बैंकों में साइबर ठगी का न हो निवारण, तो लोकपाल के पास करें शिकायत
बैंकों में साइबर ठगी का न हो निवारण, तो लोकपाल के पास करें शिकायत बैंकों में साइबर ठगी का न हो निवारण, तो लोकपाल के पास करें शिकायत बैंकों में साइबर ठगी का न हो निवारण, तो लोकपाल के पास करें शिकायत...

बैंकों में साइबर ठगी का न हो निवारण, तो लोकपाल के पास करें शिकायत आपकी सतकर्ता ही सबसे बड़ा हथियार, डिजिटल लेन देन में बरतें सावधानी पिन नंबर, ओटीपी किसी भी हाल में न करें अनजान के साथ साझा अनजान लिंक को क्लिक करने से आपका खाता हो सकता है खाली नालंदा विश्वविद्यालय में आरबीआई के मुख्य महाप्रबंधक ने दी डिजिटल सेवाओं की जानकारी सुरक्षित डिजिटल बैंकिंग और साइबर फ्रॉड से बचने के बताए टिप्स फोटो : नालंदा आरबीआई : नालंदा विश्विविद्यालय परिसर में शुक्रवार को वित्तीय साक्षरता सह जागरूकता कार्यक्रम में शामिल रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के मुख्य महाप्रबंधक कुमार राजेश रंजन व अन्य। बिहारशरीफ/राजगीर, निज संवाददाता। हम खुद अपनी लालच और अज्ञानता के शिकार हो रहे हैं। थोड़ी सी लालच और डर के कारण लोग साइबर ठगी के शिकार हो रहे हैं। साइबर फ्रॉड से बचने के लिए आप हरदम सतर्क रहें। बावजूद अगर आप इसके शिकार हो जाएं, तो तुरंत बैंकों में शिकायत करें। वहां अगर 30 दिनों में इसका निवारण न हो, तो लोकपाल के पास शिकायत करें। नालंदा विश्विविद्यालय परिसर में शुक्रवार को वित्तीय साक्षरता सह जागरूकता कार्यक्रम में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के मुख्य महाप्रबंधक कुमार राजेश रंजन ने कहा कि आपकी सतकर्ता ही सबसे बड़ा हथियार है। किसी भी तरह के डिजिटल लेन देन या लिंक को क्लिक करने में सावधानी बरतें। अपना पिन नंबर, ओटीपी या अन्य किसी तरह की जानकारी दूसरों के साथ साझा न करें। बैंक इस तरह की कोईजानकारी ग्राहकों से कभी नहीं मांगता है। बावजूद आपको किसी तरह की परेशानी या दुविधा हो, तो अपने बैंक शाखा में जाकर तहकिकात करें। अनजान लिंक को क्लिक करने से आपका खाता खाली हो सकता है। इसमें उन्होंने लोगों को सुरक्षित डिजिटल बैंकिंग और साइबर फ्रॉड से बचने के टिप्स बताए। श्री रंजन ने कहा कि आज के डिजिटल युग में पारदर्शिता और ग्राहकों के अधिकारों की रक्षा बैंकिंग सेवाओं की नींव है। सुरक्षित डिजिटल बैंकिंग प्रथाओं का पालन न केवल ग्राहकों को सशक्त बनाता है, बल्कि यह वित्तीय धोखाधड़ी को रोकने में भी मदद करता है। नालंदा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अभय कुमार सिंह ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के कार्यक्रम युवाओं और ग्राहकों को शिकायत निवारण प्रक्रिया, फेयर प्रैक्टिस कोड, वित्तीय प्रबंधन और साइबर खतरों से बचाव के लिए महत्वपूर्ण जानकारी देता है। आप भी इन जानकारियों को अन्य के साथ साझा करें। ताकि, अधिक से अधिक लोग सुरक्षित रह सकें। आज के समय में अधिकतर लोग किसी न किसी रूप से बैंकिंग सेवाओं से जुड़े हैं। एलडीएम श्रीकांत सिंह ने कहा कि साइबर फ्रॉड करने वाले रोज नई नई तकनीक व लालच के माध्यम से ग्राहकों को ठग रहे हैं। कभी लॉटरी फंसने की बात कही जाती है, तो कभी नौकरी देने की बात। जब आपने आवेदन ही नहीं किया, तब आपका चयन कैसे हो सकता है। इस तरह की लालच या उनके बहकावे में न आएं। आपकी सुरक्षा और बचत बढ़ाना ही हमारा एकमात्र लक्ष्य है। कार्यक्रम में पीएनबी के महाप्रबंधक सुधांशु शेखर दास, एसबीआई के महाप्रबंधक रवींद्र कुमार श्रीवास्तव, क्षेत्रीय प्रबंधक अजीत कुमार व अन्य शामिल थे।
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