती थी। लेकिन, वर्ष 2008 में इसे जलभराव क्षेत्र घोषित कर दिया गया। तब से किसी तरह की सहायता नहीं मिल पाती है। सालों से अधिकारी व जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाकर थक गये हैं। लेकिन, अबतक कोई सार्थक परिणाम सामने नहीं आया है। लाचार होकर यहां के लोगों ने अब खुद हक की लड़ाई लड़ने का मन बनाया है। सुजालपुर, बटोरा , अकरपुर आलापुर, पानापुर में बाढ़ पीड़ित युवा मोर्चा द्वारा हस्ताक्षर अभियान चलाया गया । उन्होंने कहा कि अगर हम लोगों की मांग पूरी नहीं हुई तो प्रखंड से लेकर जिला तक में धरना प्रदर्शन करेंगे। 20 दिन से जूझ रहे बाढ़ से : घाटकुसुंभा के लोग पिछले 20 दिन से अधिक समय से बाढ़ की मार से जूझ रहे हैं। राहत के नाम पर कुछ पॉलीथिन शीट और मवेशियों के सूखा चारा उपलब्ध कराया गया है। बाढ़ का हाल यह कि हरूहर नदी के उफान के कारण पानापुर , माफो , दिहकुसुंभा ,गगौर एवं भदोसी पंचायत के कई गांवों में पानी घुस गये थे। जलस्तर घटने के साथ घरों से तो पानी उतरा है। लेकिन, खेतों में अब भी जलभराव की स्थिति बनी हुई है। खेतों में लगी धान, मक्का व अन्य फसलें पूरी तरह से तबाह-बर्बाद हो गयी हैं।
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