नानंद में कच्चे नाले से बह रहा गंदा पानी, गंदगी ऐसी कि बिना रुमाल के पार करना मुश्किल
नानंद में कच्चे नाले से बह रहा गंदा पानी, गंदगी ऐसी कि बिना रुमाल के पार करना मुश्किलनानंद में कच्चे नाले से बह रहा गंदा पानी, गंदगी ऐसी कि बिना रुमाल के पार करना मुश्किलनानंद में कच्चे नाले से बह रहा...

नानंद में कच्चे नाले से बह रहा गंदा पानी, गंदगी ऐसी कि बिना रुमाल के पार करना मुश्किल वर्ष 2014 में सांसद ने इस गांव को लिया था गोद, बावजूद नहीं बदली इसकी तकदीर सीएम के आगमन को लेकर दुल्हिन की तरह सजाने में लगे हैं अधिकारी ग्रामीणों में आक्रोश, कहा गांव को सुंदर बनाना हो तो सीएम को बुलवाना होगा फोटो : नानंद01: नानंद गांव का बजबजाता कच्चा नाला। नानंद02: नानंद गांव में सड़क पर बहता गंदा पानी। नालंदा, निज संवाददाता। गिरियक प्रखंड के नानंद गांव में कच्चे नाले से गंदा पानी बह रहा है। कई गलियों में गंदगी ऐसी कि बिना रुमाल के पार करना मुश्किल है। इस बीच हजारों लोग वहां घरों में रहने को मजबूर हैं। वर्ष 2014 में सांसद कौशलेंद्र कुमार ने इस गांव को गोद लिया था। तब ग्रामीणों में विकास की उम्मीद जगी थी। लेकिन, 10 साल बाद भी यहां की तस्वीर व तकदीर नहीं बदली। सीएम के आगमन को लेकर इस गांव को दुल्हिन की तरह सजाने में अधिकारी लगे हैं। देवी मंदिर के पास डेढ़ एकड़ के तालाब में छठ घाट का निर्माण कराया जा रहा है। आधुनिक सुविधाओं से लैस पार्क बनाये जा रहे हैं। समुदायिक भवन का निर्माण अंतिम चरण में है। यहां तक की वॉलीबॉल कोर्ट भी बनाया जा रहा है। नालंदा कलस्टर के तहत बनाये गए भवनों को सजाया जा रहा है। जबकि, गांव के अंदर की स्थिति कुछ और ही कहानी बयां करती है। इस कारण ग्रामीणों में आक्रोश है। उनका कहना है कि गांव को सुंदर बनाने के लिए हर साल सीएम साहब को बुलाना होगा। असल में यहां बने सभी भवन आधे अधूरे हैं। कुछ भवन के प्लास्टर नहीं हुए थे, तो कुछ में दरवाजा खिड़की भी नहीं लगे हैं। लेकिन, आवास सहायक ने जीरो टैगिंग करके पूरी राशि का भूगतान कर दिया। अपनी कमी को छुपाने के लिए प्रशासन इसे दुरुस्त करने में लगा हुआ है। गांव का गंदा पानी कच्चे नाले से निकल रहा है। गांव के कई नाले भरे हुए हैं। ग्रामीण राकेश कुमार, नरेश प्रसाद, कौशल कुमार, गोवर्धन यादव व अन्य ने बताया कि नानंद पंचायत में 14 वार्ड हैं। इसमें 12 वार्ड नानंद गांव में ही हैं। सात निश्चय के तहत बनाए जाने वाली नाली का निर्माण किसी वार्ड में नहीं हुआ है। कच्चे नाले से पानी बहने के कारण उसमें से दुर्गंध आ रहा है। लोग नाक पर कपड़ा रखकर आने जाने को अभिशप्त हैं। नाले भरे हुए रहने के कारण कई जगह घर का गंदा पानी सड़कों पर ही बहता है। यहां तक कि पेय जल के लिए पाइप बिछाने के लिए गली में गड्ढे कर दिए गए हैं। वह भी अब तक दुरुस्त नहीं किया गया है। इससे आनेजाने वाले लोगों को काफी परेशानी होती है। अब मुख्यमंत्री की प्रगति यात्रा के दौरान नानंद गांव आने की सूचना पर प्रशासन अपनी कमियों को छुपाने के लिए गांव के बाहर युद्धस्तर पर काम करवा रहा है। एसडीओ कुमार ओमकेश्वर ने कहा कि गांव में नाली नहीं है। यह बात अभी तक मेरे संज्ञान में नहीं आयी थी। गांव में नाली नहीं बनने के कारणों की जांच करायी जाएगी। दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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