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नालंदा के आलू से बनेगा चिप्स, फ्रेंच फ्राई और भुजिया

नालंदा के आलू से बनेगा चिप्स, फ्रेंच फ्राई और भुजिया नालंदा के आलू से बनेगा चिप्स, फ्रेंच फ्राई और भुजिया नालंदा के आलू से बनेगा चिप्स, फ्रेंच फ्राई और भुजिया नालंदा के आलू से बनेगा चिप्स, फ्रेंच...

नालंदा के आलू से बनेगा चिप्स, फ्रेंच फ्राई और भुजिया
हिन्दुस्तान टीम,बिहारशरीफWed, 28 Apr 2021 08:10 PM
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हिन्दुस्तान एक्सक्लूसिव :

नालंदा के आलू से बनेगा चिप्स, फ्रेंच फ्राई और भुजिया

किसान लगाएंगे प्रोडक्ट बनाने की यूनिट, सरकार देगी अनुदान

मशीनें लगा खुद करेंगे प्रोसेसिंग, ग्रेडिंग, मेकिंग और पैकेजिंग

चयनित किसानों को डेमो के माध्यम से मिलेगा प्रशिक्षण

ऑनलाइन आवेदन लेने की प्रक्रिया शुरू

फोटो

आलू : बाजार में बेचने के लिए रखा आलू।

बिहारशरीफ। कार्यालय प्रतिनिधि/रामाशंकर

नालंदा के आलू उत्पादक मालामाल होंगे। आलू के चिप्स, फ्रेंच फ्राई, भुजिया व अन्य प्रोडक्ट बनाएंगे। खुद ही प्रोसेसिंग, ग्रेडिंग, मेकिंग और पैकेजिंग करेंगे। प्रोडक्ट बनाने की यूनिट लगाने के लिए धरती पुत्रों को सरकार अनुदान देगी। ऑनलाइन आवेदन लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है। सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो बहुत जल्दा नालंदा मेड आलू के प्रोडक्ट बाजारों में उतार दिये जाएंगे।

प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम उन्नयन योजना के तहत विशेष फसल खेती में सूबे के सभी जिलों को शामिल किया गया है। इसमें नालंदा के आलू का भी चयन किया गया है। योजना की खासियत यह कि इच्छुक किसान खुद के साथ ही समूह और संगठन बनाकर आलू के अलग-अलग प्रोडक्ट बनाने की यूनिट लगा सकते हैं। कुछ दिन पहले ही नालंदा के किसानों को उद्यान विभाग द्वारा वर्चुअल मीटिंग में आवेदन करने के तरीके के बारे में पूरी जानकारी दी गयी है। अगर किसी किसान को ऑनलाइन आवेदन करने में कोई परेशानी है तो वे जिला उद्यान कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं।

यूनिट लगाने के लिए 10 लाख अनुदान :

आलू के अलग-अलग प्रोडक्ट बनाने के लिए किसानों को सरकार अनुदान देगी। आवेदन जमा लिये जा रहे हैं। शर्तों को पूरा करने वाले किसान को यूनिट की लागत की 35 फीसदी सब्सिडी मिलेगी। अधिकतम 10 लाख तक किसान अनुदान ले सकते हैं।

प्रोडक्ट बनाने के तरीके सिखाएंगे एक्सपर्ट:

किसानों को योजना का ज्यादा से ज्यादा लाभ देने के लिए एक्सपर्ट प्रशिक्षण देंगे। इसके लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर वेजिटेबल, चंडी में आलू की ग्रेडिंग और प्रोसेसिंग की मशीन लगायी गयी है। यहां डेमो के माध्यम से किसानों को प्रोडक्ट बनाने की बारीकियां सिखायी जाएंगी।

किसानों को लाभ ही लाभ:

किसानों को कई लाभ मिलेंगे। अब उन्हें न आलू के खराब होने का डर सताएगा और न उत्पादित फसल को बेचने की चिंता। उद्यान विभाग ट्रेनिंग के साथ प्रोसेसिंग और मार्केटिंग में पूरी मदद करेगा। उपज की वाजिब कीमत मिलेगी। व्यापारियों के हाथों किसान ठगे नहीं जाएंगे।

28 हजार हेक्टेयर में होती है खेती:

नालंदा आलू उत्पादन में सूबे में अव्वल है। यहां करीब 28 हजार हेक्टेयर में आलू की खेती होती है। हर सीजन में औसत एक लाख 71 हजार 346 टन उत्पादन होता है। लेकिन, रखने की समस्या के कारण किसान औने-पौने दाम में खेत से ही आलू बेच देते हैं। आलू को स्टोर करने के लिए जिले में 17 कोल्ड स्टोरेज हैं। इनकी क्षमता करीब 57 हजार 433 टन है।

ऑनलाइन करें आवेदन :

योजना का लाभ पाने के लिए किसान उद्यान विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन करें। आवेदन करते समय नाम व पता, आधार नंबर, पैन नंबर, किसान निबंधन संख्या और कौन सा प्रोडक्ट बनाने की यूनिट लगाना चाहते हैं, उसकी पूरी जानकारी देनी होगी।

आलू में पोषक तत्वों की भरमार :

आलू में कार्बोहाईड्रेट, प्रोटीन, खनिज-लवण, बीटा कैरोटीन, विटामिन ए, सी, बी1, बी2, बी6, फोलिक अम्ल आदि प्रचूर मात्रा में पाए जाते हैं। वैसे तो आलू का प्रमुख घटक स्टार्च होता है। लेकिन, यह प्रोटीन से भरपूर होता है। आलू के कंदों में शर्करा के तमाम प्रकार जैसे सुक्रोज, ग्लुकोज और फ्रक्टोस पाए जाते हैं। आलू में कई औषधीय गुण भी हैं।

किस प्रोडक्ट की यूनिट लगा सकते हैं किसान :

1. पोटेटो चिप्स

2. पोटेटो फ्रेंच फ्राई

3. आलू भुजिया

4. पोटेटो फ्लैक्स

5. पोटेटो बेस्ड स्नैक्स

मुख्य बातें

28 हजार हेक्टेयर में नालंदा में होती आलू की खेती।

01 लाख 71 हजार 346 टन एक सीजन में होता है उत्पादन

कहते हैं अधिकारी :

प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम उन्नयन योजना किसानों के लिए वरदान साबित होगी। नालंदा के आलू की ब्रांडिंग भी की जाएगी। किसान अलग-अलग प्रोडक्ट तैयार कर बाजार में बेचेंगे तो उनकी आमदनी बढ़ेगी। किसानों से ऑनलाइन आवेदन लिये जा रहे हैं।

ज्ञानचंद, जिला उद्यान पदाधिकारी, नालंदा

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