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धान खरीद : पैक्सों की शर्तों के आगे हारे किसान, नुकसान सहकर भी बाजार में बेच रहे धान

धान खरीद : पैक्सों की शर्तों के आगे हारे किसान, नुकसान सहकर भी बाजार में बेचधान खरीद : पैक्सों की शर्तों के आगे हारे किसान, नुकसान सहकर भी बाजार में बेचधान खरीद : पैक्सों की शर्तों के आगे हारे किसान,...

धान खरीद : पैक्सों की शर्तों के आगे हारे किसान, नुकसान सहकर भी बाजार में बेच रहे धान
हिन्दुस्तान टीम,बिहारशरीफWed, 08 Feb 2023 10:40 PM
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धान खरीद : पैक्सों की शर्तों के आगे हारे किसान, नुकसान सहकर भी बाजार में बेच रहे धान

नमी व धूल-गर्दा के नाम पर पैक्स एक क्विंटल कर रहा 5 से 6 किलो की कटौती

कई पैक्सों में ट्रैक्टर भाड़ा, बोरा और अनलोडिंग चार्ज भी किया जा रहा वसूल

गोदाम में रखने की जगह किसान को ही कह रहे मिल तक धान पहुंचाने को

फोटो

धान : बिंद के खलिहान में लगी धान की पुंज।

बिहारशरीफ, कार्यालय प्रतिनिधि।

धान खरीद में एक नहीं कई पेच हैं। उसपर पैक्सों के नखरे हजार। नमी व धूल-गर्दा के नाम पर प्रति क्विंटल पांच से छह किलो की कटौती कर दी जा रही है। इससे भी मन नहीं भर रहा है तो कई पैक्स ट्रैक्टर भाड़ा, बोरा और अनलोडिंग चार्ज भी किसान से ही वसूल रहे हैं। हद तो यह कि कुछ पैक्स खरीदा गया धान को गोदाम में न रखकर किसान को ही मिल तक पहुंचाने को कह रहे हैं। नौबत ऐसी कि पैक्सों की शर्तों के आगे धरतीपुत्र हार मान रहे हैं। नुकसान सहकर भी बाजार में उपज बेच रहे हैं। मोटा धान का सरकारी दाम प्रति क्विंटल 2040 रुपया है। जबकि, बिचौलिये 1720 से 1750 रुपए क्विंटल से ज्यादा देने को तैयार नहीं हैं।

कृषि विभाग के आंकड़े बताते हैं कि इस बार जिले में धान की उपज करीब पांच लाख 92 हजार 283 टन हुई है। पिछले साल की अपेक्षा मौसम का साथ और बीमारी का फसलों पर प्रकोप न पड़ने के कारण डेढ़ फीसद अधिक उपज हुई है। जबकि, नालंदा में इस बार एक लाख 92 हजार टन ही धान खरीद का लक्ष्य रखा गया है। अब तक 27 हजार 261 किसानों से एक लाख 68 टन खरीद हो चुकी है। जबकि, धान बेचने के लिए 59 हजार किसानों ने निबंधन कराया था।

पैक्सों की मनमानी व अनदेखी के कारण ज्यादातर किसान खुले बाजार का रुख कर लिया है। इसकी गवाही खाली पड़े गांव-देहात के खेत-खलिहान भी दे रहे हैं। हालांकि, कुछ जगहों पर अब भी धान की पुंज लगी है। ये वैसे किसान हैं जो पैक्सों में धान बेचने के इंतजार में बैठे हैं। कई ऐसे भी हैं जो अभी रबी की खेती में लगे हुए हैं। खेती-बाड़ी का काम खत्म कर धान की दौनी करेंगे। बिंद के किसान मनोज कुमार, नूरसराय के जगदीश प्रसाद, अस्थावां के प्रेमरंजन कुमार कहते हैं कि पैक्स में धान बेचना किसी चुनौती से कम नहीं है। न चाहकर भी बिचौलियों के यहां धान बेचना पड़ रहा है। कारण, धान नहीं बेचेंगे तो रबी खेती कैसे होगी। करायपरसुराय के किसान रामचन्द्र प्रसाद और लालू प्रसाद ने बताया कि काफी भागदौड़ के बाद पैक्स में धान तो बिक गया। लेकिन, नमी के नाम पर क्विंटल में पांच किलो की कटौती कर ली गयी।

48 घंटे में नहीं मिल रही राशि:

धान बेचने वाले किसानों को 48 घंटे में राशि देने का दावा खोखला साबित हो रहा है। पैक्स और राज्य खाद्य निगम के बीच किसान पीस रहे हैं। हद तो यह कि कई किसानों को धान देने के एक माह बाद उनके खाते में राशि आयी। अधिकांश किसानों की शिकायतें यह कि राशि मिलने में देर होने के सवाल पर पैक्स हाथ खड़ा कर लेता है। कहा जाता है कि धान के एवज में राशि का भुगतान करना राज्य खाद्य निगम की जिम्मेवारी है। दोनों के चक्कर नुकसान किसानों को उठाना पड़ता है।

धान खरीद आंकड़ों में :

खरीद का लक्ष्य 1.92 लाख टन

अबतक खरीद 1.68 लाख टन

धान बेचने वाले किसान 27,261

निबंधन कराने वाले किसान 59,732

केस01 :

भाड़ा के साथ अनलोडिंग चार्ज भी देना पड़ा

बिंद के जितेन्द्र कुमार सिन्हा कहते हैं कि पैक्स में 117 बोरा धान बेचा है। प्रति क्विंटल पांच किलो धान ज्यादा लिया गया। ट्रैक्टर भाड़ा, बोरा, अनलोडिंग चार्ज भी खुद ही देना पड़ा। धान बेचने के एक माह में पैसा का भुगतान हुआ। इसी प्रकार की शिकायत बिंद के ही मुन्ना प्रसाद की भी है।

केस02 :

गोदाम में धान न रख मिलर के पास भेज दिया

बेरथू के किसान सुधीर प्रसाद और अजीत कुमार ने बताया कि पैक्स द्वारा धान गोदाम पर जमा न लेकर 25 किलोमीटर दूर मिलर के पास भेज दिया गया है। इससे काफी नुकसान उठाना पड़ा। यही कारण रहा कि परेशानी बचने के लिए ज्यादातर किसान बिचौलियों के यहां औने-पौने दाम में धान बेच दिया।

केस03 :

नहीं की है दौनी, खलिहान में लगी है पुंज

बिंद के किसान टुनटुन सिंह के खलिहान में अब भी धान की पुंज लगी हुई है। वे कहते हैं कि पैक्स में धान बेचना किसी मुसीबत से कम नहीं है। अभी रबी की खेती कर रहे हैं। उसके बाद दौनी कर खुले बाजार में धान बेचेंगे।

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