Severe Flooding and Storms Devastate Rice Crops in Nalanda Bihar कहीं बाढ़ से तबाही तो कहीं तेज हवा में गिर गयी धान की तैयार फसल, Biharsharif Hindi News - Hindustan
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कहीं बाढ़ से तबाही तो कहीं तेज हवा में गिर गयी धान की तैयार फसल

कहीं बाढ़ से तबाही तो कहीं तेज हवा में गिर गयी धान की तैयार फसलकहीं बाढ़ से तबाही तो कहीं तेज हवा में गिर गयी धान की तैयार फसलकहीं बाढ़ से तबाही तो कहीं तेज हवा में गिर गयी धान की तैयार फसल

Newswrap हिन्दुस्तान, बिहारशरीफSat, 4 Oct 2025 10:23 PM
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कहीं बाढ़ से तबाही तो कहीं तेज हवा में गिर गयी धान की तैयार फसल

कहीं बाढ़ से तबाही तो कहीं तेज हवा में गिर गयी धान की तैयार फसल बिहारशरीफ। पिछले चार दिनों से नालंदा में रुक-रुक कर हो रही बारिश से जनजीवन पर प्रतिकूल असर पड़ा है। खासकर किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। बारिश के साथ तेज हवा चलने से नूरसराय, चंडी, सरमेरा, नगरनौसा समेत अन्य प्रखंडों में धान की तैयार फसल खेतों में गिर गयी है। सरदार बिगहा के किसान धनंजय कुमार, नूरसराय के मनोज कुमार, चंडी के वीरेन्द्र कुमार कहते हैं कि आने वाले कुछ दिनों में तेज बारिश होती है और खेतों में जलजमाव की नौबत बनती है, तो धान की गिरी फसल में लगे दाने पूरी तरह से सड़ कर बर्बाद हो जाएंगे।

तेज बारिश नहीं भी होती है तो भी उपज में तीन से चार फीसद की गिरावट तय है। परेशानी यह भी कि गिरी फसल को हार्वेस्टर से कटाई कराने में फजीहत उठानी पड़ेगी। इधर, लगातार हो रही बारिश के बाद जिले की नदियों के जलस्तर में वृद्धि हो गयी है। शुक्रवार को हिलसा के पश्चिमी इलाके के धुरी बिगहा के पास लोकाइन नदी के तटबंध में कटाव हो गया था। इसके कारण कोरावां, चिकसौरा और मिर्जापुर पंचायत के एक दर्जन से अधिक गांव के करीब तीन हजार बीघे खेतों में जलभराव हो गया है। थोड़ी राहत यह कि शनिवार को प्रशासन द्वारा तटबंध की मरम्मत कर दी गयी है। नदी के जलस्तर में भी गिरावट दर्ज की गयी है। इससे नये इलाकों में पानी फैलना बंद हो गया है। धुरी बिगहा के किसान जगदीश प्रसाद, चिकसौरा के रामप्रवेश प्रसाद व अन्य कहते हैं कि इस साल चार माह में चार बार धुरी बिगहा के पास तटबंध टूटने से खरीफ की खेती चौपट हो गयी। चिंता यह कि खेतों से जल्द पानी नहीं निकला तो रबी की बुआई पर भी संकट मंडराने लगेगा। एक सप्ताह बाद तेलहन व दलहन की बुआई का समय शुरू हो जाएगा। जिरायन नदी के जलस्तर बढ़ने के बाद नहर से छोड़े गये पानी के कारण अस्थावां के ओंदा खंधे के करीब दो हजार बीघे में डेढ़ से दो फीट तक पानी जमा हो गया है। ओंदा के सरपंच अजय कुमार कहते हैं कि पहले बाढ़ से धान की फसल चौपट हो गयी है। अब खंधे में जलभराव होने से रबी पर भी संकट है। करायपरसुराय प्रखंड के किसान राजाराम प्रसाद कहते हैं कि लोकायन नदी से सटे सलेमपुर, बेरथू, कराय आदि गांवों के निचले इलाके खेतों में लगातार हो रही बारिश के कारण जलभराव की समस्या उत्पन्न हो गयी है। रुक-रुक कर हो रही बारिश के कारण ग्रामीण इलाकों में बिजली की ट्रीपिंग की समस्या भी बन गयी है।

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