हिलसा अन्नपूर्णा अनुमंडलीय पुस्तकालय के जीर्णोद्धार पर लगा ग्रहण
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हिलसा अन्नपूर्णा अनुमंडलीय पुस्तकालय के जीर्णोद्धार पर लगा ग्रहण
पुस्तकालय की जमीन पर किसी ने किया दावा, कोर्ट में लंबित है मामला
शिक्षा विभाग और सीओ, दोनों ने नहीं दिया अनापत्ति प्रमाण पत्र
हिलसा, निज प्रतिनिधि।
वर्ष 1936 में स्थापित श्री अन्नपूर्णा अनुमंडलीय पुस्तकालय के जीर्णोद्धार पर ग्रहण लग गया है। पुस्कालय की जमीन पर किसी व्यक्ति ने दावा किया है और कोर्ट में मामला लंबित चल रहा है। इस वजह से शिक्षा विभाग व सीओ ने अनापत्ति पत्र नहीं दिया है। एमएलसी नीरज कुमार ने जीर्णोद्धार, शौचालय निर्माण व समरसेबल के लिए 7.50 लाख रुपये दिया है।
योजना विभाग ने सर्वप्रथम बीईओ से पुस्तकालय के पंजीयन संख्या के साथ अनापत्ति प्रमाण पत्र की मांग की। बीईओ ने पुस्तकालय के पंजीयनकृत नहीं होने की बात कहते हुए अनापत्ति प्रमाण पत्र योजना विभाग को समर्पित किया। इसके बाद सीओ से भूमि संबंधी अनापत्ति प्रमाण पत्र की मांग की गयी। अंचल कार्यालय से जानकारी दी गयी कि पुस्तकालय के लिए रामबाबू की पत्नी ने जमीन दान में दी थी। वर्ष 2002 से इस जमीन पर टाइटल सूट चल रहा है। इस वजह से अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं दिया जा सकता है।
